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नींदड़ में किसानों का जमीन समाधि सत्याग्रह स्थगित, धरना जारी - zameen samadhi satyagrah

राजधानी के नींदड़ गांव के किसान पिछले कई दिनों जमीन समाधि सत्याग्रह कर रहे थे. दरअसल ये सत्याग्रह नींदड़ में प्रस्तावित जेडीए की आवासीय कॉलोनी में भूमि अवाप्ति को लेकर था, जो रविवार को 16वें दिन मुख्य सचेतक महेश जोशी के मध्यस्थता के बाद स्थगित कर दिया गया है.

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किसानों का जमीन समाधि सत्याग्रह आंदोलन स्थगित
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Published : Mar 16, 2020, 12:10 AM IST

चौमू (जयपुर). राजधानी के नींदड़ में आखिरकार 16वें दिन जमीन समाधि सत्याग्रह स्थगित कर दिया गया. ये धरना नींदड़ में प्रस्तावित जेडीए की आवासीय कॉलोनी में भूमि अवाप्ति को लेकर किया जा रहा था. इस दौरान धरना स्थल पर मुख्य सचेतक महेश जोशी पहुंचे और किसानों को जोशी ने आश्वस्त किया है कि सरकार ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए एंपावर्ड कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी के संयोजक मंत्री शांतिलाल धारीवाल होंगे. इस कमेटी में 5 मंत्रियों को शामिल किया गया है. साथ ही कहा कि जल्द ही ये कमेटी और किसानों के बीच वार्ता होगी.

किसानों का जमीन समाधि सत्याग्रह स्थगित

वहीं, महेश जोशी ने जेडीए के जेडीसी से दूरभाष पर ओपन स्पीकर कर किसानों के सामने बातचीत की हैं. जोशी ने कहा है कि जब तक एंपावर्ड कमेटी का फैसला नहीं आता है, तब तक किसानों की भूमि पर जेडीए किसी भी तरह से कोई काम नहीं करेगा. साथ ही जोशी ने इस बात को लेकर भी आश्वस्त किया है कि यदि कमेटी के फैसले से पहले जेडीए यहां किसी भी तरह से काम करेगा, तो मैं किसानों के साथ खड़ा होकर आंदोलन में शामिल हो जाऊंगा.

क्या है 'जमीन समाधि सत्याग्रह':-

नींदड़ के किसान पहले भूमि अवाप्ति कानून 2013 के तहत मुआवजे की मांग कर रहे थे, लेकिन जेडीए के साथ हुई तीसरे दौर की वार्ता में किसानों ने अपनी प्राथमिकता बदलते हुए विकसित भूखंड 25 प्रतिशत से 35 प्रतिशत करने की मांग की, जिसे जेडीए ने कानून सम्मत नहीं बताया.

पढ़ें- नींदड़ किसानों का जमीन को लेकर सत्याग्रह 16वें दिन भी जारी

इधर 50 दिन तक सरकार से उचित समाधान नहीं निकालने के बाद 29 फरवरी को नींदड़ के किसानों ने एक बार फिर जमीन समाधि सत्याग्रह शुरू कर दिया था. इस दौरान किसानों ने जेडीए को भ्रष्ट बताकर मुख्यमंत्री से खुद समस्या का समाधान करने की मांग भी की थी. वहीं, किसान भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत मुआवजा देने की मांग को लेकर किसानों ने 'जमीन समाधि सत्याग्रह' आंदोलन किया.

बता दें कि इससे पहले भी किसानों की ओर से जनवरी में आंदोलन किया गया था, लेकिन मुख्य सचेतक महेश जोशी के हस्तक्षेप के बाद स्थगित कर दिया गया था, लेकिन इस बार किसान मंत्रिमंडलीय समिति से वार्ता करना चाहते हैं. बहरहाल, एक बार फिर मुख्य सचेतक महेश जोशी के आश्वासन के बाद किसानों ने धरना स्थगित किया है.

चौमू (जयपुर). राजधानी के नींदड़ में आखिरकार 16वें दिन जमीन समाधि सत्याग्रह स्थगित कर दिया गया. ये धरना नींदड़ में प्रस्तावित जेडीए की आवासीय कॉलोनी में भूमि अवाप्ति को लेकर किया जा रहा था. इस दौरान धरना स्थल पर मुख्य सचेतक महेश जोशी पहुंचे और किसानों को जोशी ने आश्वस्त किया है कि सरकार ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए एंपावर्ड कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी के संयोजक मंत्री शांतिलाल धारीवाल होंगे. इस कमेटी में 5 मंत्रियों को शामिल किया गया है. साथ ही कहा कि जल्द ही ये कमेटी और किसानों के बीच वार्ता होगी.

किसानों का जमीन समाधि सत्याग्रह स्थगित

वहीं, महेश जोशी ने जेडीए के जेडीसी से दूरभाष पर ओपन स्पीकर कर किसानों के सामने बातचीत की हैं. जोशी ने कहा है कि जब तक एंपावर्ड कमेटी का फैसला नहीं आता है, तब तक किसानों की भूमि पर जेडीए किसी भी तरह से कोई काम नहीं करेगा. साथ ही जोशी ने इस बात को लेकर भी आश्वस्त किया है कि यदि कमेटी के फैसले से पहले जेडीए यहां किसी भी तरह से काम करेगा, तो मैं किसानों के साथ खड़ा होकर आंदोलन में शामिल हो जाऊंगा.

क्या है 'जमीन समाधि सत्याग्रह':-

नींदड़ के किसान पहले भूमि अवाप्ति कानून 2013 के तहत मुआवजे की मांग कर रहे थे, लेकिन जेडीए के साथ हुई तीसरे दौर की वार्ता में किसानों ने अपनी प्राथमिकता बदलते हुए विकसित भूखंड 25 प्रतिशत से 35 प्रतिशत करने की मांग की, जिसे जेडीए ने कानून सम्मत नहीं बताया.

पढ़ें- नींदड़ किसानों का जमीन को लेकर सत्याग्रह 16वें दिन भी जारी

इधर 50 दिन तक सरकार से उचित समाधान नहीं निकालने के बाद 29 फरवरी को नींदड़ के किसानों ने एक बार फिर जमीन समाधि सत्याग्रह शुरू कर दिया था. इस दौरान किसानों ने जेडीए को भ्रष्ट बताकर मुख्यमंत्री से खुद समस्या का समाधान करने की मांग भी की थी. वहीं, किसान भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत मुआवजा देने की मांग को लेकर किसानों ने 'जमीन समाधि सत्याग्रह' आंदोलन किया.

बता दें कि इससे पहले भी किसानों की ओर से जनवरी में आंदोलन किया गया था, लेकिन मुख्य सचेतक महेश जोशी के हस्तक्षेप के बाद स्थगित कर दिया गया था, लेकिन इस बार किसान मंत्रिमंडलीय समिति से वार्ता करना चाहते हैं. बहरहाल, एक बार फिर मुख्य सचेतक महेश जोशी के आश्वासन के बाद किसानों ने धरना स्थगित किया है.

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