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नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को बीस साल की सजा सुनाई - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम 1 महानगर प्रथम ने (Jaipur POCSO court has sentenced) नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को 20 साल की सजा सुनाई है.

Jaipur POCSO court has sentenced,  POCSO court has sentenced the accused
दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को बीस साल की सजा सुनाई.
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 21, 2023, 8:42 PM IST

जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-1 महानगर प्रथम ने नाबालिग के साथ कई बार दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त दीपक उर्फ मनोज कुमार को बीस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त ने पीड़िता को शारीरिक के साथ-साथ भावनात्मक क्षति भी पहुंचाई है. ऐसे में उसके प्रति नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि पीड़िता की मां ने 21 दिसंबर 2019 को विधायकपुरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसमें कहा गया था कि दो साल पहले अभियुक्त से जान पहचान हुई थी. अभियुक्त ने उसे किसी के घर काम पर रखवाया था. वहीं, कुछ दिनों बाद अभियुक्त ने उसकी पन्द्रह साल की बेटी को भी बारह हजार रुपए मासिक में किसी के घर काम कर लगवा दिया.

पढ़ेंः दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास, पॉक्सो कोर्ट ने बदला फांसी का फैसला

उसकी बेटी को महीने में दो बार अवकाश मिलता था. इन दो दिनों में अभियुक्त उसे घर छोड़ने आता था, लेकिन रास्ते में अपनी क्लीनिक पर ले जाकर दुष्कर्म करता. जिसके चलते पीड़िता गर्भवती हो गई और अभियुक्त ने उसे गर्भ गिराने की दवा खिला दी. जिससे पीड़िता को बहुत रक्तस्त्राव हुआ. इसके बाद पीड़िता ने परिजनों को घटना की जानकारी दी. जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया.

जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-1 महानगर प्रथम ने नाबालिग के साथ कई बार दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त दीपक उर्फ मनोज कुमार को बीस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त ने पीड़िता को शारीरिक के साथ-साथ भावनात्मक क्षति भी पहुंचाई है. ऐसे में उसके प्रति नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि पीड़िता की मां ने 21 दिसंबर 2019 को विधायकपुरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसमें कहा गया था कि दो साल पहले अभियुक्त से जान पहचान हुई थी. अभियुक्त ने उसे किसी के घर काम पर रखवाया था. वहीं, कुछ दिनों बाद अभियुक्त ने उसकी पन्द्रह साल की बेटी को भी बारह हजार रुपए मासिक में किसी के घर काम कर लगवा दिया.

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उसकी बेटी को महीने में दो बार अवकाश मिलता था. इन दो दिनों में अभियुक्त उसे घर छोड़ने आता था, लेकिन रास्ते में अपनी क्लीनिक पर ले जाकर दुष्कर्म करता. जिसके चलते पीड़िता गर्भवती हो गई और अभियुक्त ने उसे गर्भ गिराने की दवा खिला दी. जिससे पीड़िता को बहुत रक्तस्त्राव हुआ. इसके बाद पीड़िता ने परिजनों को घटना की जानकारी दी. जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया.

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