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Jaipur Partition: आश्वासन के बाद विजय सभा में बदला पैदल मार्च, एक मंच पर आए सभी धर्मों के संत - अभियान रोका गया है खत्म नहीं किया गया

राजस्थान की राजधानी जयपुर का बंटवारा नहीं होगा. यह आश्वासन अशोक गहलोत सरकार के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास शनिवार को दिन में देकर गए थे. इसके बाद जयपुर की जनता ने पैदल मार्च को स्थगित करते हुए उसके स्थान पर विजय सभा का आयोजन किया. इसमें सभी धर्मों के संत एक मंच पर आए.

jaipur foot march changed to vijay sabha
एक मंच पर आया सभी धर्मों का संत समाज
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Published : Jun 10, 2023, 10:13 PM IST

मंत्री के आश्वासन के बाद विजय सभा में बदला पैदल मार्च

जयपुर. जयपुर शहर को बांटे नहीं जाने के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आश्वासन के बाद राजधानी में निकलने वाले पैदल मार्च को स्थगित करते हुए, विजय सभा का आयोजन किया गया. यहां सभी धर्मों का संत समाज एक मंच पर आया. इस दौरान सभी ने एक सुर में जयपुर को एक बनाए रखने के आश्वासन की आधिकारिक घोषणा करने की आवाज उठाई. वहीं कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों ने जयपुर को बांटने का फैसले में अधिकारियों की भूमिका बताते हुए सरकार को डिफेंड किया.

ये भी पढ़ेंः जयपुर को एक बनाए रखने की मांग को लेकर सड़क पर उतरेंगे शहरवासी, कांग्रेस के जनप्रतिनिधि भी जता चुके विरोध

जयपुर की पहचान के साथ कोई समझौता नहींः जयपुर की विरासत और सांस्कृतिक पहचान है. इस पहचान के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए. जयपुर को उत्तर और दक्षिण में बांटने का फैसला कुछ सरकारी अधिकारियों ने किया था. जिसकी बीजेपी, कांग्रेस और शहर के सभी जनप्रतिनिधि खिलाफत कर रहे थे. ये कहना है कांग्रेस नेता सुरेश मिश्रा का. उन्होंने कहा कि इसे लेकर एक अभियान शुरू किया गया. जिससे आम जनता भी जुड़ी. इसके साथ ही एक जयपुर श्रेष्ठ जयपुर के लिए सभी धर्मों के संत, महंत, मौलवी, पादरी सभी एक मंच पर आए. मिश्रा ने कहा कि कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भरोसा दिलाया है कि जयपुर का बंटवारा नहीं होगा. 3 महीने तक म्हारो जयपुर अभियान चलाया गया. इस अभियान में सरकार से विरोध नहीं था, केवल आग्रह था कि जयपुर के दो टुकड़े नहीं होने चाहिए.

ये भी पढ़ेंः जयपुर के लिए एक मंच पर आए भाजपा और कांग्रेस के नेता, बोले खाचरियावास-जिले को बंटने नहीं देंगे

जयपुर को एक रखना चाहती है जनताः म्हारो जयपुर, प्यारो जयपुर अभियान से जुड़े सुनील कोठारी ने कहा कि पैदल मार्च करने का फैसला जयपुर की जनता की भावनाओं को सरकार तक पहुंचाने के लिए लिया गया था. जयपुर की जनता जयपुर को एक रखना चाहती है, लेकिन शनिवार सुबह मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने आश्वासन दिया कि जयपुर शहर को बांटने का सरकार ने जो निर्णय किया था, वो वापस ले लिया है. जयपुर शहर का विभाजन अब नहीं होगा और जो शहर के 250 वार्ड हैं, वो एक शहर रहेगा. इसे दृष्टिगत रखते हुए पैदल मार्च स्थगित किया गया है. विश्वास यही है कि जयपुर एक था, एक ही रहेगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार यदि किसी भी कारण से अपने फैसले से पलटती है, तो जयपुर की जनता अपने भाव, सोच और विचार से पीछे हटने वाली नहीं है. फिर चाहे दोबारा धरना, प्रदर्शन, पैदल मार्च क्यों न करना पड़े.

jaipur foot march changed to vijay sabha
अभियान रोका गया है खत्म नहीं किया गया

अभियान रोका गया है खत्म नहीं किया गयाः व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सुभाष गोयल ने कहा कि जब से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर को दो भागों में बांटने की घोषणा की थी. तब से व्यापारी भी पीड़ित थे. स्पष्ट है कि कोई भी बाहर का टूरिस्ट गुलाबी नगरी को देखने आता तो दो जयपुर के साथ क्या गुलाबी नगरी की पहचान रहती. पर्यटक कंफ्यूज रहते कि गुलाबी नगरी जयपुर उत्तर में है या जयपुर दक्षिण में. यही नहीं राजधानी कौन सी रहेगी. ये भी एक सवाल बन गया था, लेकिन जयपुर को एक रखने की मुहिम में हर एक व्यक्ति जुड़ा और कैबिनेट मंत्री ने भी आश्वस्त किया है कि जयपुर एक ही रहेगा. ऐसे में पैदल मार्च को रोका गया है, लेकिन अभियान खत्म नहीं हुआ है. जब तक सरकार आधिकारिक घोषणा नहीं करेगी तब तक अभियान जारी रहेगा.

