जयपुर. राजस्थान कांग्रेस में इस बार चुनावों की स्ट्रेटजी में कांग्रेस वार रूम का खासा असर दिखने वाला है. कर्नाटक में वार रूम का जिम्मा सम्भालने वाले शशिकांत सेंथिल को राजस्थान कांग्रेस के वार रूम का जिम्मा सौंपा गया है. सेंथिल बीते 15 दिनों से जयपुर में डेरा डाल हुए हैं. शशिकांत सेंथिल ने बुधवार को राजस्थान कांग्रेस के सभी सचिवों के साथ बैठक की और इस बैठक में सचिवों को साफ तौर पर कहा गया कि उन्हें चुनाव में अपने-अपने प्रभार वाले जिलों की विधानसभा में ध्यान देना होगा.
सेंथिल के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी अपने सचिवों की क्लास लेने पहुंचे. इस दौरान प्रदेश डोटासरा ने अपने सचिवों को चुनावी मंत्र और संगठन की ताकत के बारे में अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि वह 1981 में कांग्रेस पार्टी से जुड़े थे. डोटासरा ने कहा कि संगठन के अध्यक्ष का पद सबसे महत्वपूर्ण होता है, लेकिन मैं उन अध्यक्षों में से नहीं हूं जो अपनी कुर्सी को बीच में लगवाने में ज्यादा भरोसा करते हैं. मैं तो पद की गरिमा के अनुसार कोने में बैठकर भी काम करने में संकोच नहीं करता हूं. डोटासरा ने कहा कि यही कारण है कि मुख्यमंत्री को राहुल गांधी की सभा में जब जिला अध्यक्ष मंच पर बैठे दिखाई दिए और विधायक सामने कुर्सियों पर, तो उन्हें कहना पड़ा कि यह काम या तो सीपी जोशी कर सकते थे या फिर डोटासरा ने करके दिखाया.
बताया कर्नाटक चुनाव में जीत का फॉर्मूला: शशिकांत सेंथिल ने इस दौरान कर्नाटक चुनाव को लेकर अपनी बात रखी. इस दौरान सेंथिल ने कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की रणनीति को लेकर राजस्थान कांग्रेस के सचिवों को अवगत करवाया. उन्होंने बताया कि कैसे 40% करप्शन को उन्होंने कर्नाटक में मुद्दा बनाया जो जनता से जुड़ा. सेंथिल ने राजस्थान कांग्रेस के सचिवों से कहा कि संगठन के नेताओं को अपने-अपने प्रभार वाले जिलों में जाकर जी जान से जुटना होगा और कांग्रेस को जीत दिलाने में पूरा योगदान देना होगा, ताकि कांग्रेस नेताओं के सहारे बेहतर रणनीति को हर क्षेत्र में पहुंच सके और जानकारी मिल सके कि कमजोरी कहां है.