जयपुर. भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी को भगवान श्री कृष्ण का अवतरण गुरुवार को जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाएगा. इससे पहले बुधवार से ही अष्टप्रहर हरि नाम संकीर्तन शुरू हो गया. मंदिर प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि गुरूवार को मंदिर के मुख्य द्वार से निकास कुआ द्वार पर शहनाई वादन होगा. सुबह 4:30 बजे मंगला झांकी से ही श्रद्धालुओं की दर्शन व्यवस्था शुरू हो जाएगी. तीन लाइनों की व्यवस्था की गई है. पास धारक, आमजन प्रवेश (पदवेश रहित), आम जन प्रवेश (पदवेश सहित). भक्तगण जलेब चौक से आएंगे और उनका निकास जय निवास बाग पूर्व गेट और पश्चिम गेट से होगा.
गोविंद देव जी मंदिर के प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि ठाकुर श्री जी को नवीन रेशमी पीताबंरी पोशाक धारण कराई जाएगी. हाथ से बनी इस पोशाक को राजस्थानी जरी-गोटा से शाही स्वरूप दिया गया है. विशेष अलंकार धारण कराकर ठाकुर श्रीजी को विशेष फूलों का शृंगार किया जाएगा. रात 12 बजे 31 तोपों की सलामी और विशेष आतिशबाजी होगी और ठाकुर जी का अभिषेक किया जाएगा. इस दौरान 6 पंडित वेद पाठ करेंगे.
शालिग्राम पूजन और पांच द्रव्यों के पूजन बाद ठाकुर श्रीजी का पंचामृत अभिषेक होगा. देसी गाय के गोबर और गोमूत्र से अभिषेक के बाद 25 जड़ी-बूटियों से तैयार सर्वोषधि से अभिषेक किया जाएगा. इसके बाद केसर मिश्रित जल से सहस्त्रधारा की जाएगी. अभिषेक में 425 लीटर दूध, 365 किलो दही, 11 किलो घी, 85 किलो बूरा, 11 किलो शहद का उपयोग होगा. वहीं, विशेष भोग में पंजीरी लड्डू, खिरसा और रबड़ी कुल्लड़ अर्पित होगा. अभिषेक के बाद सभी भक्तों को निशुल्क पंचामृत और पंजीरी वितरण जय निवास बाग में बने प्रसादी मंच से किया जाएगा.
जन्माष्टमी में लगभग तीन हजार कार्यकर्ता सुबह मंगला झांकी से अभिषेक तक अपनी सेवाएं देंगे. इसके साथ स्काउट गाइड और पुलिस प्रशासन भी मौजूद रहेगा. प्रशासन की ओर से मेटल डिटेक्टर गेट और सीसीटीवी की व्यवस्था की गई है. वहीं, इस बार मंदिर प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं से पारंपरिक भारतीय परिधान पहनकर मंदिर में प्रवेश करने का आग्रह किया गया है. हालांकि, मानस गोस्वामी ने स्पष्ट कर दिया है कि श्रद्धालुओं पर परिधान को लेकर कोई बाउंडेशन नहीं है.
वहीं, श्रद्धालुओं को इस बार भी गोविंद देव जी के सागारी लड्डू नहीं मिलेगा. बीते 6 साल से इस पर रोक लगाई गई है. इसके पीछे मंदिर प्रशासन का तर्क है कि पुलिस प्रशासन ने व्यवस्थाओं को मद्देनजर रखते हुए प्रसाद वितरण नहीं करने की राय दी थी. वहीं, सूत्रों के अनुसार मंदिर प्रबंधन को भारतीय खाद्य संरक्षक मानक प्राधिकरण यानी एफएसएसआई से लाइसेंस नहीं मिलने की वजह से प्रसाद वितरण व्यवस्था को रोका गया है.
उधर, जयपुर के अन्य प्रमुख कृष्ण मंदिर कृष्ण बलराम मंदिर में भगवान को नवरत्न और हीरो से सुसज्जित पोशाक धारण कराई जाएगी, साथ ही तिरुपति बालाजी मंदिर की तर्ज पर भगवान श्री कृष्णा और बलराम को विशाल माला महाहार पहनाया जाएगा. इसके अलावा राधा दामोदर मंदिर में दोपहर 12:00 बजे भगवान का जन्मोत्सव मनाया जाएगा. अन्य कृष्ण मंदिर ब्रजनिधि, अक्षरधाम, गोपीनाथ जी मंदिर में भी भगवान का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा.