जयपुर. जिले के सत्र न्यायालय ने मई 2018 में डेटिंग एप्लीकेशन के जरिए प्रेमजाल में फंसाकर युवक की हत्या करने के मामले में अभियुक्त प्रिया सेठ व उसके दो सहयोगी दीक्षांत कामरा व लक्ष्य वालिया को दोषी करार दिया है. वहीं अदालत ने अभियुक्तों को मृतक युवक के अपहरण का दोषी नहीं माना है. अदालत तीनों अभियुक्तों को शुक्रवार को सजा सुनाएगी.
कोर्ट ने प्रिया सेठ व दीक्षांत कामरा के जेल में बंद होने व पेशी पर नहीं आने के चलते वीसी के जरिए दोष सिद्ध किया, जबकि जमानत मिलने के बाद कोर्ट में उपस्थित लक्ष्य वालिया को दोष सिद्ध करने के बाद अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राघवेन्द्र पारीक ने बताया कि कोर्ट में गत माह में अभियोजन पक्ष व बचाव पक्ष की बहस पूरी हो गई थी.
अभियोजन पक्ष प्रकरण में कुल 45 गवाहों के बयान दर्ज कराए हैं, जबकि अभियुक्तों ओर से किसी गवाह के बयान दर्ज नहीं कराए, बल्कि अभियोजन के गवाहों से ही उनके वकीलों ने जिरह की थी. परिवादी रामेश्वर प्रसाद के अधिवक्ता संदीप लुहाडिया ने बताया कि पुलिस की जांच, एफएसएल व डीएनए रिपोर्ट में आरोपियों के खिलाफ हत्या सहित अन्य जुर्म प्रमाणित पाए गए थे. प्रिया सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ पेश चालान में पुलिस ने माना था कि अभियुक्तों ने एक सोची समझी साजिश के तहत दुष्यंत शर्मा की हत्या की और सबूत मिटाने के लिए उसकी लाश सूटकेस में बंद कर आमेर की पहाडियों में फेंक दी थी. गौरतलब है कि प्रिया सेठ ने टिंडर फ्रेंडशिप एप्लीकेशन के जरिए दुष्यंत को प्रेमजाल में फंसाकर एक दिन अपने फ्लेट पर बुलाया और उसे बंधक बना लिया. इसके बाद उसने दुष्यंत के परिजनों को फोन कर फिरौती मांगी, लेकिन बाद में उसकी हत्या कर दी और लाश को छिपाने के लिए सूटकेस में बंद कर आमेर की पहाडियों में फेंक दी. घटना के बाद मृतक के पिता ने झोटवाड़ा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी.