जयपुर. राजस्थान में खुशियों के महापर्व के बाद लोकतंत्र का महापर्व मनाया जाएगा. यही वजह है कि बाजारों में अभी से ही पटाखे और आतिशबाजी की बिक्री बढ़ गई है. लोग न सिर्फ दीपावली सेलिब्रेट करने के लिए खरीदारी कर रहे हैं, बल्कि चुनावी मैदान में उतरे प्रत्याशियों के समर्थक भी उनकी जीत को लेकर आश्वस्त होकर पहले से ही आतिशबाजी खरीद रहे हैं, ताकि जमकर जश्न मनाया जा सके.
ग्रीन पटाखों की कीमत सामान्य से ज्यादा : राजधानी जयपुर दीपोत्सव मनाने के लिए तैयार है. इस बीच जयपुर के बाजार सज चुके हैं. खासकर आतिशबाजी और पटाखों की दुकानों पर अभी से रौनक देखने को मिल रही है. लोग अपनों के साथ दीपावली सेलिब्रेट करने के लिए आतिशबाजी और पटाखे खरीदने बाजारों में पहुंच रहे हैं. पटाखा व्यवसायी रविंद्र शर्मा ने बताया कि इस बार ग्राहकी बहुत बढ़िया है. लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. बाजार में नए स्काई शॉट और फैंसी पटाखे आए हैं. खास बात ये है कि ये सभी ग्रीन पटाखे हैं, इनमें केमिकल कम होने की वजह से पॉल्यूशन कम होता है. हालांकि, इनके दाम सामान्य पटाखों से 10% ज्यादा रहते हैं. उन्होंने बताया कि इस बार न सिर्फ दीपावली बल्कि चुनावी माहौल होने के चलते समर्थक अपने प्रत्याशियों के प्रति उत्साह दिखाने के लिए आतिशबाजी खरीद रहे हैं, और आगामी दिनों के लिए बुकिंग भी करा रहे हैं.
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वहीं, बाजारों में आतिशबाजी खरीदने पहुंच रहे जयपुराइट्स ने बताया कि वो ग्रीन पटाखों को खरीदने के लिए आए हैं, क्योंकि दीपावली खुशियों का त्योहार है, और इसे सुरक्षित मनाने की सभी की जिम्मेदारी है. ग्रीन पटाखे सुरक्षित भी रहते हैं और इससे हानिकारक गैसें भी कम निकलती हैं. सामान्य पटाखों की तुलना में ये करीब 40 फीसदी कम हानिकारक गैस पैदा करते हैं. उन्होंने बताया कि बच्चे दीपावली पर आतिशबाजी करने के लिए उत्साहित रहते हैं. ऐसे में सुरक्षित पटाखे खरीदना परिजनों की भी जिम्मेदारी हो जाती है. इसके लिए लोग ग्रीन पटाखों में पारंपरिक फव्वारे, अनार, फुलझड़ी, जमीन चक्कर, लड़ी, रॉकेट, स्काई शॉट्स लेना ज्यादा पसंद कर रहे हैं.
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हानिकारक तत्वों का कम इस्तेमाल : आपको बता दें कि ग्रीन पटाखों में एल्युमिनियम, पोटेशियम नाइट्रेट, कार्बन और बेरियम का इस्तेमाल नहीं किया जाता या बहुत कम मात्रा में किया जाता है. ग्रीन पटाखों में पार्टिकुलेट मैटर (PM) का भी ध्यान रखा जाता है. ताकि धमाके के बाद प्रदूषण कम हो. इन पटाखों में 125 डेसिमल से ज्यादा आवाज पर पाबंदी रहती है. ग्रीन पटाखों पर NEERI (नेशनल एनवायरमेंट इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट) का हॉलमार्क भी लगा होता है. साथ ही पटाखों में कितनी मात्रा में पोटेशियम नाइट्रेट, सोडियम नाइट्रेट, सल्फर और चारकोल का इस्तेमाल किया गया है, इसकी जानकारी भी सार्वजनिक की जाती है.
प्रत्याशी की जीत को लेकर आश्वस्त : वहीं, दीपावली के बाद इस बार शहरवासी एक ओर दीपावली मनाने के लिए भी तैयार हैं. अपने प्रत्याशी को सपोर्ट करने वाले एक समर्थक ने बताया कि वो अपने प्रत्याशी की जीत को लेकर आश्वस्त हैं. इसी वजह से उनके जीत का जश्न मनाने के लिए अभी से उन्होंने आतिशबाजी की बुकिंग कराई है. फिलहाल उनका नॉमिनेशन भरा गया है. कार्यकर्ताओं में उत्साह के चलते पहले नॉमिनेशन के वक्त आतिशबाजी की गई और फिर जीत दर्ज करने के बाद आतिशबाजी की जाएगी.
दिवाली बाद हो सकता है दोगुना कारोबार : बहरहाल, दीपावली को लेकर बाजार सज कर तैयार है. ग्राहक भी दुकानों पर आतिशबाजी और पटाखे लेने के लिए पहुंच रहे हैं. हालांकि व्यावसायियों की माने तो अभी यह शुरुआत है. दीपावली के बाद लोकतंत्र के महापर्व का जश्न भी मनाया जाएगा. ऐसे में कारोबार दोगुना होने की भी संभावना है.