जयपुर नगर निगम भी एक करने की मांगः इस दौरान जयपुर जिले को एक बनाए रखने के साथ-साथ जयपुर के दोनों निगमों को भी एक करने की आवाज उठी. ग्रेटर नगर निगम के पार्षद अरुण शर्मा ने कहा कि सरकार ने गणेश जी और गोविंद देव जी को बांटने का काम किया. दो नगर निगम में बांट दिया, ऐसे में अब जन भावना यही है कि जयपुर के नगर निगम भी एक हो ताकि सारे विकास कार्य हो सके.

मंत्री के आश्वासन के बाद विजय सभा में बदला पैदल मार्च

जयपुर. जयपुर शहर को बांटे नहीं जाने के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आश्वासन के बाद राजधानी में निकलने वाले पैदल मार्च को स्थगित करते हुए, विजय सभा का आयोजन किया गया. यहां सभी धर्मों का संत समाज एक मंच पर आया. इस दौरान सभी ने एक सुर में जयपुर को एक बनाए रखने के आश्वासन की आधिकारिक घोषणा करने की आवाज उठाई. वहीं कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों ने जयपुर को बांटने का फैसले में अधिकारियों की भूमिका बताते हुए सरकार को डिफेंड किया.

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जयपुर की पहचान के साथ कोई समझौता नहींः जयपुर की विरासत और सांस्कृतिक पहचान है. इस पहचान के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए. जयपुर को उत्तर और दक्षिण में बांटने का फैसला कुछ सरकारी अधिकारियों ने किया था. जिसकी बीजेपी, कांग्रेस और शहर के सभी जनप्रतिनिधि खिलाफत कर रहे थे. ये कहना है कांग्रेस नेता सुरेश मिश्रा का. उन्होंने कहा कि इसे लेकर एक अभियान शुरू किया गया. जिससे आम जनता भी जुड़ी. इसके साथ ही एक जयपुर श्रेष्ठ जयपुर के लिए सभी धर्मों के संत, महंत, मौलवी, पादरी सभी एक मंच पर आए. मिश्रा ने कहा कि कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भरोसा दिलाया है कि जयपुर का बंटवारा नहीं होगा. 3 महीने तक म्हारो जयपुर अभियान चलाया गया. इस अभियान में सरकार से विरोध नहीं था, केवल आग्रह था कि जयपुर के दो टुकड़े नहीं होने चाहिए.

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जयपुर को एक रखना चाहती है जनताः म्हारो जयपुर, प्यारो जयपुर अभियान से जुड़े सुनील कोठारी ने कहा कि पैदल मार्च करने का फैसला जयपुर की जनता की भावनाओं को सरकार तक पहुंचाने के लिए लिया गया था. जयपुर की जनता जयपुर को एक रखना चाहती है, लेकिन शनिवार सुबह मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने आश्वासन दिया कि जयपुर शहर को बांटने का सरकार ने जो निर्णय किया था, वो वापस ले लिया है. जयपुर शहर का विभाजन अब नहीं होगा और जो शहर के 250 वार्ड हैं, वो एक शहर रहेगा. इसे दृष्टिगत रखते हुए पैदल मार्च स्थगित किया गया है. विश्वास यही है कि जयपुर एक था, एक ही रहेगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार यदि किसी भी कारण से अपने फैसले से पलटती है, तो जयपुर की जनता अपने भाव, सोच और विचार से पीछे हटने वाली नहीं है. फिर चाहे दोबारा धरना, प्रदर्शन, पैदल मार्च क्यों न करना पड़े.

jaipur foot march changed to vijay sabha
अभियान रोका गया है खत्म नहीं किया गया

अभियान रोका गया है खत्म नहीं किया गयाः व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सुभाष गोयल ने कहा कि जब से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर को दो भागों में बांटने की घोषणा की थी. तब से व्यापारी भी पीड़ित थे. स्पष्ट है कि कोई भी बाहर का टूरिस्ट गुलाबी नगरी को देखने आता तो दो जयपुर के साथ क्या गुलाबी नगरी की पहचान रहती. पर्यटक कंफ्यूज रहते कि गुलाबी नगरी जयपुर उत्तर में है या जयपुर दक्षिण में. यही नहीं राजधानी कौन सी रहेगी. ये भी एक सवाल बन गया था, लेकिन जयपुर को एक रखने की मुहिम में हर एक व्यक्ति जुड़ा और कैबिनेट मंत्री ने भी आश्वस्त किया है कि जयपुर एक ही रहेगा. ऐसे में पैदल मार्च को रोका गया है, लेकिन अभियान खत्म नहीं हुआ है. जब तक सरकार आधिकारिक घोषणा नहीं करेगी तब तक अभियान जारी रहेगा.

जयपुर नगर निगम भी एक करने की मांगः इस दौरान जयपुर जिले को एक बनाए रखने के साथ-साथ जयपुर के दोनों निगमों को भी एक करने की आवाज उठी. ग्रेटर नगर निगम के पार्षद अरुण शर्मा ने कहा कि सरकार ने गणेश जी और गोविंद देव जी को बांटने का काम किया. दो नगर निगम में बांट दिया, ऐसे में अब जन भावना यही है कि जयपुर के नगर निगम भी एक हो ताकि सारे विकास कार्य हो सके.

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