जयपुर. राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के साथ हुए दुर्व्यवहार का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. सांसद किरोड़ी के समर्थन में शनिवार को भले ही बीजेपी के नेताओं ने एक मंच पर आकर गहलोत सरकार के खिलाफ हल्ला बोल आंदोलन किया, लेकिन मीणा के समर्थकों ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के खिलाफ भी नाराजगी जताई. 11 दिन तक मीणा के आंदोलन से बीजेपी की दूरी पर मीणा के समर्थकों ने बीजेपी मुख्यालय के बाहर सतीश पूनिया के खिलाफ नारे लगाए.
इससे पहले बीजेपी ने पार्टी मुख्यालय के बाहर धरना दिया. बाद में सीएम हाउस घेराव का निर्णय लिया. अचानक बदली रणनीति ने एक बार पुलिस को अचंभित कर दिया. मुख्यमंत्री आवास की तरफ कूच कर रहे बीजेपी नेता और कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ जमकर झड़प हुई. धक्का-मुक्की और झड़प के बीच पुलिस की गाड़ियों पर किरोड़ी समर्थकों ने पत्थर फेंके, जिससे पुलिस की गाड़ियों शीशे टूट गए. इसके बाद उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया, भाजपा विधायक मदन दिलावर, अशोक लाहोटी, निर्मल कुमावत और सासंद घनश्याम तिवाड़ी से कई नेताओं ने गिरफ्तारी भी दी.
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यूं चला विरोध प्रदर्शनः दरअसल राज्यसभा सांसद किरोड़ी मीणा और शहीदों की वीरांगनाओं के साथ पुलिस दुर्व्यवहार के मामले को लेकर बीजेपी ने प्रदेश भाजपा मुख्यालय के बाहर सांकेतिक धरना देने का आह्वान किया गया. 11 बजे पार्टी मुख्यालय पर नेता और कार्यकर्ता जुटना शुरू हुए. 12 बजे उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ के नेतृत्व में धरना शुरू हुआ लेकिन 1 बजे अचानक राठौड़ ने सीएम हाउस कूच की घोषणा कर दी. जैसे ही बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता 22 गोदाम की तरफ बढ़ने लगे तो पुलिस ने बैरिकेड लगाकर उन्हें रोकने का प्रयास किया.
इस दौरान बीजेपी समर्थक कम और मीणा के समर्थक ज्यादा थे. मीणा समर्थकों ने बैरिकेड तोड़ने का प्रयास किया, जिसके चलते पुलिस और समर्थकों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई. मीणा के समर्थकों ने पुलिस की गाड़ियों पर पत्थर फेंके, जिससे कई पुलिस की गाड़ियों के शीशे टूट गए. बाद में पुलिस ने समझाइश कर मामले को शांत किया. बाद में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया, भाजपा विधायक मदन दिलावर, अशोक लाहोटी, निर्मल कुमावत और सासंद घनश्याम तिवाड़ी से कई नेताओं ने अपनी गिरफ्तारी भी दी.
पूनिया मुर्दाबाद के लगे नारेः किरोड़ी समर्थकों ने बीजेपी मुख्यालय के बाहर प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के खिलाफ नारे लगाए. समर्थकों की नाराजगी थी कि जब किरोड़ लाल मीणा 11 दिन से वीरांगनाओं को लेकर आंदोलन कर रहे हैं तो, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने उनका समर्थन नहीं किया. उनका आरोप है कि धरना स्थल पर मीणा से मिलने एक भी बार पूनिया नहीं गए.
आज जब आंदोलन हुआ तो इस आंदोलन को उग्र बनाने और आगे बढ़ाने की बजाए सतीश पूनिया ने पुलिस को गिरफ्तारी देकर इस आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश की है. वहीं सतीश पूनिया ने पुलिस की हिरासत का वीडियो शेयर कर कहा कि वीरांगनाओं के सम्मान में बीजेपी खामोश नहीं बैठेगी. आने वाले दिनों में प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि वीरांगनाओं के सम्मान और उनकी मांगों के समर्थन आंदोलन कर रहे सांसद किरोड़ी लाल मीणा के साथ पुलिस के इस दुर्व्यवहार पर बीजेपी खामोश नहीं रहेगी.
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कई जिलों से पहुंचे मीणा के समर्थकः किरोड़ी लाल मीणा के समर्थन में दिए गए इस धरने और विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए बीजेपी नेता और कार्यकर्ताओं के अलावा जयपुर, दौसा, सवाई माधोपुर और पूर्वी राजस्थान के कई अन्य जिलों से भी मीणा के समर्थक भी जयपुर पहुंचे थे. उन्होंने अपना विरोध दर्ज कराया था. मीणा के समर्थकों ने गिरफ्तारी के दौरान भी किरोड़ी के समर्थन में नारे लगाए. बड़ी संख्या में समर्थक पुलिस की गाड़ियों पर चढ़ गए, जिन्हें बड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने नीचे उतारा.
इंसाफ नहीं मिलने तक आंदोलन जारी रहेगाः गिरफ्तारी देने के बाद उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि पुलिस तानाशाही रूप अपना रही है. सरकार के इशारे पर पुलिस की इस कार्रवाई से न सांसद किरोड़ी लाल मीणा के हौसले कमजोर होने वाले हैं और न बीजेपी के. वीरांगनाओं के सम्मान में पूरा देश खड़ा है. जब तक उनको न्याय नहीं मिल जाता तब तक बीजेपी सड़कों पर उनके लिए खड़ी रहेगी. राठौड़ ने कहा कि सरकार को उन वीरांगनाओं की मांग को मानना ही पड़ेगा जो पिछले 11 दिन से आंदोलन कर रही हैं.
पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि इस सरकार के पाप का घड़ा भर चुका है, यह देश देख रहा है कि किस तरीके से कांग्रेस शहीदों की वीरांगनाओं के साथ दुर्व्यवहार कर रही है. इतना ही नहीं सरकार की नाकामी की पराकाष्ठा तो यह है कि वीरांगनाओं के समर्थन में खड़े होने वाले किरोड़ी लाल मीणा के साथ दुर्व्यवहार किया किया जा रहा है.
विधायक अशोक लाहोटी ने कहा कि आज ही विरोध प्रदर्शन के जरिए सरकार को चेताया है कि वह देश के लिए अपनी जान न्यौछावर करने वाले शहीदों की वीरांगनाओं का सम्मान करें, नहीं तो आने वाले दिनों में यही प्रदेश की जनता इस सरकार को उखाड़ फेंकेगी. विधायक राम लाल शर्मा ने पुलिस की गाड़ियों के शीशे तोड़े जाने के मामले पर कहा कि ये जांच का विषय है कि गाड़ियों पर पत्थर कार्यकर्ताओं ने फेंके हैं या पुलिस ने खुद शीशे तोड़े हैं.
एक मंच पर भाजपाः यह ऐसा पहला मौका है जब भाजपा राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के समर्थन में एक मंच पर आई है. इससे पहले जितने भी विरोध प्रदर्शन किरोड़ी मीणा की ओर से किए गए हैं, उनमें अभी भी प्रत्यक्ष तौर पर बीजेपी मीणा के समर्थन में नहीं आई. इस बार सांसद मीणा को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर भाजपा नेताओं का पूरा समर्थन मिल रहा है. फिर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे हो या फिर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया. यहां तक कि पूर्व राज्यसभा सांसद ओम माथुर भी इस बार किरोड़ी के समर्थन में मंच पर दिखे.
धरने में ये हुए शामिलः बीजेपी की गुटबाजी को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं, लेकिन राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के आंदोलन ने पहली बार बीजेपी को मानो एकजुट कर दिया है. बीजेपी मुख्यालय के बाहर हुए धरने में बड़ी संख्या में विधायक, सांसद शामिल हुए. जिसमें प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवारी, पूर्व राज्यसभा सांसद ओम माथुर, विधायक अशोक लाहोटी शामिल रहे. साथ ही विधायक कन्हैया लाल चौधरी, विधायक रामलाल शर्मा, विधायक अनिता भदेल, विधायक निर्मल कुमावत, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेंद्र सिंह, विधायक मदन दिलावर, पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी, पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा, सहित कई नेता और कार्यकर्ता इस धरने में शामिल हुए.
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ये है नाराजगीः बता दें कि राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा से पुलिस दुर्व्यवहार के विरोध में प्रदेश के भी कई जिलों में आज उनके समर्थकों ने सड़क जाम करके विरोध प्रदर्शन किया है. शुक्रवार को जयपुर में पुलिस पर भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के साथ दुर्व्यवहार किया और उन्हें जबरन हिरासत में लिया. पुलिस और मीणा के बीच हुई इस जोर आजमाइश में सांसद किरोड़ी लाल मीणा की तबीयत खराब हो गई थी. इसके चलते उन्हें एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
कोटा में भी किया विरोध प्रदर्शनः पुलवामा हमले की वीरांगनाओं को जयपुर में धरना समाप्त करवाते हुए राज्य सरकार ने अपने-अपने गृह जिलों में भेज दिया है. इसके बाद से अलग-अलग जगह विरोध प्रदर्शन होता रहा. इसी के तहत कोटा में भारतीय जनता युवा मोर्चा के कुछ कार्यकर्ताओं ने हैंगिंग ब्रिज जाम करने की आज कोशिश की. हालांकि अचानक से कार्यकर्ता हैंगिंग ब्रिज पर पहुंच गए और टायर जलाकर ट्रैफिक को बंद भी कर दिया. इसके बाद नेशनल हाईवे 27 और 52 पर बीच में बैठ गए. गिने-चुने संख्या में पहुंचे इन कार्यकर्ताओं को पुलिस ने खदेड़ दिया. साथ ही इनमें से कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया, जिन्हें लेकर थाने पहुंची है. इस दौरान इन कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने बल प्रयोग भी किया है. हालांकि इस प्रदर्शन में भारतीय जनता युवा मोर्चा का कोई पदाधिकारी शामिल नहीं था.
झालावाड़ में निकाली रैलीः झालावाड़ जिले के अकलेरा कस्बे में मीणा समाज के युवाओं ने कस्बे में बंद का आह्वान किया और बाद में नारेबाजी करते हुए रैली भी निकाली. इस दौरान व्यापारियों ने भी स्वतः प्रतिष्ठान बंद रखकर समर्थन दिया. इस दौरान मीणा समाज के युवा सड़कों पर उतर आए और किरोड़ी लाल मीणा के समर्थन में नारेबाजी करते हुए सड़कों पर रैली भी निकाली.