जयपुर. एसओजी की निलंबित एएसपी दिव्या मित्तल की परेशानी अब एक बार फिर से बढ़ती हुई दिख रही है. अब एसीबी ने उसके खिलाफ एक नया केस दर्ज किया है. यह केस नशीली दवाओं के संबंध में दर्ज दो मुकदमों की तफ्तीश में ढील देने और आरोपी को गिरफ्तार नहीं करने के बदले एक करोड़ रुपए की घूस लेने से जुड़ा है. दर्ज नए मुकदमे में आरोप है कि दिव्या मित्तल ने देहरादून (उत्तराखंड) के संजय नंदवानी से पुष्कर की एक होटल में एक करोड़ रुपए की घूस ली थी. पूरे मामले की जांच करने वाले तत्कालीन उपाधीक्षक मांगीलाल की रिपोर्ट पर यह मुकदमा दर्ज किया गया है.
दरअसल, एसओजी की एएसपी दिव्या मित्तल को इस साल जनवरी में एसीबी ने परिवादी विकास अग्रवाल की शिकायत का सत्यापन करने के बाद गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज किया था. इस कार्रवाई के बाद एसीबी ने उसके ठिकानों की तलाशी ली तो आय से कई गुना संपत्ति होने की जानकारी सामने आई. इस पर एसीबी ने उसके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज किया था. नशीली दवा से जुड़े दो मुकदमों की जांच में ढील देने के बदले एक करोड़ रुपए की रिश्वत लेने की पुष्टि जांच में होने के बाद अब यह नया केस दिव्या मित्तल के खिलाफ दर्ज किया गया है. इस मुकदमे में रिश्वत देने वाले संजय नंदवानी को भी आरोपी बनाया गया है.
होटल में हुआ था रिश्वत का लेन-देन : एसीबी की ओर से दर्ज एफआईआर के मुताबिक दिव्या मित्तल को एसीबी ने इस साल जनवरी में रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया था. जिसकी जांच के दौरान परिवादी विकास अग्रवाल ने ऑडियो और वीडियो बतौर सबूत एसीबी को दिए. इनमें सामने आया कि दवा कारोबारी सुनील नंदवानी के खिलाफ दर्ज नशीली दवाओं के दो मुकदमों की जांच में ढील देने के बदले उसके भाई संजय नंदवानी से दिव्या मित्तल ने एक करोड़ रुपए की रिश्वत ली थी. यह रकम पुष्कर के एक होटल में ली गई थी.
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एफएसएल जांच के बाद एक्शन : एसीबी ने परिवादी की ओर से मुहैया करवाए गए साक्ष्यों को जांच के लिए एफएसएल में भिजवाया था. जहां जांच में सामने आया कि इनमें कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है. ऐसे में अब इसकी जांच रिपोर्ट आने के बाद एसीबी ने दिव्या मित्तल के खिलाफ एक और केस दर्ज किया है. इस पूरे मामले की जांच करने वाले तत्कालीन उपाधीक्षक मांगीलाल की रिपोर्ट पर यह मुकदमा दर्ज किया गया है.
नशीली दवा को लेकर दर्ज हुए थे तीन मुकदमें : बता दें कि अजमेर में नशीली दवाओं के मामले को लेकर सुनील नंदवानी नाम के दवा कारोबारी पर तीन मुकदमे दर्ज हुए थे. अजमेर के अलग-अलग थानों में दर्ज इन तीनों मुकदमों की जांच एसओजी की एएसपी दिव्या मित्तल को सौंपी गई थी. आरोप है कि इनमें से एक मुकदमे में उसने सुनील नंदवानी को गिरफ्तार कर लिया था, जबकि दो अन्य मामलों में गिरफ्तार नहीं करने के बदले सुनील नंदवानी के भाई संजय नंदवानी से दिव्या मित्तल ने एक करोड़ रुपए की घूस ली थी.