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Jaipur Bomb Blast Case : जयपुर धमाकों की बरसी, जानिए जांच, मुकदमे और आरोपियों के बरी होने का माजरा - Rajasthan hindi news

जयपुर बम धमाकों के मामले में ATS ने तफ्तीश करते हुए 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. वहीं सरकार ने मामले की सुनवाई के लिए विशेष अदालत का गठन किया था. एक हजार से ज्यादा लोगों की गवाही हुई थी. सिलसिलेवार धमाकों के आतंकियों में सबसे पहले 2008 में घटना के 5 महीने के बाद शाहबाज हुसैन की गिरफ्तारी हुई थी.

Jaipur Bomb Blast Case
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Published : May 13, 2023, 8:13 AM IST

जयपुर. 8 मई 2008 को जयपुर में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में 4 दोषियों को हाईकोर्ट से बरी किए जाने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. शुक्रवार को इस मामले में पीड़ित परिवारों की SLP सुनवाई के लिए मंजूर कर ली गई. सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को नोटिस भेजने के साथ ही ट्रायल कोर्ट से रिकॉर्ड भी मांगा है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर फिलहाल रोक से किया इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि रिकॉर्ड आने के बाद मामले पर 17 मई को राजेश्वरी देवी और अन्य की अपील पर सुनवाई की जाएगी. जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ में हुई सुनवाई के दौरान पीड़ित परिवारों की ओर से वरिष्ठ एडवोकेट मुकुल रोहतगी, मनिंदर सिंह, शिव मंगल शर्मा और आदित्य जैन ने पक्ष रखा था.

वहीं, राज्य सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल वेंकटरमनी ने पैरवी की थी. हालांकि सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस स्टेज पर हम हाईकोर्ट के फैसले पर रोक नहीं लगा सकते, ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड को देखने के बाद हम विचार करेंगे, लेकिन दोषियों को लगातार जेल में नहीं रखा जा सकता है, क्योंकि वो बरी हो चुके हैं.

5 आरोपियों को किया था गिरफ्तार : जयपुर बम धमाकों के मामले में ATS ने तफ्तीश करते हुए 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. वहीं सरकार ने मामले की सुनवाई के लिए विशेष अदालत का गठन किया था. एक हजार से ज्यादा लोगों की गवाही हुई थी. सिलसिलेवार धमाकों के आतंकियों में सबसे पहले 2008 में घटना के 5 महीने के बाद शाहबाज हुसैन की गिरफ्तारी हुई थी. इसके बाद मोहम्मद सैफ पकड़ा गया, वहीं 2009 में सरवर और सैफुर्रहमान पकड़े गए. 2010 में आखिरी गिरफ्तारी सलमान की हुई थी. हालांकि, इस मामले में तीन आरोपी शादाब उर्फ मलिक, मोहम्मद खालिद और साजिद बट फरार है.

हाईकोर्ट ने एटीएस की जांच में मानी चूक : राजस्थान हाईकोर्ट में जयपुर धमाकों के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो की ओर से दी गई चार्जशीट में कई खामियों को माना था. सिलसिलेवार कई सवालों का जवाब स्पष्ट नहीं होने की वजह से कोर्ट ने मामले में 4 आरोपियों को बरी कर दिया था. इससे पहले जिला कोर्ट ने आरोपियों को सजा सुनाई थी. सभी चार आरोपियों को जिला कोर्ट ने 2019 में फांसी की सजा सुनाई थी. इसी के खिलाफ 4 आरोपी हाईकोर्ट गए थे. 4 आरोपी में से एक मोहम्मद सलमान घटना के दिन नाबालिग था, कोर्ट ने माना है कि वह 13 मई 2008 को 16 साल 10 महीने का था.

पढ़ें : Jaipur Bomb Blast Case : 15 साल बाद भी न्याय नहीं सिर्फ इंतजार मिला, हर साल 13 मई को जख्म फिर हो जाते हैं हरे

हाईकोर्ट पहुंचे आरोपियों ने कहा कि हम बेगुनाह हैं, हमें झूठा फंसाया गया है, हमारा इस केस से कोई संबंध नहीं है. इसके साथ 28 तरह की अपील हाईकोर्ट से की गई थी. वहीं चारों आरोपियों के वकील के मुताबिक कोर्ट ने कहा था कि आरोपियों पर जो चार्ज लगाए गए हैं, वे कहीं से भी प्रूफ नहीं होते हैं. एटीएस और सरकारी वकील एक भी चीज को साबित नहीं कर पाए हैं. न वे उनकी दिल्ली से जयपुर यात्रा को साबित कर सके हैं, ना ही बम इम्प्लांट करने को साबित कर पाए हैं.

