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Pocso court: नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने वाले को 20 साल की सजा

पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग का (Pocso court sentenced 20 years ) अपहरण व दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त को 20 साल की सजा सुनाई है.

Pocso court sentenced 20 years,  sentenced 20 years imprisonment
दुष्कर्म करने वाले को 20 साल की सजा.
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Published : Apr 18, 2023, 6:27 PM IST

जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 महानगर प्रथम ने नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त दिवाकर पांडे को बीस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने बिहार निवासी इस अभियुक्त पर 55 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा की नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक रचना मान ने अदालत को बताया कि पीड़िता की मां ने 11 मई, 2019 को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी 15 वर्षीय बेटी लापता हैं. उसने अपने साथ एक फैक्ट्री में काम करने वाले दिवाकर पर शक जताया था. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने जनवरी, 2020 में अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया था. सुनवाई के दौरान अदालत के आमने आया कि अभियुक्त पंद्रह वर्षीय पीड़िता को बहला फुसलाकर अपने गांव ले गया था.

पढ़ेंः Rajasthan High Court Order : नाबालिग से दुष्कर्म के अभियुक्त को आजीवन कारावास

यहां उसे करीब 7 माह अपने साथ रखा और उसके साथ कई बार संबंध बनाए. इस दौरान अभियुक्त शादी के लिए उसे कोर्ट भी लेकर गया, लेकिन पीड़िता के नाबालिग होने के चलते उनकी शादी नहीं हो सकी. वहीं तीस दिसंबर 2019 को अभियुक्त की भाभी पीड़िता को जयपुर लेकर आई. दूसरी ओर अभियुक्त की ओर से कहा गया कि उसे प्रकरण में फंसाया गया है और पीड़िता अपनी मर्जी से गई थी. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को बीस साल ली सजा और जुर्माने से दंडित कर जेल भेज दिया है. मामले में अभियुक्त की पूर्व में अग्रिम जमानत हो चुकी थी.

जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 महानगर प्रथम ने नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त दिवाकर पांडे को बीस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने बिहार निवासी इस अभियुक्त पर 55 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा की नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक रचना मान ने अदालत को बताया कि पीड़िता की मां ने 11 मई, 2019 को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी 15 वर्षीय बेटी लापता हैं. उसने अपने साथ एक फैक्ट्री में काम करने वाले दिवाकर पर शक जताया था. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने जनवरी, 2020 में अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया था. सुनवाई के दौरान अदालत के आमने आया कि अभियुक्त पंद्रह वर्षीय पीड़िता को बहला फुसलाकर अपने गांव ले गया था.

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यहां उसे करीब 7 माह अपने साथ रखा और उसके साथ कई बार संबंध बनाए. इस दौरान अभियुक्त शादी के लिए उसे कोर्ट भी लेकर गया, लेकिन पीड़िता के नाबालिग होने के चलते उनकी शादी नहीं हो सकी. वहीं तीस दिसंबर 2019 को अभियुक्त की भाभी पीड़िता को जयपुर लेकर आई. दूसरी ओर अभियुक्त की ओर से कहा गया कि उसे प्रकरण में फंसाया गया है और पीड़िता अपनी मर्जी से गई थी. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को बीस साल ली सजा और जुर्माने से दंडित कर जेल भेज दिया है. मामले में अभियुक्त की पूर्व में अग्रिम जमानत हो चुकी थी.

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