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मंत्री शांति धारीवाल और विधायक रामकेश मीणा के खिलाफ चुनाव याचिका पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

शांति धारीवाल के खिलाफ दायर याचिका में अधिवक्ता डॉ महेश शर्मा ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान शांति धारीवाल ने भ्रष्ट आचरण करते हुए मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए नकदी बांटी.

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Published : Feb 25, 2019, 11:16 PM IST

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जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कोटा उत्तर विधानसभा क्षेत्र से विधायक शांति धारीवाल और गंगापुर सिटी से विधायक रामकेश मीणा के खिलाफ दायर चुनाव याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य केंद्रीय चुनाव आयुक्त, राज्य चुनाव आयुक्त, सवाई माधोपुर कलेक्टर सहित अन्य से जवाब तलब किया है.

अदालत ने दोनों विधानसभा सीटों की ईवीएम वीवीपेट मशीन को रिलीज करते हुए चुनाव सामग्री को संरक्षित रखने के आदेश दिए हैं. न्यायधीश अशोक कुमार गौड़ की एकलपीठ ने यह आदेश प्रहलाद गुंजल व राजेश कुमार की ओर से दायर याचिकाओं पर अलग-अलग सुनवाई करते हुए दिए.

फाइल वीडियोः राजस्थान हाईकोर्ट

शांति धारीवाल के खिलाफ दायर याचिका में अधिवक्ता डॉ महेश शर्मा ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान शांति धारीवाल ने भ्रष्ट आचरण करते हुए मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए नकदी बांटी. वहीं याचिकाकर्ता के खिलाफ अनगर्ल आरोप लगाया. जिसके चलते ना केवल मतदाता प्रभावित हुए, बल्कि यह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के भी खिलाफ है.

याचिकाकर्ता की ओर से इसकी शिकायत भी की गई लेकिन निर्वाचन आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की. वहीं राजेश कुमार की ओर से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की बाद हर विधानसभा प्रत्याशी को अपने ऊपर दर्ज आपराधिक मुकदमों की जानकारी कम से कम 3 बार मीडिया के जरिए सार्वजनिक करनी थी लेकिन गंगापुर सिटी विधानसभा सीट से प्रत्याशी राकेश मीणा ने इसकी अवहेलना की. याचिका में गुहार की गई कि दोनों विधायकों का निर्वाचन रद्द कर पुनः चुनाव कराए जाएं.

चुनाव आयोग की ओर से अलग-अलग प्रार्थना पत्र पेश कर कहा गया कि आगामी लोकसभा चुनावों में ईवीएम और वीवीपेट मशीन के उपयोग को देखते हुए दोनों विधानसभा में काम आई मशीनों को रिलीज किया जाए. इसी तरह न्यायधीश इंद्रजीत सिंह की एकल पीठ ने पुष्कर विधानसभा चुनाव को चुनौती देने वाली नसीम अख्तर व बांदीकुई विधानसभा चुनाव को चुनौती देने वाली विमला मीणा की याचिका पर सुनवाई करते हुए यहां की ईवीएम और वीवीपेट को रिलीज करने के आदेश देते हुए संबंधित अधिकारियों को जवाब पेश करने को कहा है.

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जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कोटा उत्तर विधानसभा क्षेत्र से विधायक शांति धारीवाल और गंगापुर सिटी से विधायक रामकेश मीणा के खिलाफ दायर चुनाव याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य केंद्रीय चुनाव आयुक्त, राज्य चुनाव आयुक्त, सवाई माधोपुर कलेक्टर सहित अन्य से जवाब तलब किया है.

अदालत ने दोनों विधानसभा सीटों की ईवीएम वीवीपेट मशीन को रिलीज करते हुए चुनाव सामग्री को संरक्षित रखने के आदेश दिए हैं. न्यायधीश अशोक कुमार गौड़ की एकलपीठ ने यह आदेश प्रहलाद गुंजल व राजेश कुमार की ओर से दायर याचिकाओं पर अलग-अलग सुनवाई करते हुए दिए.

फाइल वीडियोः राजस्थान हाईकोर्ट

शांति धारीवाल के खिलाफ दायर याचिका में अधिवक्ता डॉ महेश शर्मा ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान शांति धारीवाल ने भ्रष्ट आचरण करते हुए मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए नकदी बांटी. वहीं याचिकाकर्ता के खिलाफ अनगर्ल आरोप लगाया. जिसके चलते ना केवल मतदाता प्रभावित हुए, बल्कि यह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के भी खिलाफ है.

