जयपुर. लोकसभा में 128वां संविधान संशोधन बिल यानी नारी शक्ति वंदन विधेयक पेश किया गया. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश किया. इसके मुताबिक लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% रिजर्वेशन लागू किया जाएगा. केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद देश भर से महिलाओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. मोदी सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए महिलाओं ने इसे सर्वांगीण विकास में मील का पत्थर बताया.
सर्वांगीण विकास में मील का पत्थर : सामाजिक कार्यकर्ता मनीषा सिंह ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि ये फैसला देश की महिलाओं के सर्वांगीण विकास में मील का पत्थर साबित होगा. यह बहुत सराहनीय कदम है. राजनीतिक पार्टियां महिलाओं को प्रलोभन देती थी कि टिकटों में भागीदारी बढ़ेगी, लेकिन कभी ये हो नहीं पाया. अब केंद्र की मोदी सरकार 33 फीसदी आरक्षण का प्रावधान लेकर आ रही है, इससे निश्चित रूप से महिलाओं की भागीदारी और मजबूत होगी. देश में महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं. अब महिलाओं को आरक्षण के जरिए उनके अधिकार मिलेंगे तो ज्यादा महिलाएं आगे आ पाएंगी. उन्होंने कहा कि लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी. इससे महिलाओं की समस्याओं पर भी ज्यादा कार्य होगा. महिला सुरक्षा के बारे में ज्यादा बात होगी. महिला सशक्तिकरण को लेकर भी काम होगा. यह निश्चित रूप से महिलाओं को आगे बढ़ाने में काम आएगा.
आरक्षण की जरूरत क्यों : सामाजिक कार्यकर्ता नेहा खुल्लर कहती हैं कि यह अच्छी बात है कि महिलाओं के अधिकारों की बात हो रही है. राजनीति में भागीदारी के लिए उन्हें आरक्षण दिया जा रहा है, लेकिन इसके साथ हम यह भी चाहेंगे कि समाज में बदलाव लाने की जरूरत है. आखिर आरक्षण की जरूरत ही क्यों पड़ रही है ? हम कहते हैं पुरुष प्रधान समाज है, यह गलत है. आज वक्त के हिसाब से आरक्षण का ये प्रावधान अच्छा है, इससे महिलाएं आगे आ पाएंगी. उनको आगे आने का मौका मिलेगा. नेहा ने कहा कि जो महिलाएं चुनकर आएंगी उनसे भी यही निवेदन होगा कि वह सक्षम बनें और दूसरी महिलाओं को भी सक्षम बनाएं, ताकि उनके लिए सही फैसला हो सके. महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी तो उनकी विकास की दिशा में काम होगा.
आज ऐतिहासिक दिन है : एंटरप्रेन्योर सपना महांति ने कहा कि आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है. ये दिन ऐतिहासिक है, क्योंकि आज के दिन महिलाओं के लिए राजनीति में आरक्षण की बात हो रही है. लंबे समय से महिलाओं के अधिकारों की बात होती रही है, अब महिलाओं को यह बिल उनके अधिकार देगा. भारत में पुरुष प्रधान देश की सोच है, लेकिन अब महिलाओं को आगे आने का मौका मिलेगा. वहीं, स्टूडेंट वंशिका राजावत ने भी मोदी सरकार के इस फैसले को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इस फैसले से राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी. खास तौर से युवावर्ग को ज्यादा मौका मिलेगा. वंशिका ने कहा कि इस फैसले को हमें अपॉर्चुनिटी के रूप में देखना चाहिए कि महिलाओं को उनकी आवाज रखने का एक मंच मिलेगा और विकास के लिए और तेज गति से काम कर सकेंगी.