जयपुर. प्रदेश में पेपर लीक का मामला अब सियासी मुद्दा बनता जा रहा है. विपक्ष के साथ-साथ गहलोत सरकार के 'अपने' भी सरकार के खिलाफ सवाल उठा रहे हैं. युवा बेरोजगारों और अभ्यर्थियों ने हाल ही में सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के आरोपितों की संपत्तियों पर की गई जेडीए की कार्रवाई को औपचारिकता बताया. साथ ही प्रदेश में लागू नकल विरोधी कानून के तहत आरोपियों पर कार्रवाई नहीं किए जाने को लेकर सवाल उठाए हैं.
राजस्थान विधानसभा में बीते साल नकल विरोधी (एंटी चीटिंग) बिल पारित हुआ था. विधानसभा में राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के अध्युपाय) विधेयक 2022 भी पारित हुआ. इस विधेयक के पारित होने के बाद परीक्षा में नकल करवाने और पेपर लीक करने जैसे मामलों को गैर जमानती अपराध माना गया.
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कानून बनने के बाद 4 पेपर लीक : नकल विरोधी कानून के प्रावधानों के बाद प्रदेश के युवा बेरोजगार और भर्ती परीक्षाओं में शामिल होने वाले अभ्यर्थी संतुष्ट थे. उम्मीद थी कि यदि पेपर लीक के आरोपी पकड़े जाएंगे, तो कानून के तहत कार्रवाई होगी. इसके बाद आगे पेपर लीक जैसे मामले नहीं देखने को मिलेंगे. लेकिन इसके उलट अब तक किसी भी आरोपी के खिलाफ इस कानून के तहत कार्रवाई नहीं की गई है. नतीजतन कानून बनने के बाद भी चार भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हुए.
रासुका लागू करने की मांग : आलम ये है कि पकड़े गए आरोपियों पर अब तक नकल विरोधी कानून के तहत कोई कार्रवाई नहीं हुई है. न तो उन पर 10 करोड़ तक का जुर्माना लगाया गया और न ही उन्हें 10 साल तक की सजा हुई. यही नहीं उनकी संपत्ति सामने होने के बावजूद महज जेडीए की ओर से अवैध निर्माण और अतिक्रमण पर कार्रवाई करते हुए बुलडोजर चलाया गया. संपत्ति जब्त नहीं हुई. यही वजह है कि अब इस कानून से आगे बढ़कर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने की मांग उठ रही है.
युवा बेरोजगारों के अनुसार राजस्थान पेपर लीक का गढ़ बनता जा रहा है. बीते सालों में तकरीबन 16 पेपर लीक के मामले सामने आए. इनमें से 10 परीक्षाएं रद्द हुईं. इसका खामियाजा सिर्फ अभ्यर्थियों को भुगतना पड़ा है. आरोपियों पर नकल विरोधी कानून के तहत कोई कार्रवाई नहीं की गई. सरकारी नौकरी की इच्छा रखने वाले छात्र गोविंद मीणा ने कहा कि हाल ही में जेडीए की ओर से भूपेंद्र सारण के आवास पर जो कार्रवाई की गई वो अतिक्रमण पर किया गया था. इसी अतिक्रमण के तहत अधिगम कोचिंग सेंटर पर कार्रवाई हुई.
सरकार नहीं कर रही कार्रवाई : उदयपुर, सिरोही और जयपुर पुलिस ने आरोपियों की संपत्ति के आंकड़े जुटाए हैं. लेकिन सरकार इन्हें जब्त करने की कार्रवाई नहीं कर रही. यही नहीं मुख्य आरोपी सुरेश ढाका और भूपेंद्र सारण भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. वहीं एक अन्य युवा अभ्यर्थी सज्जन कुमार ने कहा कि राजस्थान में नकल गिरोह इस तरह सक्रिय है कि उनका कोई बाल भी बांका नहीं कर पा रहा. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासनिक अधिकारी और सरकार के लोग भी इसमें शामिल हैं. यही वजह है कि नकल गिरोह फल-फूल रहा है.
बेरोजगार एकीकृत महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि नकल विरोधी कानून सरकार लेकर आई. लेकिन इसके बाद चार भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हुए. नकल विरोधी कानून में जो प्रावधान तय किए थे, उसके तहत कोई कार्रवाई अब तक नहीं हुई. उन्होंने सवाल उठाया कि आरोपियों की संपत्ति क्यों जब्त नहीं की जा रही? साथ ही मांग की है कि इस विधानसभा सत्र में कोई एक्ट लाया जाए, उम्र कैद की सजा का प्रावधान किया जाए और तत्काल राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया जाए. उन्होंने चेतावनी दी है कि भर्ती परीक्षाओं को बचाने के लिए सरकार को कदम उठाने होंगे. यदि अब एक भी पेपर लीक हुआ तो 2023 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के नेताओं का भविष्य लीक हो जाएगा.