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विधानसभा में उठा वार्षिक प्रतिवेदन का मुद्दा, स्पीकर जोशी बोले, उपनेता प्रतिपक्ष कभी खलनायक तो कभी नायक बन जाते हैं

विधानसभा बजट सत्र में गुरुवार को वार्षिक प्रतिवेदन पेश करने का मुद्दा (Issue of Government Annual Report ) उठा. इस दौरान भाजपा-कांग्रेस में वाद विवाद हुआ तो स्पीकर सीपी जोशी ने मध्यस्थता की.

Rajasthan Vidhansabha Budget Session
राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र
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Published : Feb 2, 2023, 4:18 PM IST

विधानसभा में उठा वार्षिक प्रतिवेदन का मुद्दा.

जयपुर. वार्षिक प्रतिवेदन समय पर पेश नहीं होने का मुद्दा गुरुवार को विधानसभा में उठा. सत्ता पक्ष की ओर से पेश किए गए वार्षिक प्रतिवेदन पर विपक्ष ने सवाल उठाए तो सत्ता पक्ष ने पलटवार करते हुए बीजेपी सरकार पर 5 साल तक वार्षिक प्रतिवेदन नहीं लाने का आरोप लगा दिया. सदन में पक्ष और विपक्ष के बीच सवाल-जवाब होने लगे तो विधानसभा अध्यक्ष ने मध्यस्थता करते हुए उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को कहा कि आप फिल्मों की तरह कभी खलनायक तो कभी नायक बन जाते हो.

प्रतिवेदन पर ये उठा मुद्दा : उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सदन में कई बार व्यवस्था थी, लेकिन आज हमारे सामने 2012-13 के प्रतिवेदन आ रहे हैं. विश्वविद्यालय का प्रतिवेदन तो 2006-07 का आ रहा है. इस तरह से वर्षों पुराने प्रतिवेदन पेश किए जा रहे हैं. राठौड़ ने अध्यक्ष सीपी जोशी से कहा कि जब तक इसकी जवाबदेही तय नहीं होगी तब तक कैसे काम चलेगा?. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इसके लिए चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में मीटिंग बुलाई है, उसमें जो निर्णय होगा वह सदन को अवगत कराया जाएगा. वार्षिक प्रतिवेदन समय पर आए इसको लेकर जो चिंता है उससे मैं सहमत हूं.

पढ़ें. Rajasthan Vidhansabha Budget Session: 33 लाख स्मार्टफोन्स का उछला मुद्दा, विपक्ष ने पूछा- क्या निरस्त हो गई योजना!

बीजेपी सरकार में 5 साल नहीं आया प्रतिवेदन : संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि जो कमेटी बनाई है उसका हम स्वागत करते हैं. अच्छी बात है कि वार्षिक प्रतिवेदन में हो रही देरी पर चर्चा की जा रही है, ताकि जो समस्या है वह समाप्त हो जाए. 2012-13 का वार्षिक प्रतिवेदन 2014 में पेश हो जाना चाहिए था, लेकिन 2014 से लेकर 2018 तक बीजेपी की सरकार रही पर एक भी प्रतिवेदन पेश नहीं किया गया. धारीवाल ने अपनी सरकार में प्रतिवेदन पेश करने में हुई देरी पर खेद प्रकट किया और कहा कि खेद बीजेपी को भी प्रकट करना चाहिए, क्योंकि उनकी सरकार ने एक प्रतिवेदन भी पेश नहीं किया.

राठौड़ फिल्मों की तरह खलनायक और नायक : प्रतिवेदन पेश करने को लेकर उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ और धारीवाल के बीच वाद विवाद हुआ तो अध्यक्ष सीपी जोशी ने राठौड़ को कहा कि आप फिल्मों की तरह कभी खलनायक तो कभी नायक बन जाते हैं. उन्होंने कहा कि नायक हो तो नायक या खलनायक हो तो खलनायक का ध्यान रखो. जोशी ने कहा कि राठौड़ अपनी भूमिका का निर्वहन प्रभावशाली तरीके से करते रहेंगे. हम सब के लिए चिंता का विषय है वार्षिक प्रतिवेदन का समय पर पेश नहीं होना. जल्द ही इस व्यवस्था को सुधारा जाएगा.

