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Paper Leak Case : एंटी चीटिंग बिल लागू होने के बाद 4 भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक, कार्रवाई के नाम पर 'फॉर्मेलिटी'

राजस्थान में एक के बाद एक भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक होने के कारण (Paper leak cases in Rajasthan) गहलोत सरकार की किरकिरी हो रही है. पेपर लीक रोकने और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एंटी चीटिंग बिल लाया गया था. लेकिन विडंबना ये है कि कानून लाने के बाद 4 पेपर लीक हुए और कार्रवाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकता की गई.

Paper leak case in Rajasthan
Paper leak case in Rajasthan
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Published : Jan 17, 2023, 10:34 PM IST

राजस्थान में पेपर लीक के मामले

जयपुर. प्रदेश में पेपर लीक का मामला अब सियासी मुद्दा बनता जा रहा है. विपक्ष के साथ-साथ गहलोत सरकार के 'अपने' भी सरकार के खिलाफ सवाल उठा रहे हैं. युवा बेरोजगारों और अभ्यर्थियों ने हाल ही में सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के आरोपितों की संपत्तियों पर की गई जेडीए की कार्रवाई को औपचारिकता बताया. साथ ही प्रदेश में लागू नकल विरोधी कानून के तहत आरोपियों पर कार्रवाई नहीं किए जाने को लेकर सवाल उठाए हैं.

राजस्थान विधानसभा में बीते साल नकल विरोधी (एंटी चीटिंग) बिल पारित हुआ था. विधानसभा में राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के अध्युपाय) विधेयक 2022 भी पारित हुआ. इस विधेयक के पारित होने के बाद परीक्षा में नकल करवाने और पेपर लीक करने जैसे मामलों को गैर जमानती अपराध माना गया.

पढ़ें. Paper Leak Case - पायलट पर गहलोत ने कसा तंज- किसी के पास नाम हो तो दें, कार्रवाई करेंगे

कानून बनने के बाद 4 पेपर लीक : नकल विरोधी कानून के प्रावधानों के बाद प्रदेश के युवा बेरोजगार और भर्ती परीक्षाओं में शामिल होने वाले अभ्यर्थी संतुष्ट थे. उम्मीद थी कि यदि पेपर लीक के आरोपी पकड़े जाएंगे, तो कानून के तहत कार्रवाई होगी. इसके बाद आगे पेपर लीक जैसे मामले नहीं देखने को मिलेंगे. लेकिन इसके उलट अब तक किसी भी आरोपी के खिलाफ इस कानून के तहत कार्रवाई नहीं की गई है. नतीजतन कानून बनने के बाद भी चार भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हुए.

Laws in Anti cheating Act
नकल विरोधी कानून में ये हैं प्रावधान

रासुका लागू करने की मांग : आलम ये है कि पकड़े गए आरोपियों पर अब तक नकल विरोधी कानून के तहत कोई कार्रवाई नहीं हुई है. न तो उन पर 10 करोड़ तक का जुर्माना लगाया गया और न ही उन्हें 10 साल तक की सजा हुई. यही नहीं उनकी संपत्ति सामने होने के बावजूद महज जेडीए की ओर से अवैध निर्माण और अतिक्रमण पर कार्रवाई करते हुए बुलडोजर चलाया गया. संपत्ति जब्त नहीं हुई. यही वजह है कि अब इस कानून से आगे बढ़कर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने की मांग उठ रही है.

पढ़ें. Hanuman Beniwal Targets Gehlot : पेपर लीक के तार सीएमओ से जुड़े, इसीलिए CBI जांच से डर रहे - बेनीवाल

युवा बेरोजगारों के अनुसार राजस्थान पेपर लीक का गढ़ बनता जा रहा है. बीते सालों में तकरीबन 16 पेपर लीक के मामले सामने आए. इनमें से 10 परीक्षाएं रद्द हुईं. इसका खामियाजा सिर्फ अभ्यर्थियों को भुगतना पड़ा है. आरोपियों पर नकल विरोधी कानून के तहत कोई कार्रवाई नहीं की गई. सरकारी नौकरी की इच्छा रखने वाले छात्र गोविंद मीणा ने कहा कि हाल ही में जेडीए की ओर से भूपेंद्र सारण के आवास पर जो कार्रवाई की गई वो अतिक्रमण पर किया गया था. इसी अतिक्रमण के तहत अधिगम कोचिंग सेंटर पर कार्रवाई हुई.

Laws in Anti cheating Act
कानून बनने के बाद भी पेपर लीक

सरकार नहीं कर रही कार्रवाई : उदयपुर, सिरोही और जयपुर पुलिस ने आरोपियों की संपत्ति के आंकड़े जुटाए हैं. लेकिन सरकार इन्हें जब्त करने की कार्रवाई नहीं कर रही. यही नहीं मुख्य आरोपी सुरेश ढाका और भूपेंद्र सारण भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. वहीं एक अन्य युवा अभ्यर्थी सज्जन कुमार ने कहा कि राजस्थान में नकल गिरोह इस तरह सक्रिय है कि उनका कोई बाल भी बांका नहीं कर पा रहा. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासनिक अधिकारी और सरकार के लोग भी इसमें शामिल हैं. यही वजह है कि नकल गिरोह फल-फूल रहा है.

