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जयराम रमेश ने कहा- चुनाव कोई ब्यूटी कॉन्टेस्ट नहीं, संगठन महिला आरक्षण पर कही ये बड़ी बात...

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने सोमवार को केंद्र की मोदी सरकार को महिला आरक्षण के मुद्दे पर (Congress attacks on issue of women reservation) आड़े हाथ लिया. वहीं, कांग्रेस संगठन में 20 फीसद महिला आरक्षण के प्रावधान पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम अपनी कमियों को अविलंब दुरुस्त करने की दिशा में काम शुरू करेंगे. साथ ही उन्होंने माफी मांगते हुए कहा कि चुनाव कोई ब्यूटी कॉन्टेस्ट नहीं है...

Congress National General Secretary Jairam Ramesh
Congress National General Secretary Jairam Ramesh
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Published : Dec 12, 2022, 3:10 PM IST

जयराम रमेश ने क्या कहा....

जयपुर. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में (Rahul Gandhi Bharat Jodo Yatra) सोमवार को महिला शक्ति की मौजूदगी देखने को मिली. पार्टी की महिला नेता केवल राहुल गांधी के साथ पैदल मार्च करते ही नहीं, बल्कि कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश के साथ प्रेसवार्ता में भी नजर आई. इस दौरान महिलाओं से जुड़े सवाल अधिक पूछे गए. साथ ही महिला मुख्यमंत्री और महिलाओं को अधिक टिकट दिए जाने के सवाल पर जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी की प्राथमिकता कांग्रेस को जिताने की है.

इसके अलावा उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए कहा कि हमारे देश में और हमारी राजनीतिक प्रणाली में चुनाव व्यक्तियों के बीच ब्यूटी कॉन्टेस्ट नहीं (Big statemnet on womens reservation) होता है, बल्कि पार्टियों की विचारधारा के आधार पर होते हैं. रमेश ने कहा कि चुनाव पार्टियों के सिंबल और पार्टी के मेनिफेस्टो के आधार पर लड़े जाते हैं. कौन मुख्यमंत्री बनेगा या बनेगी यह चुनाव के बाद ही तय होता है.

वहीं, रमेश से जब यूपी की तर्ज पर अन्य राज्यों में भी 40 फीसदी महिलाओं को टिकट दिए जाने के बाबत सवाल किए गए तो उन्होंने कहा कि एक मात्र कांग्रेस ही ऐसी पार्टी है, जिसने यूपी में 40 फीसद महिला उम्मीदवार उतारे थे. हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि महिलाओं को 40 फीसद टिकट दिए जाने पर फिलहाल दो विचार हैं. यूपी चुनाव में प्रियंका गांधी इस बात पर अडिग थी कि महिलाओं को 40 फीसद टिकट दिए जाए और आखिरकार पार्टी ने उसे माना भी, लेकिन नतीजे सकारात्मक नहीं आए. बावजूद इसके हम आगे भी अधिक से अधिक महिलाओं (Jairam Ramesh target on Modi government ) को टिकट देने की कोशिश करेंगे, लेकिन चुनाव के समय दौरान इस पर फैसला स्क्रीनिंग और इलेक्शन कमेटी में बहस के बाद ही होता है.

खैर, आगे उन्होंने कहा कि अलग-अलग लोगों की पृथक विचार हो सकते हैं, लेकिन यह कानून नहीं है और हमारे संविधान में भी ऐसा नहीं है. उत्तर प्रदेश में 40 फीसदी महिलाओं को टिकट दिया जाना एक एक्सपेरिमेंट था, जो सफल नहीं था, क्योंकि नतीजा हमारे लिए सकारात्मक नहीं रहे थे.

संगठन में महिलाओं को 20% आरक्षण, लेकिन हम नहीं कर पाए लागू: रमेश ने इस दौरान केंद्र की मोदी सरकार से महिलाओं के लिए लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा चुनाव में 33 फीसद आरक्षण के लिए कानून लाने की भी मांग की. लेकिन दूसरी ओर पार्टी के संविधान में 20 फीसद महिलाओं के लिए आरक्षण होने के बावजूद उन्हें तय संख्या में पदों पर आसीन नहीं किए जाने को लेकर जब सवाल किए गए तो वो असहाय नजर आए. उन्होंने कहा कि 11 साल पहले मनमोहन सिंह की सरकार में महिला आरक्षण बिल राज्यसभा में पास हुआ था. जिससे विधानसभा, लोकसभा और राज्यसभा में 33 फीसद आरक्षण महिलाओं को मिलना था, लेकिन वह बिल लोकसभा में पारित नहीं हो पाया.

मोदी सरकार पर फोड़ा ठीकरा: रमेश ने कहा कि अभी भी वह बिल जिंदा है, क्योंकि लोकसभा तो चुनाव के बाद भंग हो जाती है. लेकिन राज्यसभा बरकरार रहती है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी की यह हमेशा से ही मांग रही है. वहीं, पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इसको लेकर प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा था. जिसमें उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया था कि इस बिल को अविलंब लोकसभा में लाकर पास कराया जाए. कांग्रेस पार्टी इसका समर्थन करेगी, लेकिन 8 साल से मोदी की सरकार इस बिल का जिक्र तक नहीं कर रही है.

