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कोहरे के चलते ट्रेन संचालन में नहीं आएगी बाधा, उत्तर पश्चिम रेलवे ने किए विशेष इंतजाम

उत्तर पश्चिम रेलवे प्रशासन की ओर से कोहरे को देखते हुए यात्रियों की सुरक्षा और (NWR arrangements during fog in winter) ट्रेन संचालन के लिए अतिरिक्त इतंजाम किए गए हैं. इसमें रेलवे स्टेशनों पर विजिबिलिटी टेस्ट ऑब्जेक्ट लगाए गए हैं और लोको पायलट्स को कुल 877 फॉग सेफ्टी डिवाइस दिए गए हैं, ताकि ट्रेनों स्थिति का पता चल सकेगा.

Arrangement of NWR during fog
Arrangement of NWR during fog
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Published : Nov 10, 2022, 4:01 PM IST

Updated : Nov 10, 2022, 7:53 PM IST

जयपुर. प्रदेश में दिसंबर और जनवरी में कोहरे का सीजन रहता है. कोहरे से दिल्ली और आगरा रूट की ट्रेनें सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं. कोहरे को देखते हुए उत्तर पश्चिम रेलवे (North Western Railway) प्रशासन की ओर से ट्रेन संचालन के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. अब कोहरा ट्रेन संचालन में बाधा नहीं बनेगा. रेलवे प्रशासन ने 877 फॉग सेफ्टी डिवाइस दिए हैं. इस डिवाइस से लोको पायलट को ट्रेनों की स्थिति पता चल सकेगा. रेलवे स्टेशनों पर विजिबिलिटी टेस्ट ऑब्जेक्ट भी लगाए जा रहे हैं. जिससे स्टेशन पर दृश्यता की सटीक जानकारी मिल सकेगी.

उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशी किरण के मुताबिक उत्तर भारत में सर्दियों (NWR arrangements during fog in winter) के मौसम में कोहरे की अधिकता के कारण मुख्यतः रेल यातायात भी प्रभावित होता है. उत्तर पश्चिम रेलवे के जयपुर और बीकानेर मंडल के रेलखंड कोहरे की अधिकता से प्रभावित रहते हैं. कोहरे की अधिकता वाले रेलखंडों में रेलसेवाओं के सुरक्षित संचालन के लिए रेलवे ने विशेष अतिरिक्त प्रबंध किए हैं. इसमें सम्बंधित विभाग इंजीनियरिंग, सिगनल व दूरसंचार, विद्युत, यांत्रिक, परिचालन व संरक्षा विभाग की ओर से किसी भी प्रकार की परिस्थिति में संरक्षित रेल संचालन के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं.

कोहरे के चलते ट्रेन संचालन में नहीं आएगी बाधा

पढ़ें. Trains cancelled: चित्तौड़गढ़ से गुजरने वाली ट्रेनों का संचालन 7 से 19 नवंबर तक रहेगा निरस्त, ये है वजह

किए गए अतिरिक्त प्रबंध : शशि किरण ने बताया कि उत्तर पश्चिम रेलवे पर कोहरे की अधिकता वाले रेलखंडों को चिह्नित किया गया है. सभी कोहरे से प्रभावित स्टेशनों पर विजिबिलिटी टेस्ट ऑब्जेक्ट की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है. विजिबिलिटी टेस्ट ऑब्जेक्ट के उपयोग से स्टेशन पर दृश्यता को जांचा जाता है. इसके साथ ही घने कोहरे वाले रेलखंडों में चलने वाली समस्त रेलसेवाओं के लोको पायलट को फॉग सेफ्टी डिवाइस उपलब्ध (Fog Safety devices to loco Pilots in Rajasthan) करवाए जा रहे हैं. सम्पूर्ण उत्तर पश्चिम रेलवे पर कुल 877 फॉग सेफ्टी डिवाइस उपलब्ध हैं. इन सभी में धुंध या कोहरे वाले रेलखंड की जीपीएस मैपिंग कर दी गई है. रेलवे के जयपुर और बीकानेर मंडल में कोहरे की अधिकता रहती है. इस कारण इन मंडलों पर अधिक फॉग सेफ्टी डिवाइस का प्रयोग किया जाता है.

