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दिल्ली जेल में बंद ISI एजेंट को राजस्थान इंटेलिजेंस जयपुर लेकर आई...पूछताछ जारी

राजस्थान इंटेलिजेंस विभाग ने दिल्ली से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किए गए ISI एजेंट मोहम्मद परवेज को जयपुर लेकर आई है. आरोपी से लगातार पूछताछ जारी है.

ISI एजेंट मोहम्मद परवेज
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Published : Mar 26, 2019, 4:35 PM IST

जयपुर. राजस्थान इंटेलिजेंस द्वारा दिल्ली से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किए गए ISI एजेंट मोहम्मद परवेज से इंटेलिजेंस मुख्यालय में पूछताछ जारी है. एजेंट परवेज को दिल्ली से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार करने के बाद जयपुर स्थित कोर्ट में पेश कर 4 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है.

बता दें कि प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने इस बात का खुलासा किया है कि वह पाकिस्तान खुफिया एजेंसी के हैंडलर्स और ऑपरेटर से सीधा जुड़ा हुआ है. उन्हें अनेक तरह की गोपनीय सूचनाएं पहुंचाने का काम करता है. 42 साल का मोहम्मद परवेज बीते 18 सालों में 17 बार पाकिस्तान जा चुका है. इस दौरान भारत में रहते हुए और पाकिस्तान यात्रा के दौरान सामरिक महत्व की अनेक गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को पहुंचाता रहा है.

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आरोपी दिल्ली स्थित पाक दूतावास से लोगों को जल्द पाकिस्तानी वीजा दिलवाने का आश्वासन देकर उनसे पासपोर्ट, फोटो और रुपए ले लिया करता था. इसके बाद उन दस्तावेजों का गलत तरीके से इस्तेमाल कर सिम ऑपरेटर से मिलीभगत कर फर्जी सिम कार्ड जारी करवाता था. नंबर एक्टिवेट हो जाने के बाद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के हैंडलर्स और ऑपरेटर्स को नंबरों की जानकारी देकर एंड्राइड मोबाइल में व्हाट्सएप शुरू करता. उसके बाद व्हाट्सएप के जरिए कोड भाषा में अनेक तरह की सेना से जुड़ी गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान को प्रदान करता था.

इस दौरान फेक आईडी बनाकर सेना के जवानों से दोस्ती करता और फिर उनसे सामरिक महत्व की गोपनीय सूचनाएं प्राप्त कर पाकिस्तान को भेजता था. इसकी एवज में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी द्वारा आरोपी को मोटी रकम दी जाती थी. आरोपी को राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर एनआईए द्वारा पूर्व में गिरफ्तार किया था.

जयपुर. राजस्थान इंटेलिजेंस द्वारा दिल्ली से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किए गए ISI एजेंट मोहम्मद परवेज से इंटेलिजेंस मुख्यालय में पूछताछ जारी है. एजेंट परवेज को दिल्ली से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार करने के बाद जयपुर स्थित कोर्ट में पेश कर 4 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है.

बता दें कि प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने इस बात का खुलासा किया है कि वह पाकिस्तान खुफिया एजेंसी के हैंडलर्स और ऑपरेटर से सीधा जुड़ा हुआ है. उन्हें अनेक तरह की गोपनीय सूचनाएं पहुंचाने का काम करता है. 42 साल का मोहम्मद परवेज बीते 18 सालों में 17 बार पाकिस्तान जा चुका है. इस दौरान भारत में रहते हुए और पाकिस्तान यात्रा के दौरान सामरिक महत्व की अनेक गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को पहुंचाता रहा है.

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आरोपी दिल्ली स्थित पाक दूतावास से लोगों को जल्द पाकिस्तानी वीजा दिलवाने का आश्वासन देकर उनसे पासपोर्ट, फोटो और रुपए ले लिया करता था. इसके बाद उन दस्तावेजों का गलत तरीके से इस्तेमाल कर सिम ऑपरेटर से मिलीभगत कर फर्जी सिम कार्ड जारी करवाता था. नंबर एक्टिवेट हो जाने के बाद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के हैंडलर्स और ऑपरेटर्स को नंबरों की जानकारी देकर एंड्राइड मोबाइल में व्हाट्सएप शुरू करता. उसके बाद व्हाट्सएप के जरिए कोड भाषा में अनेक तरह की सेना से जुड़ी गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान को प्रदान करता था.

इस दौरान फेक आईडी बनाकर सेना के जवानों से दोस्ती करता और फिर उनसे सामरिक महत्व की गोपनीय सूचनाएं प्राप्त कर पाकिस्तान को भेजता था. इसकी एवज में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी द्वारा आरोपी को मोटी रकम दी जाती थी. आरोपी को राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर एनआईए द्वारा पूर्व में गिरफ्तार किया था.

Intro:जयपुर
एंकर- राजस्थान इंटेलिजेंस द्वारा दिल्ली से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किए गए आईएसआई एजेंट मोहम्मद परवेज से इंटेलिजेंस मुख्यालय में पूछताछ जारी है। इंटेलिजेंस द्वारा आईएसआई एजेंट मोहम्मद परवेज को दिल्ली से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार करने के बाद जयपुर में कोर्ट में पेश कर 4 दिन की पुलिस रिमांड ली गई है। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने इस बात का खुलासा किया है कि वह पाकिस्तान खुफिया एजेंसी के हैंडलर्स और ऑपरेटर से सीधा जुड़ा हुआ है और उन्हें अनेक तरह की गोपनीय सूचनाएं पहुंचाने का काम करता है। 42 वर्षीय मोहम्मद प्रवेश गत 18 वर्षों में 17 बार पाकिस्तान जा चुका है। इस दौरान भारत में रहते हुए और पाकिस्तान यात्रा के दौरान सामरिक महत्व की अनेक गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को पहुंचाता रहा है।





Body:वीओ- आरोपी दिल्ली स्थित पाक दूतावास से लोगों को जल्द पाकिस्तानी वीजा दिलवाने का आश्वासन देकर उनके पासपोर्ट, फोटो और रुपए ले लिया करता। इसके बाद उन दस्तावेजों का गलत तरीके से इस्तेमाल कर सिम ऑपरेटर से मिलीभगत कर फर्जी सिम कार्ड जारी करवाता। नंबर एक्टिवेट हो जाने के बाद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के हैंडलर्स व ऑपरेटर्स को नंबरों की जानकारी देकर एंड्राइड मोबाइल में व्हाट्सएप शुरू करता। उसके बाद व्हाट्सएप के जरिए कोड भाषा में अनेक तरह की सेना से जुड़ी गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान को प्रदान करता। इस दौरान फेक आईडी बनाकर सेना के जवानों से दोस्ती करता और फिर उनसे सामरिक महत्व की गोपनीय सूचनाएं प्राप्त कर पाकिस्तान को भेजता। इसकी एवज में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी द्वारा आरोपी को मोटी रकम दी जाती। आरोपी को राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर एनआईए द्वारा पूर्व में गिरफ्तार किया।




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