जयपुर. हाल ही सचिन पायलट ने पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच को लेकर अपनी ही पार्टी के खिलाफ धरने पर बैठे थे. जिसके बाद सचिन पायलट के इस कदम को बगावत के रूप में देखा जा रहा है. इस पर प्रदेश के खेल मंत्री अशोक चांदना ने अपनी प्रतिक्रिया देने से बचते दिखे. मंगलवार को जयपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान चांदना ने कहा कि इस पूरे प्रकरण को लेकर आलाकमान ने पार्टी के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को भेजा है.
आलाकमान की इस पूरे मामले पर पल-पल की नजर है. खेल मंत्री ने कहा कि पार्टी के दिशा-निर्देश हैं कि किसी नेता को कोई टीका-टिप्पणी नहीं करनी. उस पर हमें चलना चाहिए. वो पार्टी के एक अनुशासन में रहने वाले कार्यकर्ता हैं. किसी प्रकार की टीका-टिप्पणी से उनके नेताओं की मनाही है. इसलिए वो ऐसा नहीं करेंगे. इस दौरान चांदना सचिन पायलट से जुड़े किसी भी सवाल पर बोलने से बचते दिखे.
उधर, गहलोत सरकार की ओर से पूरे प्रदेश में महंगाई राहत कैंप लगाए गए हैं. हालांकि, ऐसे ही इस कैंप को बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने रुकवा दिया. इसे लेकर खेल मंत्री अशोक चांदना ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी हमेशा से जनविरोधी, जनता के रोजमर्रा के दुखों को नहीं समझने वाली पार्टी रही है. उनके नेता भी संवेदनहीन नेता हैं, क्योंकि जिस कैंप के अंदर बुजुर्ग लोगों की पेंशन बढ़ने वाली है, जिसके कैंप में 500 रुपये में गैस का सिलेंडर मिलने की व्यवस्था होने वाली है. ऐसे कैंप को बंद करने वाले व्यक्ति को तो राजनीति में रहने का अधिकार ही नहीं है. किसी भी पार्टी में रहने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि भारतीय जनता पार्टी भी उनका खंडन करेगी.