यह रही जांच में खामियां

  1. एटीएस को 13 सितंबर 2008 को पहला डिस्क्लोजर स्टेटमेंट मिला, लेकिन जयपुर ब्लास्ट 13 मई 2008 को हो गया था. इस चार महीने के अंदर एटीएस ने क्या कार्रवाई की. क्योंकि इस चार महीने में एटीएस ने विस्फोट में इस्तेमाल की गई साइकिलों को खरीदने के सभी बिल बुक बरामद कर ली थी, तो एटीएस को अगले ही दिन किसने बताया था कि यहां से साइकिल खरीदी गई हैं.
  2. कोर्ट ने कहा कि साइकिल खरीदने की जो बिल बुक पेश की गई है, उन पर जो साइकिल नंबर हैं, वे सीज की गई साइकिलों के नंबर से मैच नहीं करते हैं. यह थ्योरी भी गलत मानी गई है.
  3. कोर्ट ने एटीएस की उस थ्योरी को भी गलत माना कि आरोपी 13 मई को दिल्ली से बस से हिंदू नाम से आए हैं, क्योंकि उसका कोई टिकट पेश नहीं किया गया. साइकिल खरीदने वालों के नाम अलग हैं, टिकट लेने वालों के नाम अलग है. कोर्ट ने यह भी कहा कि साइकिल के बिलों पर एटीएस अफसरों द्वारा छेड़छाड़ श्रीगई है.
  4. एटीएस ने बताया है कि 13 मई को आरोपी दिल्ली से जयपुर आए. फिर एक होटल में खाना खाया और किशनपोल बाजार से साइकिलें खरीदीं, बम इंप्लॉन्ट किए और साढ़े चार-पांच बजे शताब्दी एक्सप्रेस से वापस चले गए, यह सब एक ही दिन में कैसे मुमकिन हो सकता है?
  5. एटीएस ने कहा था कि आरोपियों ने बम में इस्तेमाल करने वाले छर्रे दिल्ली की जामा मस्जिद के पास से खरीदे, लेकिन पुलिस ने जो छर्रे पेश किए और बम में इस्तेमाल छर्रे एफएसएल की रिपोर्ट में मैच नहीं किए. (बरी किए गए आरोपियों के वकील सैयद सदत अली के मुताबिक )

साल 2008 में इन 8 जगहों पर हुए थे 8 ब्लास्ट

पढ़ें : Jaipur Serial Blast : ATS की जांच पर सवाल, जानिए किसने क्या कहा

  1. पहला बम ब्लास्ट - खंदा माणक चौक, हवा महल के सामने, शाम करीब 7:20 बजे हुआ. इसमें 1 महिला की मौत हो गई थी. जबकि 18 लोग घायल हो गए थे.
  2. दूसरा बम ब्लास्ट - त्रिपोलिया बाजार स्थित बड़ी चौपड़ के पास मनिहारों के खंदे में ताला चाबी वालों की दुकान के पास शाम 7:25 बजे हुआ. यह ब्लास्ट इतना शक्तिशाली था कि इसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि 27 लोग घायल हुए थे.
  3. तीसरा बम ब्लास्ट - शाम करीब 7:30 बजे छोटी चौपड़ पर कोतवाली थाने के बाहर पार्किंग में हुआ. इसमें 2 पुलिसकर्मी सहित 7 जनों की मौत हो गई थी. जबकि 17 लोग घायल हो गए थे.
  4. चौथा बम ब्लास्ट - दुकान नंबर 346 के सामने त्रिपोलिया बाजार में शाम 7:30 बजे हुआ. इसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी. जबकि 4 लोग घायल हुए थे.
  5. पांचवां बम ब्लास्ट - चांदपोल बाजार स्थित हनुमान मंदिर के बाहर पार्किंग स्टैंड पर शाम 7:30 बजे हुआ. इसमें सबसे ज्यादा 25 लोगों की मौत हो गई. जबकि 49 लोग घायल हो गए. इनमें दुकानदार, ग्राहक, भिखारी और राहगीर इसकी चपेट में आ गए.
  6. छठां बम ब्लास्ट - जौहरी बाजार में कॉर्नर पर नेशनल हैंडलूम के सामने शाम करीब 7:30 बजे हुआ. इसमें 8 जनों की मौत हुई थी. जबकि 19 जने घायल हो गए थे.
  7. सातवां बम ब्लास्ट - शाम 7:35 बजे छोटी चौपड़ पर फूलों के खंदे में न्यू प्रकाश ज्वैलर्स शॉप के सामने हुआ. इसमें दो जनों की मौत हो गई थी. जबकि 15 लोग घायल हो गए थे.
  8. आठवां बम ब्लास्ट - जौहरी बाजार में सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर के बाहर शाम 7:36 बजे हुआ. जिसमें 17 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि 36 लोग घायल हो गए थे.