क्या है वार्षिक प्रतिवेदन : सरकार की ओर से साल में किए जाने कार्यों की रिपोर्ट को वार्षिक प्रतिवेदन दर्शाती है. हर विभाग की एनुअल रिपोर्ट होती है जो सदन में रखी जाती है. इसी वार्षिक प्रतिवेदन के आधार पर विभाग 1 साल तक काम करता है.

विधानसभा में उठा वार्षिक प्रतिवेदन का मुद्दा.

जयपुर. वार्षिक प्रतिवेदन समय पर पेश नहीं होने का मुद्दा गुरुवार को विधानसभा में उठा. सत्ता पक्ष की ओर से पेश किए गए वार्षिक प्रतिवेदन पर विपक्ष ने सवाल उठाए तो सत्ता पक्ष ने पलटवार करते हुए बीजेपी सरकार पर 5 साल तक वार्षिक प्रतिवेदन नहीं लाने का आरोप लगा दिया. सदन में पक्ष और विपक्ष के बीच सवाल-जवाब होने लगे तो विधानसभा अध्यक्ष ने मध्यस्थता करते हुए उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को कहा कि आप फिल्मों की तरह कभी खलनायक तो कभी नायक बन जाते हो.

प्रतिवेदन पर ये उठा मुद्दा : उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सदन में कई बार व्यवस्था थी, लेकिन आज हमारे सामने 2012-13 के प्रतिवेदन आ रहे हैं. विश्वविद्यालय का प्रतिवेदन तो 2006-07 का आ रहा है. इस तरह से वर्षों पुराने प्रतिवेदन पेश किए जा रहे हैं. राठौड़ ने अध्यक्ष सीपी जोशी से कहा कि जब तक इसकी जवाबदेही तय नहीं होगी तब तक कैसे काम चलेगा?. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इसके लिए चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में मीटिंग बुलाई है, उसमें जो निर्णय होगा वह सदन को अवगत कराया जाएगा. वार्षिक प्रतिवेदन समय पर आए इसको लेकर जो चिंता है उससे मैं सहमत हूं.

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बीजेपी सरकार में 5 साल नहीं आया प्रतिवेदन : संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि जो कमेटी बनाई है उसका हम स्वागत करते हैं. अच्छी बात है कि वार्षिक प्रतिवेदन में हो रही देरी पर चर्चा की जा रही है, ताकि जो समस्या है वह समाप्त हो जाए. 2012-13 का वार्षिक प्रतिवेदन 2014 में पेश हो जाना चाहिए था, लेकिन 2014 से लेकर 2018 तक बीजेपी की सरकार रही पर एक भी प्रतिवेदन पेश नहीं किया गया. धारीवाल ने अपनी सरकार में प्रतिवेदन पेश करने में हुई देरी पर खेद प्रकट किया और कहा कि खेद बीजेपी को भी प्रकट करना चाहिए, क्योंकि उनकी सरकार ने एक प्रतिवेदन भी पेश नहीं किया.

राठौड़ फिल्मों की तरह खलनायक और नायक : प्रतिवेदन पेश करने को लेकर उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ और धारीवाल के बीच वाद विवाद हुआ तो अध्यक्ष सीपी जोशी ने राठौड़ को कहा कि आप फिल्मों की तरह कभी खलनायक तो कभी नायक बन जाते हैं. उन्होंने कहा कि नायक हो तो नायक या खलनायक हो तो खलनायक का ध्यान रखो. जोशी ने कहा कि राठौड़ अपनी भूमिका का निर्वहन प्रभावशाली तरीके से करते रहेंगे. हम सब के लिए चिंता का विषय है वार्षिक प्रतिवेदन का समय पर पेश नहीं होना. जल्द ही इस व्यवस्था को सुधारा जाएगा.

क्या है वार्षिक प्रतिवेदन : सरकार की ओर से साल में किए जाने कार्यों की रिपोर्ट को वार्षिक प्रतिवेदन दर्शाती है. हर विभाग की एनुअल रिपोर्ट होती है जो सदन में रखी जाती है. इसी वार्षिक प्रतिवेदन के आधार पर विभाग 1 साल तक काम करता है.

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