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गहलोत सरकार को सद्बुद्धि के लिए झारखंड महादेव मंदिर में महाआरती, इस वजह से नाराज हैं जयपुरवासी

गुलाबी नगरी के झारखंड महादेव मंदिर में जयपुर शहर को एक रखने के भाव और सरकार को सद्बुद्धि देने के आह्वान के साथ महाआरती की गई. साथ ही जयपुर शहर को एक जिला बनाए रखने का संकल्प भी लिया गया. म्हारो जयपुर प्यारो जयपुर अभियान के तहत हुए इस आयोजन में शहरवासियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया.

MahaAarti in Jaipur
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Published : May 16, 2023, 7:44 AM IST

झारखंड महादेव मंदिर में महाआरती

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से जयपुर शहर को दो जिलों में बांटकर जयपुर उत्तर और जयपुर दक्षिण जिला की घोषणा की गई थी, जो शहरवासियों को रास नहीं आ रहा. जयपुर शहर के नागरिकों ने इस फैसले से अपनी असहमति व्यक्त करते हुए बीते डेढ़ महीने से विभिन्न कार्यक्रम और ज्ञापनों के जरिए सरकार के समक्ष शहर के विभाजन को लेकर असहमति व्यक्त कर चुके हैं.

अभियान से जुड़े सुनील कोठारी ने बताया कि जयपुर के इतिहास, विरासत, सांस्कृतिक और भौगोलिक एकात्मता को बनाए रखने के लिए 17 मार्च को विशाल कैंडल मार्च, 7 अप्रैल को सांगा बाबा के मंदिर सांगानेर में महाआरती और 27 अप्रैल को चांदपोल हनुमानजी के मंदिर पर महाआरती की गई थी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से जयपुर शहर को जयपुर उत्तर और जयपुर दक्षिण जिला में बांटने के फैसले से असहमति प्रकट करते हुए अब झारखंड महादेव महाआरती की गई.

पढ़ें : पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने दिया सचिन पायलट को अर्शीवाद, 2 मंत्री 15 विधायकों सहित इन नेताओं ने किया सपोर्ट

इस दौरान महादेव से प्रार्थना की गई कि वो सरकार को सद्बुद्धि दे, ताकि वो जयपुर शहर को 2 ज़िलों में बांटने का फैसला वापस लें. सोमवार को महाआरती में झोटवाड़ा, विद्याधर और सिविल लाइंस विधानसभा के साथ जयपुर के सभी क्षेत्रों से बड़ी संख्या में विभिन्न समुदाय, जाति और क्षेत्र के लोगों ने भाग लिया. इसी क्रम में भविष्य में गलता के सूर्य मंदिर और आमेर की शिला माता के मंदिर में महाआरती, गुरुद्वारा, चर्च और मस्जिद में भी प्रार्थना सभाएं आयोजित की जाएंगी.

झारखंड महादेव मंदिर में महाआरती

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से जयपुर शहर को दो जिलों में बांटकर जयपुर उत्तर और जयपुर दक्षिण जिला की घोषणा की गई थी, जो शहरवासियों को रास नहीं आ रहा. जयपुर शहर के नागरिकों ने इस फैसले से अपनी असहमति व्यक्त करते हुए बीते डेढ़ महीने से विभिन्न कार्यक्रम और ज्ञापनों के जरिए सरकार के समक्ष शहर के विभाजन को लेकर असहमति व्यक्त कर चुके हैं.

अभियान से जुड़े सुनील कोठारी ने बताया कि जयपुर के इतिहास, विरासत, सांस्कृतिक और भौगोलिक एकात्मता को बनाए रखने के लिए 17 मार्च को विशाल कैंडल मार्च, 7 अप्रैल को सांगा बाबा के मंदिर सांगानेर में महाआरती और 27 अप्रैल को चांदपोल हनुमानजी के मंदिर पर महाआरती की गई थी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से जयपुर शहर को जयपुर उत्तर और जयपुर दक्षिण जिला में बांटने के फैसले से असहमति प्रकट करते हुए अब झारखंड महादेव महाआरती की गई.

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इस दौरान महादेव से प्रार्थना की गई कि वो सरकार को सद्बुद्धि दे, ताकि वो जयपुर शहर को 2 ज़िलों में बांटने का फैसला वापस लें. सोमवार को महाआरती में झोटवाड़ा, विद्याधर और सिविल लाइंस विधानसभा के साथ जयपुर के सभी क्षेत्रों से बड़ी संख्या में विभिन्न समुदाय, जाति और क्षेत्र के लोगों ने भाग लिया. इसी क्रम में भविष्य में गलता के सूर्य मंदिर और आमेर की शिला माता के मंदिर में महाआरती, गुरुद्वारा, चर्च और मस्जिद में भी प्रार्थना सभाएं आयोजित की जाएंगी.

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