कमियों को जल्द करेंगे दुरुस्त: साथ ही जयराम रमेश ने अपनी पार्टी के संविधान को लेकर कहा कि कांग्रेस पार्टी के संविधान में संशोधन हुआ है. जिसमें हमने 20 फीसदी आरक्षण महिलाओं के लिए रखा है. रमेश ने कहा कि देश में कांग्रेस एक मात्र ऐसी पार्टी है, जिसने अपने संविधान में विशेष प्रावधान के जरिए महिलाओं को तरजीह दी है. हालांकि, इसके लागू नहीं होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह बात अलग है कि हम इस प्रावधान को पूरा नहीं कर पाए हैं. ऐसे में वो इसे स्वीकार करते हैं और जल्द ही कमियों और खामियों को दुरुस्त करने की दिशा में काम किया जाएगा.

जयराम रमेश ने क्या कहा....

जयपुर. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में (Rahul Gandhi Bharat Jodo Yatra) सोमवार को महिला शक्ति की मौजूदगी देखने को मिली. पार्टी की महिला नेता केवल राहुल गांधी के साथ पैदल मार्च करते ही नहीं, बल्कि कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश के साथ प्रेसवार्ता में भी नजर आई. इस दौरान महिलाओं से जुड़े सवाल अधिक पूछे गए. साथ ही महिला मुख्यमंत्री और महिलाओं को अधिक टिकट दिए जाने के सवाल पर जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी की प्राथमिकता कांग्रेस को जिताने की है.

इसके अलावा उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए कहा कि हमारे देश में और हमारी राजनीतिक प्रणाली में चुनाव व्यक्तियों के बीच ब्यूटी कॉन्टेस्ट नहीं (Big statemnet on womens reservation) होता है, बल्कि पार्टियों की विचारधारा के आधार पर होते हैं. रमेश ने कहा कि चुनाव पार्टियों के सिंबल और पार्टी के मेनिफेस्टो के आधार पर लड़े जाते हैं. कौन मुख्यमंत्री बनेगा या बनेगी यह चुनाव के बाद ही तय होता है.

वहीं, रमेश से जब यूपी की तर्ज पर अन्य राज्यों में भी 40 फीसदी महिलाओं को टिकट दिए जाने के बाबत सवाल किए गए तो उन्होंने कहा कि एक मात्र कांग्रेस ही ऐसी पार्टी है, जिसने यूपी में 40 फीसद महिला उम्मीदवार उतारे थे. हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि महिलाओं को 40 फीसद टिकट दिए जाने पर फिलहाल दो विचार हैं. यूपी चुनाव में प्रियंका गांधी इस बात पर अडिग थी कि महिलाओं को 40 फीसद टिकट दिए जाए और आखिरकार पार्टी ने उसे माना भी, लेकिन नतीजे सकारात्मक नहीं आए. बावजूद इसके हम आगे भी अधिक से अधिक महिलाओं (Jairam Ramesh target on Modi government ) को टिकट देने की कोशिश करेंगे, लेकिन चुनाव के समय दौरान इस पर फैसला स्क्रीनिंग और इलेक्शन कमेटी में बहस के बाद ही होता है.

खैर, आगे उन्होंने कहा कि अलग-अलग लोगों की पृथक विचार हो सकते हैं, लेकिन यह कानून नहीं है और हमारे संविधान में भी ऐसा नहीं है. उत्तर प्रदेश में 40 फीसदी महिलाओं को टिकट दिया जाना एक एक्सपेरिमेंट था, जो सफल नहीं था, क्योंकि नतीजा हमारे लिए सकारात्मक नहीं रहे थे.

संगठन में महिलाओं को 20% आरक्षण, लेकिन हम नहीं कर पाए लागू: रमेश ने इस दौरान केंद्र की मोदी सरकार से महिलाओं के लिए लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा चुनाव में 33 फीसद आरक्षण के लिए कानून लाने की भी मांग की. लेकिन दूसरी ओर पार्टी के संविधान में 20 फीसद महिलाओं के लिए आरक्षण होने के बावजूद उन्हें तय संख्या में पदों पर आसीन नहीं किए जाने को लेकर जब सवाल किए गए तो वो असहाय नजर आए. उन्होंने कहा कि 11 साल पहले मनमोहन सिंह की सरकार में महिला आरक्षण बिल राज्यसभा में पास हुआ था. जिससे विधानसभा, लोकसभा और राज्यसभा में 33 फीसद आरक्षण महिलाओं को मिलना था, लेकिन वह बिल लोकसभा में पारित नहीं हो पाया.

मोदी सरकार पर फोड़ा ठीकरा: रमेश ने कहा कि अभी भी वह बिल जिंदा है, क्योंकि लोकसभा तो चुनाव के बाद भंग हो जाती है. लेकिन राज्यसभा बरकरार रहती है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी की यह हमेशा से ही मांग रही है. वहीं, पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इसको लेकर प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा था. जिसमें उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया था कि इस बिल को अविलंब लोकसभा में लाकर पास कराया जाए. कांग्रेस पार्टी इसका समर्थन करेगी, लेकिन 8 साल से मोदी की सरकार इस बिल का जिक्र तक नहीं कर रही है.

कमियों को जल्द करेंगे दुरुस्त: साथ ही जयराम रमेश ने अपनी पार्टी के संविधान को लेकर कहा कि कांग्रेस पार्टी के संविधान में संशोधन हुआ है. जिसमें हमने 20 फीसदी आरक्षण महिलाओं के लिए रखा है. रमेश ने कहा कि देश में कांग्रेस एक मात्र ऐसी पार्टी है, जिसने अपने संविधान में विशेष प्रावधान के जरिए महिलाओं को तरजीह दी है. हालांकि, इसके लागू नहीं होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह बात अलग है कि हम इस प्रावधान को पूरा नहीं कर पाए हैं. ऐसे में वो इसे स्वीकार करते हैं और जल्द ही कमियों और खामियों को दुरुस्त करने की दिशा में काम किया जाएगा.

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