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गहलोत सरकार हुई सख्त, रेस्मा किया लागू: रोडवेज कर्मचारी हड़ताल पर गए, तो हो सकती है गिरफ्तारी

राजस्थान में रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल पर प्रदेश की गहलोत गहलोत सरकार ने सख्ती दिखाई है. सरकार ने रोडवेज कर्मचारियों पर अगले 6 महीने के लिए रेस्मा लागू कर दिया है. अब कोई भी रोडवेज कर्मचारी हड़ताल करता है तो उसके खिलाफ गिरफ्तारी की कार्रवाई की जा सकती है. बता दें कि इससे पहले रोडवेज कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन कर 24 नवंबर को राज्यव्यापी हड़ताल का एलान किया (Roadways employees strike on Nov 24) था.

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रोडवेज बचाओ रोजगार बचाओ आंदोलन रैली
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Published : Nov 17, 2022, 5:44 PM IST

जयपुर. राजस्थान रोडवेज श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चे की ओर से 24 नवंबर को प्रदेशव्यापी हड़ताल के एलान के बाद अब गहलोत सरकार सख्त हो गई है. राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर कर्मचारियों पर रेस्मा लागू कर दिया (Gehlot Govt imposed Resma on Roadways services) है. अधिसूचना के अनुसार राजस्थान पथ परिवहन निगम की समस्त सेवाओं, कार्यालयों और उनके क्रियाकलापों से संबंधित सेवाओं पर 17 नवम्बर से आगामी 6 माह तक अत्यावश्यक सेवा घोषित किया गया है.

ये जारी हुई अधिसूचना: गृह विभाग के शासन उप सचिव से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य सरकार के ध्यान में आया है कि राजस्थान पथ परिवहन निगम के विभिन्न कर्मचारी संगठनों की ओर से प्रदेशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है. उन्होंने बताया कि इस हड़ताल से राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की समस्त सेवाओं, कार्यालयों एवं उनके क्रियाकलापों से संबंधित सेवाओं के प्रदाय एवं अनुरक्षण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. साथ ही इसके परिणामस्वरूप लोगों को भारी कठिनाई का सामना भी करना पड़ेगा. शासन उप सचिव ने बताया कि इन परिस्थितियों को देखते हुए राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की समस्त सेवाओं को आगामी 6 माह तक के लिए अत्यावश्यक सेवा घोषित किया है.

पढ़ें: रोडवेज के रिटायर्ड कर्मचारियों ने बकाया भुगतान की मांग को लेकर किया प्रदर्शन...लगाए आरोप

क्या है रेस्मा: रेस्मा लागू होने के उपरान्त यदि कर्मचारी हड़ताल पर जाता है, तो वह अवैध एवं दण्डनीय मानी जाएगी. रेस्मा लागू होने के बाद इस आदेश के चलते किसी भी कर्मचारी को बिना किसी वारन्ट के गिरफ्तार किया जा सकता है. सरकारें रेस्मा लगाने का फैसला इसलिए करती हैं क्योंकि हड़ताल की वजह से लोगों के लिए आवश्यक सेवाओं पर बुरा असर पड़ने की आशंका रहती है. रेस्मा अधिकतम 6 माह के लिए लगाया जा सकता है.

24 नवंबर से हड़ताल की चेतावनी: राजस्थान रोडवेज के श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चे की ओर से 'रोडवेज बचाओ-रोजगार बचाओ' संकल्प के साथ 21 सूत्रीय मांगों के लिए 24 नवम्बर को एक दिन की प्रदेशव्यापी हड़ताल का एलान किया हुआ है. रोडवेज कर्मचारियों की नाराजगी है कि सरकार रोडवेज का निजीकरण करना चाह रही है. रोडवेज कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा. सेवानिवृत्त कर्मचारियों कोपेंशन नहीं मिल रही है. भुगतान समय पर मिले और कार्य व्यवस्था सही तरीके से निर्धारित किए जाने सहित करीब 11 सूत्री मांगों को लेकर रोडवेज कर्मचारी आंदोलित हैं.

पढ़ें: 7th Pay Commission in Rajasthan : सातवें वेतन आयोग को लेकर राजस्थान रोडवेज के रिटायर्ड कर्मचारी और कार्यरत कर्मचारी आमने-सामने...

