जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस और खास तौर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इलेक्शन मैनेजमेंट पर इस दफा सबकी निगाहें हैं. इसके पीछे बड़ी वजह गहलोत की तरफ से चुनावी मुहिम को बीजेपी के मुकाबले बनाने के लिए पीआर एजेंसी की मदद लिया जाना है. पंजाब के नरेश अरोड़ा की कंपनी ड्रीम बॉक्स के जरिए गहलोत इस बार की वैतरणी को पार करना चाहते हैं. इस मर्तबा उनके सामने पार्टी के विधायकों का बीते पांच साल का प्रदर्शन, कांग्रेस में आंतरिक कलह और पीएम मोदी का चेहरा चुनौती के रूप में होगा. ऐसे में गहलोत साफ तौर पर कह चुके हैं कि वे अपनी योजनाओं के दम पर चुनाव जीतकर आएंगे, लेकिन उनके दावे के पीछे रणनीति में बदलाव को सियासी हलकों में गौर किया जा रहा है.
गहलोत ने बदल दिया अंदाजः करीब छह महीने से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ड्रीम बॉक्स नाम की कंपनी अपनी सेवाएं सक्रिय रूप से दे रही है. इस कंपनी के आने के बाद टीवी से लेकर अलग-अलग समाचार के माध्यमों पर गहलोत सरकार की खबरों में प्रचार की झलक साफ तौर पर नजर आ रही है. हर काम को सादगी के साथ करने वाले गहलोत इस दफा इवेंटफुल बना रहे हैं. हाल ही में जिस तरह से महंगाई राहत शिविर को लेकर प्रदेशभर में सड़कों पर एक कलर थीम के साथ प्रचार किया गया, इस पर सबकी निगाह रही.
खास बात है कि इस पीआर कंपनी की प्रचार मुहिम में न तो कांग्रेस आलाकमान नजर आ रहे हैं और न ही प्रदेश का संगठन. हर जगह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के चेहरे पर पांच साल के राज की सुशासन वाली तस्वीर, जनकल्याण की योजनाएं और राजस्थान का उज्ज्वल स्वरूप बयान किया जा रहा है. गहलोत बीजेपी की तरफ से राजस्थान में चुनावी चेहरे के रूप में प्रोजेक्ट किए गए मोदी के फेस को अपनी छवि से सीधी टक्कर दे रहे हैं. सोमवार को भी जिस तरह से 500 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर वाली योजना के प्रचार का खाका तैयार किया गया, उस पर सबकी निगाह रही थी.
-
Not only did DK Shivakumar win with a bigger margin than any other candidate, all other candidates on his seat lost their deposits! A rare feat in any election.
— Naresh Arora (@nishuarora) May 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Congratulations to @DKShivakumar, it’s been a pleasure working with you.#KarnatakaElectionResults https://t.co/L4VJOoPbmn
">Not only did DK Shivakumar win with a bigger margin than any other candidate, all other candidates on his seat lost their deposits! A rare feat in any election.
— Naresh Arora (@nishuarora) May 13, 2023
Congratulations to @DKShivakumar, it’s been a pleasure working with you.#KarnatakaElectionResults https://t.co/L4VJOoPbmnNot only did DK Shivakumar win with a bigger margin than any other candidate, all other candidates on his seat lost their deposits! A rare feat in any election.
— Naresh Arora (@nishuarora) May 13, 2023
Congratulations to @DKShivakumar, it’s been a pleasure working with you.#KarnatakaElectionResults https://t.co/L4VJOoPbmn
वरिष्ठ पत्रकार विजय विद्रोही ने भी बीते दिनों ईटीवी भारत पर अपनी एक समीक्षा के दौरान पीएम मोदी के उदयपुर दौरे के दौरान सीएम गहलोत की जैकेट का रंग प्रधानमंत्री की जैकेट से मिलने पर पीआर कंपनी की नीति का जिक्र किया था. विजय विद्रोही ने बताया था कि इस बार के कार्यकाल की पूर्णाहुति के दौरान गहलोत का अंदाज गौरतलब है. वे अब हर कदम पीआर एजेंसी के मशविरे के साथ ही उठाते हैं.
हर बारीकी पर ध्यानः 31 मई की शाम को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने ट्विटर पर रात 9 बजकर पैंतालीस मिनट पर प्रदेशवासियों के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा करने की सूचना प्रसारित की थी. यह वह मौका था जब पीएम मोदी अजमेर और पुष्कर आए थे. उन्होंने राजस्थान सरकार को भ्रष्टाचार के मसले पर जमकर आड़े हाथ लिया था पर प्रदेश की खबरों में मोदी की बड़ी सभा के मुकाबले सीएम के ट्वीट को तरजीह मिली. वरिष्ठ पत्रकार मनीष गोधा करीब दो दशक से राजस्थान को कवर कर रहे हैं. वे बताते हैं कि इस बार जिस तरह से सरकारी योजनाओं की ब्रांडिंग की जा रही है, ऐसा पहले नहीं देखा गया. हालांकि, उन्होंने इसे सकारात्मक पहल बताया और कहा कि ऐसा किए जाने से लोगों तक योजनाओं की जानकारी पहुंचेगी. उन्होंने राहत का बजट कैंपेन का भी जिक्र किया, जिसमें राज्य के लेखा-जोखा को गहलोत ने पूरी प्लानिंग और ब्रांडिंग के साथ प्रचार किया.
इन नेताओं ने ली है सेवाएंः अशोक गहलोत को अपनी सेवाएं दे रही डिजाइन बॉक्स कंपनी पंजाब, हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ में अलग-अलग चुनावों में रणनीतिकार के रूप में काम कर चुकी है. डिजिटल पॉलिटिकल मार्केटिंग करने वाली इस कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर एक वीडियो साझा किया है. इस वीडियो में अलग-अलग राज्यों के चुनावों में नेताओं की पीआर का जिक्र किया गया है. जिनमें 2017 के पंजाब चुनाव में कैप्टन अमरिंदर सिंह समेत आधा दर्जन नेताओं, 2017 के गुरदासपुर के उपचुनाव में सुनील जाखड़, 2017 में ही हिमाचल प्रदेश में वीरभद्र सिंह समेत कुछ विधायकों के लिए इस कंपनी ने रणनीति बनाई थी.
इसके बाद पंजाब के निकाय चुनावों में भी कंपनी ने काम किया. इस कंपनी ने छत्तीसगढ़ में टीएस सिंह देव, हरियाणा में किरण चौधरी और राजस्थान में हरीश चौधरी को भी लोकसभा चुनाव के दौरान अपनी सेवाएं दी थी. हाल ही में कंपनी ने कर्नाटक के चुनाव में डी.के. शिवकुमार को अपनी सर्विस दी थी. ऐसे में डिजाइन बॉक्स की रणनीति की कामयाबी और शिकस्त को इन नेताओं की वर्तमान की राजनीति में मौजूदगी के जरिए समझा जा सकता है.