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चचेरा भाई ही निकला बच्चे का कातिल, 13 चाबियों के गुच्छे ने सुलझाई मर्डर मिस्ट्री

राजधानी जयपुर में आठ दिन से लापता बच्चे की हत्या की गुत्थी (Jaipur Child Murder Case) पुलिस ने सुलझा ली है. बच्चे के चचेरे भाई ने ही कुकर्म के बाद उसकी हत्या कर दी थी. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर दो दिन के रिमांड पर लिया है.

Jaipur 12 Year Old Child Murdered Case
आठ दिन से लापता बच्चे की हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझी
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Published : Jun 1, 2023, 8:32 PM IST

जयपुर. राजधानी जयपुर के मोती डूंगरी रोड इलाके से आठ दिन पहले लापता 12 साल के बच्चे की हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है. मासूम बच्चे के 35 वर्षीय चचेरे भाई ने ही उसके साथ कुकर्म के बाद उसकी गला दबाकर हत्या कर दी थी. पुलिस को यह मर्डर मिस्ट्री सुलझाने में आरोपी के पास मिले चाबियों के एक गुच्छे से बड़ी लीड मिली. इसमें 13 चाबियां थीं. पुलिस ने हर एक चाबी के बारे में पूछताछ की तो 12 चाबियों के बारे में उसने सही जानकारी दे दी. आखिर में 13वीं चाबी उसकी बहन के मकान की निकली. पुलिस वहां पहुंची तो मकान के एक कमरे में प्लास्टिक के कट्टे में बच्चे का शव मिला. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर दो दिन के रिमांड पर लिया है.

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (प्रथम) कैलाशचंद विश्नोई ने बताया कि 25 मई को बच्चे के परिजनों कि रिपोर्ट पर मुकदमा दर्ज किया था. इसमें बताया गया था कि 24 मई को दोपहर करीब 3 बजे उनका 12 साल का बच्चा घर से निकला था, जो घर नहीं पहुंचा. पुलिस ने बच्चे की तलाश में 100 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले तो एक व्यक्ति बच्चे के साथ दिखाई दिया. इसके आधार पर आरोपी चचेरे भाई को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पता चला कि बच्चा कबूतर पालने का शौकीन था. आरोपी उसे कबूतर दिलाने के बहाने अपने साथ अपनी बहन के आयशा नगर स्थित खाली मकान में ले गया और वहां उसके साथ कुकर्म किया. इसके बाद पकड़े जाने के डर से रस्सी से गला दबाकर उसकी हत्या कर दी और शव को प्लास्टिक के कट्टे में डालकर वहीं छोड़ दिया.

पढ़ें : सुदर्शन चक्र अभियान में बड़ी कार्रवाई, 27 अपराधी किए गिरफ्तार

थाने पर विरोध दर्ज करवाने भी पहुंचा था आरोपी : बच्चे की गुमशुदगी के बाद जब पुलिस को उसका सुराग नहीं मिला तो परिजन विरोध दर्ज करवाने लालकोठी थाने पहुंचे. उनके साथ आरोपी भी वहां पहुंचा. बच्चे की तलाश के दौरान भी वह परिजनों और पुलिस के साथ रहा, ताकि किसी को उस पर शक नहीं हो. लेकिन सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने उसकी पहचान करने में सफलता हासिल की और हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने वारदात को अंजाम देने की बात कबूल कर ली.

कुछ दिन पहले खिलौने दिलाने ले गया था : पुलिस की पड़ताल में सामने आया है कि आरोपी विकृत मानसिकता का शख्स है. वह कुछ दिन पहले बच्चे को खिलौने दिलाने के बहाने एक मॉल में अपने साथ ले गया था. पुलिस का कहना है कि वह अविवाहित है और मीट की दुकान पर काम करता है. शुरुआत में वह परिजनों के साथ बच्चे की तलाश में जुटा रहा. शक होने पर पुलिस ने उससे पूछताछ की तो भी वह पुलिस को गोलमोल जवाब देता रहा. आखिरकार पुलिस चाबियों के गुच्छे से मिली लीड के आधार पर उसे उसकी बहन के घर ले गई और वहां से बच्चे का शव बरामद कर लिया तब जाकर वह टूटा और वारदात कबूल की.

जयपुर. राजधानी जयपुर के मोती डूंगरी रोड इलाके से आठ दिन पहले लापता 12 साल के बच्चे की हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है. मासूम बच्चे के 35 वर्षीय चचेरे भाई ने ही उसके साथ कुकर्म के बाद उसकी गला दबाकर हत्या कर दी थी. पुलिस को यह मर्डर मिस्ट्री सुलझाने में आरोपी के पास मिले चाबियों के एक गुच्छे से बड़ी लीड मिली. इसमें 13 चाबियां थीं. पुलिस ने हर एक चाबी के बारे में पूछताछ की तो 12 चाबियों के बारे में उसने सही जानकारी दे दी. आखिर में 13वीं चाबी उसकी बहन के मकान की निकली. पुलिस वहां पहुंची तो मकान के एक कमरे में प्लास्टिक के कट्टे में बच्चे का शव मिला. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर दो दिन के रिमांड पर लिया है.

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (प्रथम) कैलाशचंद विश्नोई ने बताया कि 25 मई को बच्चे के परिजनों कि रिपोर्ट पर मुकदमा दर्ज किया था. इसमें बताया गया था कि 24 मई को दोपहर करीब 3 बजे उनका 12 साल का बच्चा घर से निकला था, जो घर नहीं पहुंचा. पुलिस ने बच्चे की तलाश में 100 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले तो एक व्यक्ति बच्चे के साथ दिखाई दिया. इसके आधार पर आरोपी चचेरे भाई को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पता चला कि बच्चा कबूतर पालने का शौकीन था. आरोपी उसे कबूतर दिलाने के बहाने अपने साथ अपनी बहन के आयशा नगर स्थित खाली मकान में ले गया और वहां उसके साथ कुकर्म किया. इसके बाद पकड़े जाने के डर से रस्सी से गला दबाकर उसकी हत्या कर दी और शव को प्लास्टिक के कट्टे में डालकर वहीं छोड़ दिया.

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थाने पर विरोध दर्ज करवाने भी पहुंचा था आरोपी : बच्चे की गुमशुदगी के बाद जब पुलिस को उसका सुराग नहीं मिला तो परिजन विरोध दर्ज करवाने लालकोठी थाने पहुंचे. उनके साथ आरोपी भी वहां पहुंचा. बच्चे की तलाश के दौरान भी वह परिजनों और पुलिस के साथ रहा, ताकि किसी को उस पर शक नहीं हो. लेकिन सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने उसकी पहचान करने में सफलता हासिल की और हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने वारदात को अंजाम देने की बात कबूल कर ली.

कुछ दिन पहले खिलौने दिलाने ले गया था : पुलिस की पड़ताल में सामने आया है कि आरोपी विकृत मानसिकता का शख्स है. वह कुछ दिन पहले बच्चे को खिलौने दिलाने के बहाने एक मॉल में अपने साथ ले गया था. पुलिस का कहना है कि वह अविवाहित है और मीट की दुकान पर काम करता है. शुरुआत में वह परिजनों के साथ बच्चे की तलाश में जुटा रहा. शक होने पर पुलिस ने उससे पूछताछ की तो भी वह पुलिस को गोलमोल जवाब देता रहा. आखिरकार पुलिस चाबियों के गुच्छे से मिली लीड के आधार पर उसे उसकी बहन के घर ले गई और वहां से बच्चे का शव बरामद कर लिया तब जाकर वह टूटा और वारदात कबूल की.

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