गुरुवार को जयपुर में रोडवेज कर्मचारियों ने राजस्थान रोडवेज के श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया. सिंधी कैंप बस स्टैंड से रैली निकालकर रोडवेज मुख्यालय पहुंची. रोडवेज मुख्यालय के पास सभा आयोजित की गई. इसमें कर्मचारियों ने सरकार और रोडवेज प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. राजस्थान स्टेट रोडवेज इंप्लाइज यूनियन एटक के प्रदेश अध्यक्ष और राजस्थान रोडवेज संयुक्त मोर्चा के संयोजक एमएल यादव के मुताबिक राजस्थान रोडवेज के पांच श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चा की ओर से 21 सूत्री मांगों को लेकर 9 चरणों में आंदोलन किया जा रहा है.

आंदोलन के अलग-अलग चरण पूरे करते हुए 24 नवंबर को एक दिन की प्रदेशव्यापी हड़ताल की जाएगी. उन्होंन कहा कि अगर सरकार ने रोडवेज कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो आंदोलन और भी तेज किया जाएगा. 19 नवंबर को प्रदेश में सभी इकाइयों पर 'ढोल बजाओ सरकार जगाओ' प्रदर्शन किया जाएगा और 22 से 23 नवंबर तक प्रदेश में सभी इकाईयों पर दिन रात के धरने दिए जाएंगे. 24 नवंबर को 1 दिन की प्रदेशव्यापी हड़ताल की जाएगी.

पढ़ें: फरमान: रोडवेज के बाद अब JCTSL पर भी RESMA, मांगों पर सहमति बनने के बाद हड़ताल खत्म...शनिवार को होगा संचालन

रोडवेज कर्मचारियों की मांगे: रोडवेज कर्मचारियों की मांग है कि वेतन पेंशन और सेवानिवृत्ति परिलाभ का हर महीने के पहले कार्य दिवस को भुगतान करने की व्यवस्था की जाए. रोडवेज के बस स्टैंड्स को राजस्थान राज्य बस अड्डा विकास प्राधिकरण के अधीन नहीं करने, पूर्व में अराष्ट्रीयकृत किए गए मार्गों को राष्ट्रीयकृत करने, 2000 नई बसें खरीदने, 10000 रिक्त पदों पर नई भर्ती करने, रोडवेज बस स्टैंडो के बाहर से अवैध तरीके से संचालित सभी तरह की निजी बसों को 2 से 5 किलोमीटर दूर से संचालित करने, अप्रैल 2022 से लागू सातवें वेतनमान को जनवरी 2016 से लागू करने, पुरानी पेंशन योजना लागू करने, सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति परिलाभों के विलंब से भुगतान पर न्यायिक निर्णय के अनुसार ब्याज का भुगतान करने, सेवानिवृत्त कर्मचारियों के सभी प्रकार के अन्य बकाया भुगतान करने समेत 21 सूत्री मांगों को लेकर रोडवेज कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं.

जयपुर. राजस्थान रोडवेज श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चे की ओर से 24 नवंबर को प्रदेशव्यापी हड़ताल के एलान के बाद अब गहलोत सरकार सख्त हो गई है. राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर कर्मचारियों पर रेस्मा लागू कर दिया (Gehlot Govt imposed Resma on Roadways services) है. अधिसूचना के अनुसार राजस्थान पथ परिवहन निगम की समस्त सेवाओं, कार्यालयों और उनके क्रियाकलापों से संबंधित सेवाओं पर 17 नवम्बर से आगामी 6 माह तक अत्यावश्यक सेवा घोषित किया गया है.

ये जारी हुई अधिसूचना: गृह विभाग के शासन उप सचिव से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य सरकार के ध्यान में आया है कि राजस्थान पथ परिवहन निगम के विभिन्न कर्मचारी संगठनों की ओर से प्रदेशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है. उन्होंने बताया कि इस हड़ताल से राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की समस्त सेवाओं, कार्यालयों एवं उनके क्रियाकलापों से संबंधित सेवाओं के प्रदाय एवं अनुरक्षण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. साथ ही इसके परिणामस्वरूप लोगों को भारी कठिनाई का सामना भी करना पड़ेगा. शासन उप सचिव ने बताया कि इन परिस्थितियों को देखते हुए राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की समस्त सेवाओं को आगामी 6 माह तक के लिए अत्यावश्यक सेवा घोषित किया है.

