जयपुर. कांग्रेस पार्टी की ओर से मई 2022 में राजस्थान के उदयपुर में तीन दिवसीय नव संकल्प शिविर का आयोजन हुआ था, जिसमें कई प्रस्तावों पर मुहर लगी थी. इनमें अधिकतम 180 दिनों में देशभर में कांग्रेस पार्टी ब्लॉक, जिला, प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर सभी नियुक्तियां पूरी करना शामिल था, लेकिन हालात ये हैं कि 1 साल से ज्यादा गुजर जाने के बाद भी ये संकल्प पूरा नहीं हो सका. राजस्थान चुनाव में 180 दिनों से भी कम समय बचा है, लेकिन पार्टी की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी जिला अध्यक्ष और जिला कार्यकारिणी अब तक नहीं बन सकी है.
राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के संगठन में जो 39 जिला अध्यक्ष होते हैं, उनमें से केवल 7 जिला अध्यक्ष ही वर्तमान समय में काम कर रहे हैं. बाकी सभी जिला अध्यक्ष निवर्तमान हो चुके हैं. जिला अध्यक्ष और जिला कार्यकारिणी बनाए जाने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ता आलाकमान की ओर टकटकी लगाकर देख रहे हैं. सुखजिंदर सिंह रंधावा के राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी बनने के बाद उनसे लगातार संगठन के निर्माण को लेकर सवाल पूछे जा रहे हैं.
85 सचिव नियुक्त, उनपर भी लगाई रोक : इस बीच उन्होंने राजस्थान में ब्लॉक कांग्रेस, मंडल कांग्रेस का तो गठन कर दिया, लेकिन प्रदेश और जिला कार्यकारिणी में नियुक्तियां करने में वह असफल रहे. यही कारण है कि 27 मई को प्रभारी रंधावा ने अपने स्तर पर प्रदेश कांग्रेस में 85 सचिव नियुक्त कर दिए, लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने इस सूची को बिना राष्ट्रीय अध्यक्ष की परमिशन के जारी होने की बात कहते हुए होल्ड पर डाल दिया. अब ऐसे में साफ है कि जब तक कांग्रेस आलाकमान नामों पर अंतिम मुहर नहीं लगाता है, रंधावा भी संगठन में नियुक्तियों को लेकर कोई बात नहीं रखेंगे.
2020 में भंग किया गया था संगठन : साल 2020 में जब सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया गया था, उसी समय राजस्थान के पूरे कांग्रेस संगठन को भंग कर दिया गया था. प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की नियुक्ति तो भले ही उसी दिन कर दी गई थी, लेकिन उनकी 40 सदस्यों की छोटी कार्यकारिणी बनने में भी 6 महीने का समय लगा. इसके बाद करीब 2 साल तक कोई नियुक्तियां नहीं हो सकी.
13 जिला अध्यक्षों में से 5 को हटाना पड़ा : इसी साल कांग्रेस पार्टी ने ब्लॉक और मंडल स्तर पर नियुक्तियां की, लेकिन जिला कांग्रेस कमेटियां और उनके अध्यक्ष बनाए जाने अभी बाकी हैं. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने 2022 के शुरुआत में 13 जिला अध्यक्ष तो बनाए लेकिन उनमें से भी 5 जिलाध्यक्ष उदयपुर नव संकल्प के निर्णय के चलते हटाने पड़े, क्योंकि पार्टी ने यह तय किया है कि जो नेता संगठन में 5 साल से एक पद पर है उसे दोबारा उसी पद पर नियुक्ति नहीं दी जाएगी.