जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-1 महानगर प्रथम ने नाबालिग मानसिक दिव्यांग को अपने घर लाकर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त दिलीप को 20 साल की सजा सुनाई है. इसे साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 15000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है. पीठासीन अधिकारी मनीषा सिंह ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त ने मानसिक रूप से दिव्यांग बालिका को अपने घर लाकर उसके साथ दुष्कर्म जैसा घृणित कृत्य किया है. ऐसे में उसके प्रति नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता.
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजेश श्योराण ने अदालत को बताया की पीड़िता के पिता ने 2 जून, 2022 को बस्सी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि उसकी मानसिक रूप से दिव्यांग बेटी रात को खाना खाकर सो गई थी. देर रात वह अचानक कहीं चली गई है. आसपास तलाश करने के बाद भी उसका कुछ पता नहीं चला है. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया.
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पुलिस जांच में पता चला की अभियुक्त घटना की रात पीड़िता को अपने घर ले आया था. जहां उसने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया. विशेष लोक अभियोजक की ओर से अदालत को कहा गया कि अभियुक्त ने एक नासमझ नाबालिग को अपनी हवस का शिकार बनाया है. ऐसे में उसे कठोर दंड दिया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने अभियुक्त को 20 साल की सजा सुनाई है.