जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस पार्टी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के खेमे में बंटी है वहीं बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए उन छह विधायकों का धड़ा भी बंटा दिख रहा है. वे एक साथ गहलोत के समर्थन में कांग्रेस के साथ आए थे. कभी बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए सभी 6 विधायकों का नेतृत्व कर रहे राजेंद्र गुढ़ा अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विरोधी खेमे में शामिल हो गए हैं तो पीछे बचे विधायक लाखन मीणा, वाजिब अली, संदीप यादव अब गहलोत सरकार के साथ खड़े हैं. बाकी बचे दो विधायक दीपचंद खैरिया और जोगेंद्र अवाना पहले ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ थे.
वाजिब अली, संदीप यादव और लखन मीणा ने आज कांग्रेस पार्टी के सह प्रभारी काजी निजामुद्दीन से मुलाकात की. उन्होंने मुलाकात के बाद साफ कर दिया कि बसपा से कांग्रेस में हमने एक साथ एंट्री की थी लेकिन अब हम कांग्रेस पार्टी के विधायक हैं और कांग्रेस के साथ हैं. भले ही तीनों विधायक यह कहते नजर आ रहे हैं कि वो अब सरकार के साथ हैं लेकिन इसके साथ ही उन्होंने काजी निजामुद्दीन से ये भरोसा भी मांगा है कि बसपा से कांग्रेस में आने वाले विधायकों को कांग्रेस पार्टी टिकट का भरोसा भी दे. चुनावों में अब 6 महीने का समय शेष है. ऐसे में उन्हें टिकट पहले ही दे दिए जाएं ताकि चुनाव की तैयारी के साथ ही anti-incumbency के मामलों पर जीत की रणनीति बना सकें.
वाजिब अली बोले पायलट बड़े नेता उनकी मांग जायज लेकिन फैसला आलाकमान को लेना है, मेरे क्षेत्र में मैंने ही खड़ी की कॉन्ग्रेस : बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक वाजिब अली ने साफ तौर पर कहा कि सचिन पायलट कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता हैं. उन्होंने जो मांग रखी है, वो कोई गैर वाजिब भी नहीं है. हालांकि ये हाई लेवल का मामला है, ऐसे में इस पर कार्रवाई कांग्रेस आलाकमान ही कर सकता है. वाजिब अली ने भी सह प्रभारी के सामने पहले टिकट देने की मांग करते हुए कहा कि इससे हमें समय ज्यादा मिलेगा और हम कांग्रेस पार्टी को जीत दिला सकेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये मांग वह खुद के लिए नहीं कर रहे क्योंकि उनके क्षेत्र में तो वैसे भी कांग्रेस पार्टी उन्होंने ही खड़ी की है. कांग्रेस वहां से चुनाव लगातार हार रही थी, अब मेरी विधानसभा सीट में कांग्रेस मजबूत है. लेकिन जहां 10-10 कैंडिडेट हैं वहां पार्टी पहले टिकट की घोषणा करे.
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