नौंवे बम ब्लास्ट की कोशिश दुकान नंबर 17 के सामने त्रिपोलिया बाजार में एक गेस्ट हाउस के बाहर हुई थी. जिसमें रात 9 बजे का टाइमर सेट था. लेकिन 15 मिनट पहले ही बम स्क्वायड टीम ने इसे डिफ्यूज कर दिया था. जिसके चलते कई और लोगों की जानें बच गई थी.

जयपुर. 8 मई 2008 को जयपुर में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में 4 दोषियों को हाईकोर्ट से बरी किए जाने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. शुक्रवार को इस मामले में पीड़ित परिवारों की SLP सुनवाई के लिए मंजूर कर ली गई. सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को नोटिस भेजने के साथ ही ट्रायल कोर्ट से रिकॉर्ड भी मांगा है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर फिलहाल रोक से किया इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि रिकॉर्ड आने के बाद मामले पर 17 मई को राजेश्वरी देवी और अन्य की अपील पर सुनवाई की जाएगी. जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ में हुई सुनवाई के दौरान पीड़ित परिवारों की ओर से वरिष्ठ एडवोकेट मुकुल रोहतगी, मनिंदर सिंह, शिव मंगल शर्मा और आदित्य जैन ने पक्ष रखा था.

वहीं, राज्य सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल वेंकटरमनी ने पैरवी की थी. हालांकि सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस स्टेज पर हम हाईकोर्ट के फैसले पर रोक नहीं लगा सकते, ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड को देखने के बाद हम विचार करेंगे, लेकिन दोषियों को लगातार जेल में नहीं रखा जा सकता है, क्योंकि वो बरी हो चुके हैं.

5 आरोपियों को किया था गिरफ्तार : जयपुर बम धमाकों के मामले में ATS ने तफ्तीश करते हुए 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. वहीं सरकार ने मामले की सुनवाई के लिए विशेष अदालत का गठन किया था. एक हजार से ज्यादा लोगों की गवाही हुई थी. सिलसिलेवार धमाकों के आतंकियों में सबसे पहले 2008 में घटना के 5 महीने के बाद शाहबाज हुसैन की गिरफ्तारी हुई थी. इसके बाद मोहम्मद सैफ पकड़ा गया, वहीं 2009 में सरवर और सैफुर्रहमान पकड़े गए. 2010 में आखिरी गिरफ्तारी सलमान की हुई थी. हालांकि, इस मामले में तीन आरोपी शादाब उर्फ मलिक, मोहम्मद खालिद और साजिद बट फरार है.

हाईकोर्ट ने एटीएस की जांच में मानी चूक : राजस्थान हाईकोर्ट में जयपुर धमाकों के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो की ओर से दी गई चार्जशीट में कई खामियों को माना था. सिलसिलेवार कई सवालों का जवाब स्पष्ट नहीं होने की वजह से कोर्ट ने मामले में 4 आरोपियों को बरी कर दिया था. इससे पहले जिला कोर्ट ने आरोपियों को सजा सुनाई थी. सभी चार आरोपियों को जिला कोर्ट ने 2019 में फांसी की सजा सुनाई थी. इसी के खिलाफ 4 आरोपी हाईकोर्ट गए थे. 4 आरोपी में से एक मोहम्मद सलमान घटना के दिन नाबालिग था, कोर्ट ने माना है कि वह 13 मई 2008 को 16 साल 10 महीने का था.

पढ़ें : Jaipur Bomb Blast Case : 15 साल बाद भी न्याय नहीं सिर्फ इंतजार मिला, हर साल 13 मई को जख्म फिर हो जाते हैं हरे

हाईकोर्ट पहुंचे आरोपियों ने कहा कि हम बेगुनाह हैं, हमें झूठा फंसाया गया है, हमारा इस केस से कोई संबंध नहीं है. इसके साथ 28 तरह की अपील हाईकोर्ट से की गई थी. वहीं चारों आरोपियों के वकील के मुताबिक कोर्ट ने कहा था कि आरोपियों पर जो चार्ज लगाए गए हैं, वे कहीं से भी प्रूफ नहीं होते हैं. एटीएस और सरकारी वकील एक भी चीज को साबित नहीं कर पाए हैं. न वे उनकी दिल्ली से जयपुर यात्रा को साबित कर सके हैं, ना ही बम इम्प्लांट करने को साबित कर पाए हैं.

