जयपुर. उत्तर प्रदेश कानपुर का 3 साल का मासूम जिसने अपने पिता ओपी शर्मा के साथ जादूगरी की दुनिया में कदम रखा और आज पिता के स्वर्गवास के बाद उन्हीं की विरासत को आगे बढ़ा रहा है. हम बात कर रहे हैं सत्य प्रकाश शर्मा, उर्फ ओपी शर्मा जूनियर की. वे इस समय राजधानी जयपुर में अपने हैरतअंगेज मैजिक शो से लोगों के बीच चर्चा का विषय भी बने हुए हैं और हर वर्ग उनसे जुड़ता चला जा रहा है.
कोई इसे हाथों की सफाई कहता है, कोई आंखों का भ्रम, लेकिन ओपी शर्मा का परिवार 1971 से पारंपरिक जादूगरी (इंद्रजाल) को लोगों के बीच पेश करता आ रहा है. पहले ओपी शर्मा और अब उनके पुत्र ओपी शर्मा जूनियर अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. बदलते वक्त के साथ उन्होंने अपने शो में माइम आर्ट, तिलिस्मी चेहरे, डायनासोर जैसे कुछ नए इनोवेशंस को भी शामिल किया है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में ओपी शर्मा जूनियर ने अपना असली नाम सत्य प्रकाश शर्मा बताते हुए कहा कि जादू की दुनिया में उन्हें लोग ओपी शर्मा जूनियर के नाम से ही जानते हैं. वे पूरे भारतवर्ष में और भारत के बाहर 16 देशों में अब तक 40 हजार 432 शो कर चुके हैं.
दर्शक पसंद करते हैं ऐसी वेशभूषाः जादूगरों की वेशभूषा भी सामान्य वेशभूषा से अलग देखने को मिलती है. इसे लेकर ओपी शर्मा जूनियर ने कहा कि भारत देश में दर्शक इस तरह की वेशभूषा ज्यादा पसंद करते हैं और इससे एक साइक्लोजिकल एडवांटेज भी मिलता है. विदेशों में जादूगर सामान्य वेशभूषा धारण कर मैजिक शो करते हैं.
जादूगरी वैज्ञानिक कलाः उन्होंने बताया कि जादूगरी वैज्ञानिक कला है, विज्ञान और तकनीक पर आधारित है और बहुत ज्यादा अभ्यास के बाद ही इसे प्रदर्शित किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि वे जिस तरह के शो करते हैं ये दृश्य भ्रम (इल्यूजन) है. इल्यूजन क्रिएट करने के लिए बहुत सारे लाइट इफेक्ट, साउंड, सेट सेटिंग, कलर कॉन्बिनेशन को ध्यान में रखते हुए सेटअप तैयार किया जाता है. इसी इल्यूजन से लोगों को लगता है कि लड़की हवा में उड़ रही है, किसी को काटा जा रहा है, किसी चीज को गायब किया जा रहा है. इससे जो अनुभव होता है, वो पूरी तरह लाइव और सच लगता है. उन्होंने कहा कि पहले वो हाथी गायब किया करते थे, कल्पना कीजिए कि हर शो में एक हाथी गायब कर देंगे तो इतने हाथी कहां से लाएंगे.
समाज में फैले अंधविश्वास को दूर करना उद्देश्यः ओपी शर्मा जूनियर ने बताया कि उनके शो का मुख्य उद्देश्य समाज में फैले अंधविश्वास को दूर करना और स्वस्थ मनोरंजन है. इसी तरह इस शो को तैयार किया गया है ताकि हर वर्ग के लोगों का मनोरंजन हो. कन्या भ्रूण हत्या, लालच, अंधविश्वास जैसी बुराइयों के खिलाफ शो के जरिए लोगों को जागरूक करने का प्रयास करते हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि जादू को कभी चमत्कार या सिद्धि के रूप में ना देखें और यदि इसे चमत्कार समझेंगे तो ठगे जाएंगे.
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उन्होंने कहा कि यदि आप जादू सीखना चाहते हैं, तो किसी ट्रेंड मैजिशियन के दिशा-निर्देश में जादू सीखें. बहुत सारी ट्रिक ऐसी हैं, जिसे आसानी से सीखा जा सकता है, लेकिन जो खतरनाक ट्रिक हैं, उन्हें जानकारों के निर्देशन में ही करें और बच्चों से भी यही अपील है कि कोई भी खतरनाक जादू स्टंट घर पर ट्राई न करें. छोटे- मोटे जादू की ट्रिक ऑनलाइन उपलब्ध हैं, उन्हें सीख कर मनोरंजन कर सकते हैं.
मैजिक शो टीम वर्क हैः उन्होंने स्पष्ट किया कि मैजिक शो एक टीम वर्क है. उनके पास करीब 125 लोगों की टीम है, जिसमें हर तरह के लोग हैं. टेक्निकल टीम है, इंजीनियर्स, स्किल आर्टिस्ट, कारपेंटर, म्यूजिशियन और मेकअप आर्टिस्ट हैं. ऐसे में शो में हर तरह के लोगों की जरूरत पड़ती हैं और जो ट्रेंड लोग होते हैं, वो किसी भी राज्य के हों, उन्हें हायर किया जाता है.
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वहीं महामारी के दौर को लेकर उन्होंने कहा कि 2 साल का समय ऐसा रहा जब मैजिक शो, सर्कस, थिएटर कोई भी परफॉर्मिंग आर्ट लोगों के बीच दिखाई नहीं जा सकी. सारे आर्टिस्ट बहुत परेशानी में रहे. उनकी भी बड़ी टीम है, ऐसे में उन्हें भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने आपदा को अवसर में बदला और इस समय को भी यूटिलाइज किया. 15-20 लोगों की कोर टीम है वो इत्तेफाक से एक साथ ही थे. ऐसे में इस पीरियड में बहुत सी नई चीजों पर काम किया और जैसे ही महामारी खत्म हुई, तो उस दौर में जो नया इंवेंशन किया गया था, उन्हें आज प्रदर्शित किया जा रहा है.