याचिकाकर्ता की ओर से इसकी शिकायत भी की गई लेकिन निर्वाचन आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की. वहीं राजेश कुमार की ओर से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की बाद हर विधानसभा प्रत्याशी को अपने ऊपर दर्ज आपराधिक मुकदमों की जानकारी कम से कम 3 बार मीडिया के जरिए सार्वजनिक करनी थी लेकिन गंगापुर सिटी विधानसभा सीट से प्रत्याशी राकेश मीणा ने इसकी अवहेलना की. याचिका में गुहार की गई कि दोनों विधायकों का निर्वाचन रद्द कर पुनः चुनाव कराए जाएं.

चुनाव आयोग की ओर से अलग-अलग प्रार्थना पत्र पेश कर कहा गया कि आगामी लोकसभा चुनावों में ईवीएम और वीवीपेट मशीन के उपयोग को देखते हुए दोनों विधानसभा में काम आई मशीनों को रिलीज किया जाए. इसी तरह न्यायधीश इंद्रजीत सिंह की एकल पीठ ने पुष्कर विधानसभा चुनाव को चुनौती देने वाली नसीम अख्तर व बांदीकुई विधानसभा चुनाव को चुनौती देने वाली विमला मीणा की याचिका पर सुनवाई करते हुए यहां की ईवीएम और वीवीपेट को रिलीज करने के आदेश देते हुए संबंधित अधिकारियों को जवाब पेश करने को कहा है.

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Intro:जयपुर। राजस्थान हाई कोर्ट ने कोटा उत्तर विधानसभा क्षेत्र से विधायक शांति धारीवाल और गंगापुर सिटी से विधायक रामकेश मीणा के खिलाफ दायर चुनाव याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य केंद्रीय चुनाव आयुक्त, राज्य चुनाव आयुक्त, सवाई माधोपुर कलेक्टर सहित अन्य से जवाब तलब किया है। इसके साथ ही अदालत ने दोनों विधानसभा सीटों की ईवीएम वीवीपेट मशीन को रिलीज करते हुए चुनाव सामग्री को संरक्षित रखने के आदेश दिए हैं।
न्यायधीश अशोक कुमार गौड़ की एकलपीठ ने यह आदेश प्रहलाद गुंजल व राजेश कुमार की ओर से दायर याचिकाओं पर अलग-अलग सुनवाई करते हुए दिए।


Body:शांति धारीवाल के खिलाफ दायर याचिका में अधिवक्ता डॉ महेश शर्मा ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान शांति धारीवाल ने भ्रष्ट आचरण करते हुए मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए नकदी बाटी। वहीं याचिकाकर्ता के खिलाफ अनगर्ल आरोप लगाया। जिसके चलते ना केवल मतदाता प्रभावित हुए, बल्कि यह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के भी खिलाफ है। याचिकाकर्ता की ओर से इसकी शिकायत भी की गई लेकिन निर्वाचन आयोग ने कोई कार्यवाही नहीं की। वहीं राजेश कुमार की ओर से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की बाद हर विधानसभा प्रत्याशी को अपने ऊपर दर्ज आपराधिक मुकदमों की जानकारी कम से कम 3 बार मीडिया के जरिए सार्वजनिक करनी थी लेकिन गंगापुर सिटी विधानसभा सीट से प्रत्याशी राकेश मीणा ने इसकी अवहेलना की। याचिका गुहार की गई कि दोनों विधायकों का निर्वाचन रद्द कर पुनः चुनाव कराए जाएं।
वहीं चुनाव आयोग की ओर से अलग-अलग प्रार्थना पत्र पेश कर कहा गया कि आगामी लोकसभा चुनावों में ईवीएम और वीवीपेट मशीन के उपयोग को देखते हुए दोनों विधानसभा में काम आई मशीनों को रिलीज किया जाए।
इसी तरह न्यायधीश इंद्रजीत सिंह की एकल पीठ ने पुष्कर विधानसभा चुनाव को चुनौती देने वाली नसीम अख्तर व बांदीकुई विधानसभा चुनाव को चुनौती देने वाली विमला मीणा की याचिका पर सुनवाई करते हुए यहां की ईवीएम और वीवीपेट को रिलीज करने के आदेश देते हुए संबंधित अधिकारियों को जवाब पेश करने को कहा है।


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