जयपुर. बाड़मेर जिले में मटके से पानी पीने पर दलित छात्र के साथ मारपीट के मामले में राज्य बाल संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया है. आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने प्रकरण में बाड़मेर पुलिस अधीक्षक से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है. आयोग की अध्यक्ष बेनीवाल ने बताया कि शिक्षा के मंदिर में अध्यापक ने बेवजह नाबालिग छात्र को मटके से पानी पीने जैसी मामूली बात पर पीटना घोर संकीर्ण मानसिकता का परिचायक है.
मानसिक पटल पर विपरीत प्रभाव पड़ता है : संगीता बेनिवाल ने कहा कि बाड़मेर जिले के चौहटन क्षेत्र के सरकारी स्कूल में दलित स्कूली छात्र के साथ अध्यापक ने मारपीट की, क्योंकि उसने मटके से पानी पी लिया था. जानकारी के अनुसार स्कूल में कार्यरत अध्यापक ने 12वीं कक्षा में अध्ययनरत 17 साल के नाबालिग विद्यार्थी के साथ मारपीट की और जातिसूचक शब्दों से अपमानित भी किया है. इस घटना को आयोग की ओर से गंभीरता से लिया गया है. इस घटना से विद्यालय में अध्ययनरत अन्य छात्र-छात्राओं के मानसिक पटल पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. जिला पुलिस अधीक्षक को मामले मे त्वरित सम्पूर्ण कार्रवाई कर तथ्यात्मक रिपोर्ट आयोग को अविलम्व भेजने के निर्देश दिए गए हैं.
ये हुई घटना : बता दें कि बाड़मेर जिले के चौहटन थाना क्षेत्र के एक सरकारी स्कूल में 12वीं में पढ़ने वाले छात्र के पिता ने आरोप लगाया है कि उसके बेटे के साथ स्कूल अध्यापक ने मारपीट की है. बेटे का कसूर इतना था कि उसने स्कूल में रखे मटके से पानी पी लिया. आरोप है कि यह देख टीचर डूंगरा राम नाराज हो गया और उसके साथ बुरी तरह मारपीट की. मारपीट से छात्र सदमे हैं, पुलिस में मामला दर्ज कराया गया है.