ऐसे काम करता है फॉग सेफ्टी डिवाइस : फॉग सेफ्टी डिवाइस को इंजन पर लगा दिया जाता है. यह डिवाएस ऑन होने के बाद जीपीएस प्रणाली से उस खंड में स्थित सभी सिग्नलों की दूरी के बारे में लोको पायलट को पूर्व में ही अवगत कराता रहता है. जिससे लोको पायलट अपनी गाड़ी की स्पीड की नियंत्रित कर संरक्षा सुनिश्चित करता है. इसके अतिरिक्त कोहरे वाले रेलखंडों में सभी स्तर के कर्मचारियों के लिए सेफ्टी सेमीनार का आयोजन किया जा रहा है. कम तापमान के दौरान रेल फेल ईयर की पहचान कर उनको रिपेयर किया जा रहा है. फिश प्लेटो का अनुरक्षण ट्रैक रिन्यूअल जैसे कार्य पूरे किए जा रहे हैं.

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी के अनुसार कोहरे वाले रेलखंड के (visibility test object at Railway Stations) स्टेशनों, समपार फाटकों और पूर्व चिह्नित जगहों पर डेटोनेटर (पटाखे) की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है. लोको पायलट को सिग्नल और अन्य संकेतकों की दृश्यता ठीक से दिखे इसके लिए उसपर वापस पेटिंग की जा रही है. चमकीले साइन बोर्ड और संकेतकों के पास गिट्टियों को चुने से रंगा गया है. ऐसे खंड में पेट्रोलिंग की आवृत्ति को बढ़ाकर रेलपथ की निगरानी को बढ़ाया गया है.

सफर से पहले वेबसाइट पर चेक करें ट्रेन स्टेटस : कोहरे के मौसम में संरक्षा को सुदृढ करने के लिए रेलकर्मियों के विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था, निरीक्षकों, अधिकारियों की ओर से रेलवे स्टाफ की सजगता को लगातार चेक किया जा रहा है. कोहरे के मौसम में रेलयात्रियों की संरक्षा और सुरक्षा के लिए कटिबद्ध है. कोहरे की अधिकता वाले रेलखंडों में गाड़ियां देरी से संचालित हो सकती हैं. यात्रा शुरू करने से पहले यात्री रेलवे की अधिकृत वेबसाईट www.indianrail.gov.in या NTES पर अपनी ट्रेन की वर्तमान स्थिति देखकर ही जाए और असुविधा से बचें. संरक्षित रेल संचालन को सुनिश्चित करने के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक विजय शर्मा ने सभी विभागाध्यक्षों को सर्दियों के मौसम में विशेष सतर्कता के साथ कार्य करने के लिए समीक्षा बैठक में भी निर्देशित किया.

जयपुर. प्रदेश में दिसंबर और जनवरी में कोहरे का सीजन रहता है. कोहरे से दिल्ली और आगरा रूट की ट्रेनें सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं. कोहरे को देखते हुए उत्तर पश्चिम रेलवे (North Western Railway) प्रशासन की ओर से ट्रेन संचालन के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. अब कोहरा ट्रेन संचालन में बाधा नहीं बनेगा. रेलवे प्रशासन ने 877 फॉग सेफ्टी डिवाइस दिए हैं. इस डिवाइस से लोको पायलट को ट्रेनों की स्थिति पता चल सकेगा. रेलवे स्टेशनों पर विजिबिलिटी टेस्ट ऑब्जेक्ट भी लगाए जा रहे हैं. जिससे स्टेशन पर दृश्यता की सटीक जानकारी मिल सकेगी.

उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशी किरण के मुताबिक उत्तर भारत में सर्दियों (NWR arrangements during fog in winter) के मौसम में कोहरे की अधिकता के कारण मुख्यतः रेल यातायात भी प्रभावित होता है. उत्तर पश्चिम रेलवे के जयपुर और बीकानेर मंडल के रेलखंड कोहरे की अधिकता से प्रभावित रहते हैं. कोहरे की अधिकता वाले रेलखंडों में रेलसेवाओं के सुरक्षित संचालन के लिए रेलवे ने विशेष अतिरिक्त प्रबंध किए हैं. इसमें सम्बंधित विभाग इंजीनियरिंग, सिगनल व दूरसंचार, विद्युत, यांत्रिक, परिचालन व संरक्षा विभाग की ओर से किसी भी प्रकार की परिस्थिति में संरक्षित रेल संचालन के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं.

