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चुनाव की सुगबुगाहट पर नई नगर पालिकाओं के अध्यक्ष और पार्षद शिकायत दर्ज कराने पहुंचे जयपुर, UDH मंत्री के घर से लौटे बैरंग

चुनाव की सुगबुगाहट पर नई नगर पालिकाओं के अध्यक्ष और पार्षद (Presidents and Councilors of New Municipalities) शिकायत दर्ज कराने जयपुर पहुंचे, लेकिन उन्हें मंत्री के घर से बैरंग लौटना पड़ा. यहां जानिए पूरा मामला...

Presidents and Councilors of New Municipalities Issue
UDH मंत्री के घर से लौटे बैरंग
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Published : Oct 19, 2022, 7:09 PM IST

जयपुर. राज्य सरकार ने बीते दिनों सैकड़ों ग्राम पंचायतों को नगर पालिकाओं में कन्वर्ट किया और नई नगर पालिकाओं का गठन किया. जिसमें वार्ड पंचों को पार्षद बनाया गया और बड़ी ग्राम पंचायत के सरपंच को अध्यक्ष बनाया गय. अब इन नगर पालिकाओं में चुनाव की सुगबुगाहट सुनाई दे रही है. जिससे इन नगर पालिकाओं के पार्षद और अध्यक्ष में असंतोष देखने को मिल रहा है.

बुधवार को 27 नगर पालिकाओं के पार्षद और अध्यक्ष शिकायत दर्ज कराने के लिए जयपुर पहुंचे. यहां पहले यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के निवास पर पहुंचे, जहां उनकी मुलाकात (Councilors returned to UDH Minister House) धारीवाल से नहीं हो पाई. ऐसे में पार्षदों ने मेवात विकास बोर्ड के अध्यक्ष जुबेर खान से मुलाकात कर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल से मिलने का समय दिलाने की अपील की.

रेखा परिहार

प्रदेश सरकार ने बीते डेढ़ साल में 27 नई नगरपालिकाओं का गठन किया. कई बड़े गांव को नगरपालिका बनाया गया और अब यहां पंचायत राज खत्म कर स्वायत्त शासन विभाग के निर्देशों पर कार्य किए जाने हैं. वहीं, अब इन नगरीय निकायों में नए बोर्ड का गठन करने के लिए राज्य सरकार चुनाव कराने की चर्चाएं तेज हो चली हैं. हालांकि, यहां सरकार ने उन सरपंच और वार्ड पंच को अध्यक्ष और पार्षद की जिम्मेदारी सौंपी थी, जिनका निर्वाचन 5 साल के लिए हुआ था. लेकिन अब समय से पहले चुनाव कराने की सुगबुगाहट के चलते ये अध्यक्ष और पार्षद विरोध कर रहे हैं. नवगठित नगर पालिकाओं की सर्वसम्मति से बनी कार्यकारिणी की उपाध्यक्ष रेखा परिहार ने बताया कि मुख्यमंत्री तक ये संदेश पहुंचाना चाहते हैं कि 10 अक्टूबर 2020 को पंच और सरपंच चुने गए. उसका 2 साल का कार्यकाल भी पूरा नहीं हुआ, उससे पहले नगरपालिका की घोषणा हो गई.

पढ़ें : Dhariwal hotel in Kota: गुंजल का यूडीएच मंत्री पर आरोप: अवैध कब्जा कर बना रखा है नवरंग होटल, नियमों के विपरीत मांग रहे पट्टा

वहीं, अब अंदेशा हुआ है कि सरकार चुनाव कराने की तैयारी कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार अपने नियमों का खुद उल्लंघन कर रही है. जनता ने उन्हें 5 साल का जनादेश दिया है. उस जनादेश का सरकार मान और सम्मान रखें. वार्डों के परिसीमन के लिए सरकार ने एक नोटिफिकेशन दिया था, जिस पर लिखा था कि 2023-24 के चुनाव को मद्देनजर रखते हुए वार्डों का परिसीमन किया जा रहा है. इसे लेकर दिसंबर में लॉटरी निकाल दी जाएगी. पार्षदों और अध्यक्ष में आक्रोश है.