पढ़ें: रोडवेज के रिटायर्ड कर्मचारियों ने बकाया भुगतान की मांग को लेकर किया प्रदर्शन...लगाए आरोप

क्या है रेस्मा: रेस्मा लागू होने के उपरान्त यदि कर्मचारी हड़ताल पर जाता है, तो वह अवैध एवं दण्डनीय मानी जाएगी. रेस्मा लागू होने के बाद इस आदेश के चलते किसी भी कर्मचारी को बिना किसी वारन्ट के गिरफ्तार किया जा सकता है. सरकारें रेस्मा लगाने का फैसला इसलिए करती हैं क्योंकि हड़ताल की वजह से लोगों के लिए आवश्यक सेवाओं पर बुरा असर पड़ने की आशंका रहती है. रेस्मा अधिकतम 6 माह के लिए लगाया जा सकता है.

24 नवंबर से हड़ताल की चेतावनी: राजस्थान रोडवेज के श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चे की ओर से 'रोडवेज बचाओ-रोजगार बचाओ' संकल्प के साथ 21 सूत्रीय मांगों के लिए 24 नवम्बर को एक दिन की प्रदेशव्यापी हड़ताल का एलान किया हुआ है. रोडवेज कर्मचारियों की नाराजगी है कि सरकार रोडवेज का निजीकरण करना चाह रही है. रोडवेज कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा. सेवानिवृत्त कर्मचारियों कोपेंशन नहीं मिल रही है. भुगतान समय पर मिले और कार्य व्यवस्था सही तरीके से निर्धारित किए जाने सहित करीब 11 सूत्री मांगों को लेकर रोडवेज कर्मचारी आंदोलित हैं.

पढ़ें: 7th Pay Commission in Rajasthan : सातवें वेतन आयोग को लेकर राजस्थान रोडवेज के रिटायर्ड कर्मचारी और कार्यरत कर्मचारी आमने-सामने...

गुरुवार को जयपुर में रोडवेज कर्मचारियों ने राजस्थान रोडवेज के श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया. सिंधी कैंप बस स्टैंड से रैली निकालकर रोडवेज मुख्यालय पहुंची. रोडवेज मुख्यालय के पास सभा आयोजित की गई. इसमें कर्मचारियों ने सरकार और रोडवेज प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. राजस्थान स्टेट रोडवेज इंप्लाइज यूनियन एटक के प्रदेश अध्यक्ष और राजस्थान रोडवेज संयुक्त मोर्चा के संयोजक एमएल यादव के मुताबिक राजस्थान रोडवेज के पांच श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चा की ओर से 21 सूत्री मांगों को लेकर 9 चरणों में आंदोलन किया जा रहा है.

आंदोलन के अलग-अलग चरण पूरे करते हुए 24 नवंबर को एक दिन की प्रदेशव्यापी हड़ताल की जाएगी. उन्होंन कहा कि अगर सरकार ने रोडवेज कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो आंदोलन और भी तेज किया जाएगा. 19 नवंबर को प्रदेश में सभी इकाइयों पर 'ढोल बजाओ सरकार जगाओ' प्रदर्शन किया जाएगा और 22 से 23 नवंबर तक प्रदेश में सभी इकाईयों पर दिन रात के धरने दिए जाएंगे. 24 नवंबर को 1 दिन की प्रदेशव्यापी हड़ताल की जाएगी.

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रोडवेज कर्मचारियों की मांगे: रोडवेज कर्मचारियों की मांग है कि वेतन पेंशन और सेवानिवृत्ति परिलाभ का हर महीने के पहले कार्य दिवस को भुगतान करने की व्यवस्था की जाए. रोडवेज के बस स्टैंड्स को राजस्थान राज्य बस अड्डा विकास प्राधिकरण के अधीन नहीं करने, पूर्व में अराष्ट्रीयकृत किए गए मार्गों को राष्ट्रीयकृत करने, 2000 नई बसें खरीदने, 10000 रिक्त पदों पर नई भर्ती करने, रोडवेज बस स्टैंडो के बाहर से अवैध तरीके से संचालित सभी तरह की निजी बसों को 2 से 5 किलोमीटर दूर से संचालित करने, अप्रैल 2022 से लागू सातवें वेतनमान को जनवरी 2016 से लागू करने, पुरानी पेंशन योजना लागू करने, सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति परिलाभों के विलंब से भुगतान पर न्यायिक निर्णय के अनुसार ब्याज का भुगतान करने, सेवानिवृत्त कर्मचारियों के सभी प्रकार के अन्य बकाया भुगतान करने समेत 21 सूत्री मांगों को लेकर रोडवेज कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं.

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