कोहरे के चलते ट्रेन संचालन में नहीं आएगी बाधा

पढ़ें. Trains cancelled: चित्तौड़गढ़ से गुजरने वाली ट्रेनों का संचालन 7 से 19 नवंबर तक रहेगा निरस्त, ये है वजह

किए गए अतिरिक्त प्रबंध : शशि किरण ने बताया कि उत्तर पश्चिम रेलवे पर कोहरे की अधिकता वाले रेलखंडों को चिह्नित किया गया है. सभी कोहरे से प्रभावित स्टेशनों पर विजिबिलिटी टेस्ट ऑब्जेक्ट की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है. विजिबिलिटी टेस्ट ऑब्जेक्ट के उपयोग से स्टेशन पर दृश्यता को जांचा जाता है. इसके साथ ही घने कोहरे वाले रेलखंडों में चलने वाली समस्त रेलसेवाओं के लोको पायलट को फॉग सेफ्टी डिवाइस उपलब्ध (Fog Safety devices to loco Pilots in Rajasthan) करवाए जा रहे हैं. सम्पूर्ण उत्तर पश्चिम रेलवे पर कुल 877 फॉग सेफ्टी डिवाइस उपलब्ध हैं. इन सभी में धुंध या कोहरे वाले रेलखंड की जीपीएस मैपिंग कर दी गई है. रेलवे के जयपुर और बीकानेर मंडल में कोहरे की अधिकता रहती है. इस कारण इन मंडलों पर अधिक फॉग सेफ्टी डिवाइस का प्रयोग किया जाता है.

ऐसे काम करता है फॉग सेफ्टी डिवाइस : फॉग सेफ्टी डिवाइस को इंजन पर लगा दिया जाता है. यह डिवाएस ऑन होने के बाद जीपीएस प्रणाली से उस खंड में स्थित सभी सिग्नलों की दूरी के बारे में लोको पायलट को पूर्व में ही अवगत कराता रहता है. जिससे लोको पायलट अपनी गाड़ी की स्पीड की नियंत्रित कर संरक्षा सुनिश्चित करता है. इसके अतिरिक्त कोहरे वाले रेलखंडों में सभी स्तर के कर्मचारियों के लिए सेफ्टी सेमीनार का आयोजन किया जा रहा है. कम तापमान के दौरान रेल फेल ईयर की पहचान कर उनको रिपेयर किया जा रहा है. फिश प्लेटो का अनुरक्षण ट्रैक रिन्यूअल जैसे कार्य पूरे किए जा रहे हैं.

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी के अनुसार कोहरे वाले रेलखंड के (visibility test object at Railway Stations) स्टेशनों, समपार फाटकों और पूर्व चिह्नित जगहों पर डेटोनेटर (पटाखे) की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है. लोको पायलट को सिग्नल और अन्य संकेतकों की दृश्यता ठीक से दिखे इसके लिए उसपर वापस पेटिंग की जा रही है. चमकीले साइन बोर्ड और संकेतकों के पास गिट्टियों को चुने से रंगा गया है. ऐसे खंड में पेट्रोलिंग की आवृत्ति को बढ़ाकर रेलपथ की निगरानी को बढ़ाया गया है.

सफर से पहले वेबसाइट पर चेक करें ट्रेन स्टेटस : कोहरे के मौसम में संरक्षा को सुदृढ करने के लिए रेलकर्मियों के विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था, निरीक्षकों, अधिकारियों की ओर से रेलवे स्टाफ की सजगता को लगातार चेक किया जा रहा है. कोहरे के मौसम में रेलयात्रियों की संरक्षा और सुरक्षा के लिए कटिबद्ध है. कोहरे की अधिकता वाले रेलखंडों में गाड़ियां देरी से संचालित हो सकती हैं. यात्रा शुरू करने से पहले यात्री रेलवे की अधिकृत वेबसाईट www.indianrail.gov.in या NTES पर अपनी ट्रेन की वर्तमान स्थिति देखकर ही जाए और असुविधा से बचें. संरक्षित रेल संचालन को सुनिश्चित करने के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक विजय शर्मा ने सभी विभागाध्यक्षों को सर्दियों के मौसम में विशेष सतर्कता के साथ कार्य करने के लिए समीक्षा बैठक में भी निर्देशित किया.

Last Updated : Nov 10, 2022, 7:53 PM IST
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