जयपुर. राजस्थान में पेपर लीक और परीक्षाओं में फर्जी अभ्यर्थियों के बढ़ते मामलों के बाद प्रदेश सरकार ने चुनावी साल में इमेज बिल्डिंग की तैयारी कर ली है. साख सुधारने के मकसद से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को एंटी चीटिंग टॉस्क फोर्स के गठन को हरी झंडी दे दी है. इस फैसले के तहत स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप SOG में ही अलग से विंग बनाकर ACTF बनाई जाएगी. माना जा रहा है कि सरकार की मंशा है कि इस टॉस्क फोर्स के जरिये राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं समेत अन्य भर्तियों के लिए होने वाले एग्जाम में पर्चा लीक के साथ ही नकल माफिया पर कारगर रूप से लगाम लगाई जा सके.
ACTF में होंगे 39 पदः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्पेशल एंटी चीटिंग टॉस्क फोर्स के गठन के साथ ऐलान के साथ ही 39 नये पदों का सृजन किया है. स्पेशल टॉस्क फोर्स के इन पदों की नियुक्ति और जरूरी संसाधनों के लिए बजट की मंजूरी के प्रस्ताव भी सरकार ने स्वीकार कर लिए हैं. ACTF के इन नवीन पदों में पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की एक-एक पोस्ट होगी. वहीं पुलिस निरीक्षक, हेड कांस्टेबल के 5-5 पद रखे गये हैं. जबकि सिपाही के पद समेत अन्य पोस्ट पर बीस नियुक्तियों का प्रस्ताव मंजूर किया गया है. सरकार ने दावा किया है कि यह टॉस्क फोर्स आधुनिक संसाधनों से पूरी तरह से लैस होगी. यह टॉस्क फोर्स पेपर लीक जैसे संगीन मामलों में दोषी पाये जाने वाले लोगों के साथ ही संलिप्तता पाये जाने पर संबंधित संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई को सुनिश्चित करवाने का काम करेगी.
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युवाओं में जाएगा पॉजिटिव मैसेजः राजस्थान सरकार ने पेपर लीक माफिया के खिलाफ ऐलान के मुताबिक कड़े रुख को साबित करते हुए स्पेशल एंटी चीटिंग टॉस्क फोर्स को ऐसे मामलों में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. माना जा रहा है कि इस फैसले से बेरोजगार युवाओं के साथ ही प्रतिभावान अभ्यर्थियों को इंसाफ मिल सकेगा. साथ ही टॉस्क फोर्स परीक्षाओं में गोपनीयता को भी सुनिश्चित करेगी. जिससे नकल के मामलों में असरकारक जांच के बाद अपराधियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जा सके. गौरतलब है कि गहलोत सरकार हाल ही में विधानसभा सत्र के दौरान एंट चीटिंग बिल लेकर आई थी. इस बिल को लीगल फ्रेम में लाने के मकसद से यह टॉस्क फोर्स काम करेगी. विधेयक में दोषी पाये जाने पर उम्र कैद की सजा का प्रावधान भी किया गया है. गहलोत सरकार विधानसभा में राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा विधेयक, 2022 पारित करा चुकी है. जिसमें दोषियों के खिलाफ कड़ी सजा के अलावा सार्वजनिक परीक्षाओं से डिबार करने, उनकी सम्पत्ति ध्वस्त करने जैसे कड़े प्रावधान किए गए हैं.