पढ़ें. Paper Leak in Rajasthan: पेपर लीक नहीं रूके, तो चुनाव में नेताओं का भविष्य करेंगे लीक: उपेन यादव

बेरोजगार एकीकृत महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि नकल विरोधी कानून सरकार लेकर आई. लेकिन इसके बाद चार भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हुए. नकल विरोधी कानून में जो प्रावधान तय किए थे, उसके तहत कोई कार्रवाई अब तक नहीं हुई. उन्होंने सवाल उठाया कि आरोपियों की संपत्ति क्यों जब्त नहीं की जा रही? साथ ही मांग की है कि इस विधानसभा सत्र में कोई एक्ट लाया जाए, उम्र कैद की सजा का प्रावधान किया जाए और तत्काल राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया जाए. उन्होंने चेतावनी दी है कि भर्ती परीक्षाओं को बचाने के लिए सरकार को कदम उठाने होंगे. यदि अब एक भी पेपर लीक हुआ तो 2023 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के नेताओं का भविष्य लीक हो जाएगा.

राजस्थान में पेपर लीक के मामले

जयपुर. प्रदेश में पेपर लीक का मामला अब सियासी मुद्दा बनता जा रहा है. विपक्ष के साथ-साथ गहलोत सरकार के 'अपने' भी सरकार के खिलाफ सवाल उठा रहे हैं. युवा बेरोजगारों और अभ्यर्थियों ने हाल ही में सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के आरोपितों की संपत्तियों पर की गई जेडीए की कार्रवाई को औपचारिकता बताया. साथ ही प्रदेश में लागू नकल विरोधी कानून के तहत आरोपियों पर कार्रवाई नहीं किए जाने को लेकर सवाल उठाए हैं.

राजस्थान विधानसभा में बीते साल नकल विरोधी (एंटी चीटिंग) बिल पारित हुआ था. विधानसभा में राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के अध्युपाय) विधेयक 2022 भी पारित हुआ. इस विधेयक के पारित होने के बाद परीक्षा में नकल करवाने और पेपर लीक करने जैसे मामलों को गैर जमानती अपराध माना गया.

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कानून बनने के बाद 4 पेपर लीक : नकल विरोधी कानून के प्रावधानों के बाद प्रदेश के युवा बेरोजगार और भर्ती परीक्षाओं में शामिल होने वाले अभ्यर्थी संतुष्ट थे. उम्मीद थी कि यदि पेपर लीक के आरोपी पकड़े जाएंगे, तो कानून के तहत कार्रवाई होगी. इसके बाद आगे पेपर लीक जैसे मामले नहीं देखने को मिलेंगे. लेकिन इसके उलट अब तक किसी भी आरोपी के खिलाफ इस कानून के तहत कार्रवाई नहीं की गई है. नतीजतन कानून बनने के बाद भी चार भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हुए.

Laws in Anti cheating Act
नकल विरोधी कानून में ये हैं प्रावधान

रासुका लागू करने की मांग : आलम ये है कि पकड़े गए आरोपियों पर अब तक नकल विरोधी कानून के तहत कोई कार्रवाई नहीं हुई है. न तो उन पर 10 करोड़ तक का जुर्माना लगाया गया और न ही उन्हें 10 साल तक की सजा हुई. यही नहीं उनकी संपत्ति सामने होने के बावजूद महज जेडीए की ओर से अवैध निर्माण और अतिक्रमण पर कार्रवाई करते हुए बुलडोजर चलाया गया. संपत्ति जब्त नहीं हुई. यही वजह है कि अब इस कानून से आगे बढ़कर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने की मांग उठ रही है.

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युवा बेरोजगारों के अनुसार राजस्थान पेपर लीक का गढ़ बनता जा रहा है. बीते सालों में तकरीबन 16 पेपर लीक के मामले सामने आए. इनमें से 10 परीक्षाएं रद्द हुईं. इसका खामियाजा सिर्फ अभ्यर्थियों को भुगतना पड़ा है. आरोपियों पर नकल विरोधी कानून के तहत कोई कार्रवाई नहीं की गई. सरकारी नौकरी की इच्छा रखने वाले छात्र गोविंद मीणा ने कहा कि हाल ही में जेडीए की ओर से भूपेंद्र सारण के आवास पर जो कार्रवाई की गई वो अतिक्रमण पर किया गया था. इसी अतिक्रमण के तहत अधिगम कोचिंग सेंटर पर कार्रवाई हुई.

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कानून बनने के बाद भी पेपर लीक

सरकार नहीं कर रही कार्रवाई : उदयपुर, सिरोही और जयपुर पुलिस ने आरोपियों की संपत्ति के आंकड़े जुटाए हैं. लेकिन सरकार इन्हें जब्त करने की कार्रवाई नहीं कर रही. यही नहीं मुख्य आरोपी सुरेश ढाका और भूपेंद्र सारण भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. वहीं एक अन्य युवा अभ्यर्थी सज्जन कुमार ने कहा कि राजस्थान में नकल गिरोह इस तरह सक्रिय है कि उनका कोई बाल भी बांका नहीं कर पा रहा. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासनिक अधिकारी और सरकार के लोग भी इसमें शामिल हैं. यही वजह है कि नकल गिरोह फल-फूल रहा है.

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बेरोजगार एकीकृत महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि नकल विरोधी कानून सरकार लेकर आई. लेकिन इसके बाद चार भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हुए. नकल विरोधी कानून में जो प्रावधान तय किए थे, उसके तहत कोई कार्रवाई अब तक नहीं हुई. उन्होंने सवाल उठाया कि आरोपियों की संपत्ति क्यों जब्त नहीं की जा रही? साथ ही मांग की है कि इस विधानसभा सत्र में कोई एक्ट लाया जाए, उम्र कैद की सजा का प्रावधान किया जाए और तत्काल राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया जाए. उन्होंने चेतावनी दी है कि भर्ती परीक्षाओं को बचाने के लिए सरकार को कदम उठाने होंगे. यदि अब एक भी पेपर लीक हुआ तो 2023 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के नेताओं का भविष्य लीक हो जाएगा.

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