यह रही जांच में खामियां

  1. एटीएस को 13 सितंबर 2008 को पहला डिस्क्लोजर स्टेटमेंट मिला, लेकिन जयपुर ब्लास्ट 13 मई 2008 को हो गया था. इस चार महीने के अंदर एटीएस ने क्या कार्रवाई की. क्योंकि इस चार महीने में एटीएस ने विस्फोट में इस्तेमाल की गई साइकिलों को खरीदने के सभी बिल बुक बरामद कर ली थी, तो एटीएस को अगले ही दिन किसने बताया था कि यहां से साइकिल खरीदी गई हैं.
  2. कोर्ट ने कहा कि साइकिल खरीदने की जो बिल बुक पेश की गई है, उन पर जो साइकिल नंबर हैं, वे सीज की गई साइकिलों के नंबर से मैच नहीं करते हैं. यह थ्योरी भी गलत मानी गई है.
  3. कोर्ट ने एटीएस की उस थ्योरी को भी गलत माना कि आरोपी 13 मई को दिल्ली से बस से हिंदू नाम से आए हैं, क्योंकि उसका कोई टिकट पेश नहीं किया गया. साइकिल खरीदने वालों के नाम अलग हैं, टिकट लेने वालों के नाम अलग है. कोर्ट ने यह भी कहा कि साइकिल के बिलों पर एटीएस अफसरों द्वारा छेड़छाड़ श्रीगई है.
  4. एटीएस ने बताया है कि 13 मई को आरोपी दिल्ली से जयपुर आए. फिर एक होटल में खाना खाया और किशनपोल बाजार से साइकिलें खरीदीं, बम इंप्लॉन्ट किए और साढ़े चार-पांच बजे शताब्दी एक्सप्रेस से वापस चले गए, यह सब एक ही दिन में कैसे मुमकिन हो सकता है?
  5. एटीएस ने कहा था कि आरोपियों ने बम में इस्तेमाल करने वाले छर्रे दिल्ली की जामा मस्जिद के पास से खरीदे, लेकिन पुलिस ने जो छर्रे पेश किए और बम में इस्तेमाल छर्रे एफएसएल की रिपोर्ट में मैच नहीं किए. (बरी किए गए आरोपियों के वकील सैयद सदत अली के मुताबिक )

साल 2008 में इन 8 जगहों पर हुए थे 8 ब्लास्ट

पढ़ें : Jaipur Serial Blast : ATS की जांच पर सवाल, जानिए किसने क्या कहा

  1. पहला बम ब्लास्ट - खंदा माणक चौक, हवा महल के सामने, शाम करीब 7:20 बजे हुआ. इसमें 1 महिला की मौत हो गई थी. जबकि 18 लोग घायल हो गए थे.
  2. दूसरा बम ब्लास्ट - त्रिपोलिया बाजार स्थित बड़ी चौपड़ के पास मनिहारों के खंदे में ताला चाबी वालों की दुकान के पास शाम 7:25 बजे हुआ. यह ब्लास्ट इतना शक्तिशाली था कि इसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि 27 लोग घायल हुए थे.
  3. तीसरा बम ब्लास्ट - शाम करीब 7:30 बजे छोटी चौपड़ पर कोतवाली थाने के बाहर पार्किंग में हुआ. इसमें 2 पुलिसकर्मी सहित 7 जनों की मौत हो गई थी. जबकि 17 लोग घायल हो गए थे.
  4. चौथा बम ब्लास्ट - दुकान नंबर 346 के सामने त्रिपोलिया बाजार में शाम 7:30 बजे हुआ. इसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी. जबकि 4 लोग घायल हुए थे.
  5. पांचवां बम ब्लास्ट - चांदपोल बाजार स्थित हनुमान मंदिर के बाहर पार्किंग स्टैंड पर शाम 7:30 बजे हुआ. इसमें सबसे ज्यादा 25 लोगों की मौत हो गई. जबकि 49 लोग घायल हो गए. इनमें दुकानदार, ग्राहक, भिखारी और राहगीर इसकी चपेट में आ गए.
  6. छठां बम ब्लास्ट - जौहरी बाजार में कॉर्नर पर नेशनल हैंडलूम के सामने शाम करीब 7:30 बजे हुआ. इसमें 8 जनों की मौत हुई थी. जबकि 19 जने घायल हो गए थे.
  7. सातवां बम ब्लास्ट - शाम 7:35 बजे छोटी चौपड़ पर फूलों के खंदे में न्यू प्रकाश ज्वैलर्स शॉप के सामने हुआ. इसमें दो जनों की मौत हो गई थी. जबकि 15 लोग घायल हो गए थे.
  8. आठवां बम ब्लास्ट - जौहरी बाजार में सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर के बाहर शाम 7:36 बजे हुआ. जिसमें 17 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि 36 लोग घायल हो गए थे.

नौंवे बम ब्लास्ट की कोशिश दुकान नंबर 17 के सामने त्रिपोलिया बाजार में एक गेस्ट हाउस के बाहर हुई थी. जिसमें रात 9 बजे का टाइमर सेट था. लेकिन 15 मिनट पहले ही बम स्क्वायड टीम ने इसे डिफ्यूज कर दिया था. जिसके चलते कई और लोगों की जानें बच गई थी.

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