जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पट्टे जारी करने में अनियमिता के आरोप से जुड़े मामले में ब्यावर नगर परिषद चेयरमैन को राहत दी है. अदालत ने चेयरमैन को निलंबित करने के आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश नरेश कुमार की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता वर्ष 2019 में नगर परिषद में निर्वाचित हुआ था. वहीं कांग्रेस से सभापति प्रत्याशी रहे गोविंद पंडत की ओर से डीएलबी में शिकायत करने पर उसे गत 17 जून को निलंबित कर दिया गया. जबकि निलंबन की संपूर्ण पत्रावली में सरकार की अनुमति नहीं थी. इस पर हाईकोर्ट ने 23 नवंबर को आदेश जारी कर निलंबन को रद्द कर दिया.
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याचिका में कहा गया कि गत 16 दिसंबर को शिकायत पर विभाग ने पूर्व के निलंबन आदेश को वापस लेते हुए न्यायिक जांच लंबित रहने का आधार बताकर याचिकाकर्ता को पुनः निलंबित कर दिया. विभाग ने निलंबन आदेश में कहा कि यदि वे पद पर बने रहे तो न्यायिक जांच को प्रभावित कर सकते हैं. इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि विभाग ने अपने निष्कर्ष में याचिकाकर्ता को सुपरविजन में लापरवाही का दोषी माना, लेकिन आरोप पत्र में अभद्र व्यवहार को भी जोड़ दिया.
इसके अलावा 16 दिसंबर के निलंबन आदेश में 17 जून के निलंबन आदेश को वापस लेने की बात कही गई, जबकि पुराना निलंबन हाईकोर्ट ने रद्द किया था. याचिका में यह भी कहा गया कि डीजे कैडर न्यायिक अधिकार न्यायिक जांच कर रहा है. ऐसे में याचिकाकर्ता जांच को कैसे प्रभावित कर सकता है. विभाग की ओर से न्यायिक जांच प्रभावित करने का आरोप अपने आप में संबंधित अधिकारी की निष्ठा पर प्रश्न चिन्ह लगाता है और अवमानना कारक भी है. ऐसे में निलंबन आदेश को रद्द किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने निलंबन आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी है.