जयपुर. हाउसिंग बोर्ड में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. बीते दिनों हुई भर्ती परीक्षाओं का हाल ही में रिजल्ट जारी हुआ. बोर्ड के विभिन्न 258 पदों पर महज 446 अभ्यर्थी पास हुए. इनमें से भी जूनियर अस्सिटेंट और ड्राफ्टमैन के तो निर्धारित पदों की संख्या के बराबर भी अभ्यर्थी पास नहीं हो पाए हैं. उधर, वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए बोर्ड बचाओ अभियान शुरू किया है. कर्मचारियों ने क्रमिक अनशन शुरू करते हुए सरकार पर बोर्ड पर ताले लगवाने की तैयारी करने का आरोप लगाया है.
आवासन मंडल मुख्यालय पर शुक्रवार को क्रमिक अनशन के पहले दिन मंडल कर्मचारी संघ के प्रान्तीय अध्यक्ष दशरथ कुमार के नेतृत्व में 11 पदाधिकारियों ने अनशन किया. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार बोर्ड के 1000 करोड़ रुपए की राशि राजस्थान स्टेट पावर फाइनेंस सर्विस एण्ड फाइनेंसियल सर्विस कार्पोरेशन लिमिटेड को हस्तांतरण करना चाहती है. जिसका विरोध करते हुए कर्मचारी 13 सितंबर से आंदोलनरत हैं. बावजूद इसके राज्य सरकार ने 400 करोड़ रुपए की राशि का हस्तातंरण करवा लिया.
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उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि यही नहीं आंदोलन को कुचलने के लिए सरकार ने वरिष्ठ लेखाधिकारी स्तर के अधिकारी को वित्तीय सलाहकार पद का कार्यभार सौंप दिया. बिना योग्यता के वित्तीय सलाहकार पद का कार्यभार सौंपे जाने पर उपकृत अधिकारी ने आनन-फानन में बोर्ड की बैंकों में एफडीआर को तुड़वाकर राज्य सरकार को राशि भिजवाई. जिससे मण्डल को करीब 30-40 करोड़ रुपए ब्याज राशि की हानि हुई. जिस पर कर्मचारी संघ ने ऐतराज उठाया तो पदाधिकारियों के खिलाफ झूठी, मनगढ़ंत एफआईआर दर्ज करवाई गई. उन्होंने कहा कि यदि समय रहते राज्य सरकार और मण्डल प्रशासन ने संघ के प्रति सकारात्मक रवैया नहीं अपनाया गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.
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आपको बता दें कि इससे पहले सरकार ने जयपुर मेट्रो को जमीन दी, विधायक आवास में छूट दी, आईपीडी टाॅवर को राशि दी. ऐसे में करीब 544 करोड़ रुपए की राशि के मुआवजे के बदले सरकार ने अब तक भी बोर्ड को जमीन उपलब्ध नहीं करवाई. ऐसे में अब बोर्ड के कर्मचारियों ने आशंका जताई है कि यदि सरकार 1000 करोड़ रुपए लेती है, तो उसका भी दोबारा भुगतान नहीं होगा और मंडल धीरे-धीरे बंद होने की कगार पर पहुंच जाएगा. ऐसे में मांगे नहीं माने जाने तक कर्मचारियों ने क्रमिक अनशन जारी रखना का ऐलान किया है.