उधर, राज्य सरकार ने प्रदेश की 3 नगरीय निकायों में पार्षद अध्यक्ष और महापौर के रिक्त पद पर उपचुनाव कराने की भी तैयारी की है. इनमें नगर निगम जयपुर ग्रेटर में पार्षद और महापौर नसीराबाद और पिंडवाड़ा नगर पालिका में अध्यक्ष पद पर उपचुनाव होना है. इस संबंध में स्वायत्त शासन विभाग ने राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र भी लिखा है.

जयपुर. राज्य सरकार ने बीते दिनों सैकड़ों ग्राम पंचायतों को नगर पालिकाओं में कन्वर्ट किया और नई नगर पालिकाओं का गठन किया. जिसमें वार्ड पंचों को पार्षद बनाया गया और बड़ी ग्राम पंचायत के सरपंच को अध्यक्ष बनाया गय. अब इन नगर पालिकाओं में चुनाव की सुगबुगाहट सुनाई दे रही है. जिससे इन नगर पालिकाओं के पार्षद और अध्यक्ष में असंतोष देखने को मिल रहा है.

बुधवार को 27 नगर पालिकाओं के पार्षद और अध्यक्ष शिकायत दर्ज कराने के लिए जयपुर पहुंचे. यहां पहले यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के निवास पर पहुंचे, जहां उनकी मुलाकात (Councilors returned to UDH Minister House) धारीवाल से नहीं हो पाई. ऐसे में पार्षदों ने मेवात विकास बोर्ड के अध्यक्ष जुबेर खान से मुलाकात कर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल से मिलने का समय दिलाने की अपील की.

रेखा परिहार

प्रदेश सरकार ने बीते डेढ़ साल में 27 नई नगरपालिकाओं का गठन किया. कई बड़े गांव को नगरपालिका बनाया गया और अब यहां पंचायत राज खत्म कर स्वायत्त शासन विभाग के निर्देशों पर कार्य किए जाने हैं. वहीं, अब इन नगरीय निकायों में नए बोर्ड का गठन करने के लिए राज्य सरकार चुनाव कराने की चर्चाएं तेज हो चली हैं. हालांकि, यहां सरकार ने उन सरपंच और वार्ड पंच को अध्यक्ष और पार्षद की जिम्मेदारी सौंपी थी, जिनका निर्वाचन 5 साल के लिए हुआ था. लेकिन अब समय से पहले चुनाव कराने की सुगबुगाहट के चलते ये अध्यक्ष और पार्षद विरोध कर रहे हैं. नवगठित नगर पालिकाओं की सर्वसम्मति से बनी कार्यकारिणी की उपाध्यक्ष रेखा परिहार ने बताया कि मुख्यमंत्री तक ये संदेश पहुंचाना चाहते हैं कि 10 अक्टूबर 2020 को पंच और सरपंच चुने गए. उसका 2 साल का कार्यकाल भी पूरा नहीं हुआ, उससे पहले नगरपालिका की घोषणा हो गई.

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वहीं, अब अंदेशा हुआ है कि सरकार चुनाव कराने की तैयारी कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार अपने नियमों का खुद उल्लंघन कर रही है. जनता ने उन्हें 5 साल का जनादेश दिया है. उस जनादेश का सरकार मान और सम्मान रखें. वार्डों के परिसीमन के लिए सरकार ने एक नोटिफिकेशन दिया था, जिस पर लिखा था कि 2023-24 के चुनाव को मद्देनजर रखते हुए वार्डों का परिसीमन किया जा रहा है. इसे लेकर दिसंबर में लॉटरी निकाल दी जाएगी. पार्षदों और अध्यक्ष में आक्रोश है.

उधर, राज्य सरकार ने प्रदेश की 3 नगरीय निकायों में पार्षद अध्यक्ष और महापौर के रिक्त पद पर उपचुनाव कराने की भी तैयारी की है. इनमें नगर निगम जयपुर ग्रेटर में पार्षद और महापौर नसीराबाद और पिंडवाड़ा नगर पालिका में अध्यक्ष पद पर उपचुनाव होना है. इस संबंध में स्वायत्त शासन विभाग ने राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र भी लिखा है.

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