जयपुर. राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत आज हंगामेदार रही. पेपर लीक मामले में हंगामे और नारेबाजी के बीच राज्यपाल कलराज मिश्र ने अभिभाषण का कुछ हिस्सा ही पढ़ा और उसे पढ़ा हुआ मान लिया गया. इसके बाद जब दोबारा विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो भाजपा के विधायक शांत रहे लेकिन RLP के तीनों विधायक पुखराज गर्ग, नारायण बेनीवाल और इंदिरा देवी वेल में आ गए और पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर जबरदस्त हंगामा और नारेबाजी करने लगे (3 RLP MLAs Expelled).
स्पीकर की नहीं सुनी- हंगामे और नारेबाजी के बीच स्पीकर सीपी जोशी ने तीनों नेताओं से अपनी जगह जाने और विधानसभा में पोस्टर लहराने से मना किया. तीनों विधायक नहीं माने और उन्होंने सदन में विरोध प्रदर्शन जारी रखा. जिसके बाद गुस्से में स्पीकर सीपी जोशी ने तीनों विधायकों को मार्शल से बाहर निकालने के निर्देश दिए. तीनों विधायकों इंदिरा देवी, नारायण बेनीवाल और पुखराज गर्ग को आज सोमवार की सदन की कार्यवाही से निष्कासित कर दिया.
संशोधन विधेयक राज्यपाल ने लौटाया- उधर, भाजपा के समय 12 साल तक की बच्चियों के साथ दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म करने पर फांसी की सजा वाला दण्ड विधियां राजस्थान संशोधन विधेयक 2018 राज्यपाल ने लौटा दिया. राजस्थान विधानसभा में साल 2018 में वसुंधरा राजे के दौर में 12 साल की बच्चियों से दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म पर फांसी और आजीवन सजा के लिए ये विधेयक लाया गया था. इसी संशोधन विधेयक को राज्यपाल कलराज मिश्र ने राज्य सरकार को पुनर्विचार के लिए लौटा दिया. राज्य सरकार की ओर से इस बिल को पुनर्विचार के लिए वापस लेने के लिए राज्यपाल से आग्रह किया, जिसे राज्यपाल ने स्वीकार करते हुए पुनर्विचार के लिए लौटा दिया.