जयपुर. 15 साल पहले गुलाबी नगरी को दहलाने वाले सीरियल बम ब्लास्ट मामले के चार आरोपियों के खिलाफ जांच एजेंसी एटीएस ने पूरक चार्जशीट कोर्ट में पेश किया है. इस मामले में आरोपी सैफुर उर्फ सैफुर्रहमान अंसारी, मोहम्मद सैफ, शाहबाज अहमद उर्फ शानू उर्फ इंतखाब उर्फ शहवाज हुसैन और मोहम्मद सरवर आजमी के खिलाफ एटीएस ने पूरक चार्जशीट पेश की है. जबकि 9 अन्य आरोपियों के खिलाफ जांच लंबित होने की बात कही है.
दरअसल, 13 मई 2008 को सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद चांदपोल में एक जिंदा बम मिला था. जो फटा नहीं था. इस मामले की सुनवाई विशेष अदालत में चल रही है. इसी मामले में जांच एजेंसी ने पूरक चार्जशीट पेश की है. अब एटीएस ने इस मामले में किशनपोल बाजार स्थित साइकिल की दुकान के मिस्त्री के साथ ही दुकान पर जांच करने गए तत्कालीन एसआई राजेंद्र सिंह नैन के बयान को भी एटीएस ने अपनी पूरक चार्जशीट में शामिल किया है. इसके साथ ही एटीएस ने आरोपियों के जयपुर आने और जाने के बारे में भी पुख्ता सबूत जुटाए हैं. इसमें बताया गया है कि धमाकों के आरोपियों ने शताब्दी एक्सप्रेस में फर्जी नाम से सफर किया था. इसके साथ ही जयपुर बम धमाकों में काम में लिए गए छर्रे दिल्ली के चांदनी चौक से खरीदने के सबूत के तौर पर इसका बिल भी बतौर सबूत एटीएस ने चार्जशीट में शामिल किया है.
विशेष अदालत ने सुनाई थी फांसी की सजा : उल्लेखनीय है कि जयपुर में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में स्पेशल कोर्ट ने आरोपियों को 20 सितंबर 2019 को फांसी की सजा सुनाई थी. जिसके खिलाफ आरोपियों ने हाईकोर्ट में अपील की थी.
हाईकोर्ट ने जांच पर सवाल उठाए, किया बरी : हाईकोर्ट ने इस साल 29 मार्च को गिरफ्तार चारों आरोपियों को बरी करते हुए एटीएस की जांच पर कई गंभीर सवाल उठाए थे. इसके साथ ही जांच में कई खामियां गिनाई थी. अब एटीएस ने इन चारों आरोपियों के खिलाफ और सबूत जुटाकर एटीएस ने कोर्ट में पूरक चार्जशीट पेश की है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने एटीएस की जांच में जो खामियां गिनाई थी. उन्हें पूरा करते हुए एटीएस ने सबूत जुटाकर इन्हें पूरक चार्जशीट में शामिल किया है. बता दें कि आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन ने 13 मई को जयपुर में जो बम धमाके किए थे. उनमें 71 लोग मारे गए थे.
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