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सैनेटरी नैपकिन की मशीन लगाने को लेकर अपना रुख स्पष्ट करे राज्य सरकार: राजस्थान हाईकोर्ट

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Published : Nov 2, 2019, 10:39 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से प्रदेश की सरकारी स्कूल और कॉलेजों में जहां छात्राओं की संख्या सौ से अधिक है, वहां सैनेटरी नैपकिन की मशीन लगाने को लेकर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है. साथ ही अदालत ने स्कूलों के विद्युतिकरण की कार्य योजना को भी पेश करने को कहा है.

राजस्थान हाईकोर्ट, Rajasthan High Court

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से प्रदेश की सरकारी स्कूल और कॉलेजों में खासकर जहां छात्राओं की संख्या सौ से अधिक है, वहां सैनेटरी नैपकिन की मशीन लगाने को लेकर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है. अदालत ने सरकार को सरकारी और उद्योगपतियों की सहायता से संचालित 25 हजार 674 स्कूलों के विद्युतिकरण की कार्य योजना भी पेश करने को कहा है.

मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश मोहम्मद रफीक की खंडपीठ ने यह आदेश राधा शेखावत की ओर से दायर जनहित याचिका पर दिए. अदालत ने सरकार से पूछा है कि सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं और शिक्षकों के लिए वाटर सेनिटेशन हाईजीन नियमों के तहत तय अनुपात में शौचालय और यूरिनल लगाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं.

पढ़ेंः जांच आयोग की रिपोर्ट पर सरकार कार्रवाई करने को बाध्य नहींः महाधिवक्ता

अदालत ने कहा कि तय नियमों के तहत 40 छात्राओं और 80 छात्रों पर एक-एक शौचाालय और बीस-बीस छात्र-छात्राओं के लिए एक-एक यूरिनल होना चाहिए. सुनवाई के दौरान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से अदालत में रिपोर्ट पेश की गई. वहीं, राज्य सरकार की ओर से रिपोर्ट पर जवाब देने के लिए समय मांगा गया. अदालत ने मामले की सुनवाई 15 नवंबर तक टालते हुए राज्य सरकार से सैनेटरी नैपकिन, बिजली और शौचालय के संबंध में जवाब पेश करने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से प्रदेश की सरकारी स्कूल और कॉलेजों में खासकर जहां छात्राओं की संख्या सौ से अधिक है, वहां सैनेटरी नैपकिन की मशीन लगाने को लेकर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है. अदालत ने सरकार को सरकारी और उद्योगपतियों की सहायता से संचालित 25 हजार 674 स्कूलों के विद्युतिकरण की कार्य योजना भी पेश करने को कहा है.

मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश मोहम्मद रफीक की खंडपीठ ने यह आदेश राधा शेखावत की ओर से दायर जनहित याचिका पर दिए. अदालत ने सरकार से पूछा है कि सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं और शिक्षकों के लिए वाटर सेनिटेशन हाईजीन नियमों के तहत तय अनुपात में शौचालय और यूरिनल लगाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं.

पढ़ेंः जांच आयोग की रिपोर्ट पर सरकार कार्रवाई करने को बाध्य नहींः महाधिवक्ता

अदालत ने कहा कि तय नियमों के तहत 40 छात्राओं और 80 छात्रों पर एक-एक शौचाालय और बीस-बीस छात्र-छात्राओं के लिए एक-एक यूरिनल होना चाहिए. सुनवाई के दौरान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से अदालत में रिपोर्ट पेश की गई. वहीं, राज्य सरकार की ओर से रिपोर्ट पर जवाब देने के लिए समय मांगा गया. अदालत ने मामले की सुनवाई 15 नवंबर तक टालते हुए राज्य सरकार से सैनेटरी नैपकिन, बिजली और शौचालय के संबंध में जवाब पेश करने को कहा है.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से प्रदेश की सरकारी स्कूल और कॉलेजों में, खासकर जहां छात्राओं की संख्या सौ से अधिक है, वहां सैनेटरी नेपकिन मशीन लगाने को लेकर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है। अदालत ने सरकार को सरकारी और उद्योगपतियों की सहायता से संचालित 25 हजार 674 स्कूलों के विद्युतिकरण की कार्य योजना भी पेश करने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश मोहम्मद रफीक की खंडपीठ ने यह आदेश राधा शेखावत की ओर से दायर जनहित याचिका पर दिए।
Body:अदालत ने सरकार से पूछा है कि सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं और शिक्षकों के लिए वाटर सेनिटेशन हाईजीन नियमों के तहत तय अनुपात में शौचालय और यूरिनल लगाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। अदालत ने कहा कि तय नियमों के तहत चालीस छात्राओं और अस्सी छात्रों पर एक-एक शौचाालय और बीस-बीस छात्र-छात्राओं के लिए एक-एक यूरिनल होना चाहिए।
सुनवाई के दौरान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से अदालत में रिपोर्ट पेश की गई। वहीं राज्य सरकार की ओर से रिपोर्ट पर जवाब देने के लिए समय मांगा गया। अदालत ने मामले की सुनवाई 15 नवंबर तक टालते हुए राज्य सरकार से सैनेटरी नेपकिन, बिजली और शौचालय के संबंध में जवाब पेश करने को कहा है।Conclusion:
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