अब तक मेयर विष्णु लाटा जिस तरह से नई निगम समितियां बनाने को लेकर अपना पक्ष रखते हुए आए थे उससे यह साफ था की जल्द निगम की कार्यकारी समितियां भंग होने वाली है. नई समितियों में उन 45 नामों में से पार्षदों को मौका मिलेगा जिन्होंने महापौर उपचुनाव में लाटा को वोट देकर मेयर बनाने में अपनी भूमिका अदा की थी.
बुधवार देर रात जारी हुई समितियों की लिस्ट से यह साफ हो गया. जिसमें विष्णु लाटा ने मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए 13 बीजेपी के, 10 कांग्रेस के और तीन निर्दलीय पार्षदों को समितियों का चेयरमैन बनाया. लाटा ने वित्त समिति रामनिवास जोनवाल को सुपुर्द की. जिन्होंने हाल ही में हुए बजट बैठक में बीजेपी से बागी होकर बजट बैठक का कोरम पूरा कराया था.वहीं स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समिति मंजू शर्मा, प्रकाश गुप्ता और राजेश बिंवाल के हवाले की है.जबकि भवन अनुज्ञा एवं संकर्म और फायर समिति की दोहरी जिम्मेदारी भगवत सिंह देवल को दी गई है.इसके अलावा...गंदी बस्ती सुधार समिति - किशनलाल अजमेरानियम विधि समिति - रमेश कुमार बैरवाअपराधों का शमन व समझौता समिति - कमल वाल्मीकिलोक वाहन समिति - संजय जांगिड़लाइसेंस समिति - लक्ष्मण दास मोरानीविद्युत एवं सार्वजनिक विकास समिति - कैलाश शर्मा, धर्मसिंह सिंघानिया और तेजेश शर्मानगरीय विकास कर समिति - राजेश गुप्ताउद्यान विकास एवं पर्यावरण समिति - मुनेशपशु नियंत्रण एवं संरक्षण समिति - भंवरलाल छीपासांस्कृतिक समिति - मोहन लाल मीणास्वर्ण जयंती शहरी रोजगार समिति - महादेव प्रसाद शर्मासामाजिक सहायक एवं लोक कल्याण समिति - नारायण नैनावतवर्षा जल पुनर्भरण एवं संरक्षण समिति - कजोड़ मल सैनीहोर्डिंग एवं नीलामी समिति - गोपाल कृष्ण शर्मामहिला उत्थान समिति - सुमन गुर्जरफुटकर व्यवसाय पुनर्वास समिति - सुशील शर्मासीवरेज संधारण समिति - इम्तियाज खान गौरी को दिया गया है.
बहरहाल बीजेपी के दिग्गज जिन नियमों का हवाला देकर इन समितियों को भंग नहीं किए जाने का दावा कर रहे थे, उन पर मेयर विष्णु लाटा और सरकार ने पानी फेर दिया है. ऐसे में अब देखना होगा कि क्या इन नई समितियों को लेकर बीजेपी कोर्ट का दरवाजा खटखटाती है या नहीं.