जयपुर. राजस्थान हाइकोर्ट ने कांग्रेस के 91 विधायकों की ओर से दिए इस्तीफों (Resignation of 91 Rajasthan Congress MLAs) पर निर्णय नहीं करने पर विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी और सचिव को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस वीके भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ की जनहित याचिका पर दिए.
याचिका में कहा गया कि कांग्रेस के 91 विधायकों ने गत 25 सितंबर को विधानसभा स्पीकर को अपने इस्तीफे सौंपे थे. इसके बाद 18 अक्टूबर, 19 अक्टूबर, 12 नवंबर और 21 नवंबर को याचिकाकर्ता ने स्पीकर को प्रतिवेदन देकर दिए गए इस्तीफे को लेकर निर्णय करने का आग्रह किया था. इसके बावजूद भी स्पीकर ने अब तक इन इस्तीफों को लेकर कोई निर्णय नहीं किया है.
पढ़ें- कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे का मामला, राजेंद्र राठौड़ की याचिका पर HC में सुनवाई आज
याचिका में कहा गया कि यदि कोई विधायक इस्तीफा स्वयं पेश करता है तो विधानसभा प्रक्रिया नियम 173 के तहत स्पीकर के पास इस्तीफा स्वीकार करने के अतिरिक्त और कोई विकल्प नहीं होता. सिर्फ इस्तीफा स्वैच्छिक और जेन्युइन है या नहीं, को लेकर ही जांच की जा सकती है. याचिका में यह भी कहा गया कि यह असंभव है कि इतनी बड़ी संख्या में विधायकों से जबरन इस्तीफों पर हस्ताक्षर करवाए गए हो या उनके फर्जी हस्ताक्षर किए गए हो.
पढ़ें- Rajasthan High Court: 91 कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे देने का मामला पहुंचा हाईकोर्ट
विधायकों के इस्तीफे देने के चलते सरकार सदन में अपना विश्वास खो चुकी है. इसके बावजूद भी इस्तीफा देने वाले मंत्रिमंडल और मंत्रिपरिषद सहित अन्य सरकारी बैठकों में शामिल हो रहे हैं. याचिका में भी गुहार की गई है कि इस्तीफा देने वाले विधायकों के नाम सार्वजनिक किए जाएं और बतौर विधायक इनका विधानसभा में प्रवेश से रोका जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने स्पीकर और सचिव से जवाब मांगा है.
भाजपा नेताओं ने कही ये बातः भाजपा राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने कहा कि आज राजस्थान उच्च न्यायालय ने राजस्थान विधानसभा के स्पीकर को नोटिस जारी किया है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों राजस्थान पिछले 4 साल से कांग्रेस का जो अंतकर्लह और अतंर्विरोध था, जिसकी परिणिति विधायकों के इस्तीफे से हुई. विधायकों ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर स्पीकर के घर पर व्यक्तिगत इस्तीफे दिए . इस्तीफा देने के बाद भी मंत्री और विधायक कामकाज कर रहे हैं, सरकारी दफ्तर चला रहे हैं. मंत्रीगण, तबादलों के आदेश कर रहे हैं, फाइलों पर साइन कर रहे हैं, इस्तीफे के बाद भी सरकार चल रही है, यह सोचने वाली बात है.
पूनिया ने कहा कि सामान्य तौर पर ऐसे दिए हुए इस्तीफों पर संज्ञान लिया जाता है, लेकिन स्पीकर उस पर अनिर्णय की स्थिति में थे और न्यायालय को दखल करना पड़ा. उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ की इस पीआईएल पर यह पहल न्यायालय ने की है, स्वागत योग्य तो है ही. लेकिन स्पीकर को यह सोचना है या कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व को सोचना है कि इन इस्तीफों से राजस्थान में जो अस्थिरता हुई है उसका क्या होगा?. उन्होंने कहा कि इस्तीफे के बाद भी सरकार चल रही है, यह सोचने वाली बात है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के किस्सा कुर्सी के कारण राजस्थान में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल बना है.