नई दिल्ली. शीला दीक्षित को शनिवार सुबह बीमारी के चलते एस्कॉर्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां दोपहर करीब 3:55 पर उन्होंने अंतिम सांस ली. शीला दीक्षित 3 बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं और वर्तमान समय में वे दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष थीं.
बताया जा रहा है कि दोपहर के 3:55 पर उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उनका निधन हो गया. उनकी उम्र 81 वर्ष थी. बता दें कि रविवार शाम 6 बजे निजामुद्दीन स्थित आवास पर उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा.
2019 में उन्होंने उत्तर-पूर्वी दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ा, हालांकि इसमें उन्हें भाजपा के मनोज तिवारी से हार मिली थी. निधन के बाद पूरी दिल्ली में शोक का माहौल है. कांग्रेस की कद्दावर नेता रहीं शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च 1938 को पंजाब के कपूरथला में हुआ. उन्होंने दिल्ली के कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल से पढ़ाई की और फिल दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस कॉलेज से मास्टर्स ऑफ आर्ट्स की डिग्री हासिल की
शीला दीक्षित साल 1984 से 1989 तक उत्तर प्रदेश के कन्नौज से सांसद रहीं. बतौर सांसद वह लोकसभा की एस्टिमेट्स कमिटी का हिस्सा भी रहीं. शीला दीक्षित के नेतृत्व में ही कांग्रेस ने लगातार तीन पर दिल्ली में सरकार बनाई और वह साल 1998 से 2013 तक लगातार तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं.
दिल्ली के राजनीतिक इतिहास में वो अब तक की सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहीं. उनका कार्यकाल 15 साल चला और साल 2013 में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल से खुद चुनाव हारने और दिल्ली की सत्ता गंवाने के बाद वह मुख्यमंत्री पद से हटीं.
इस तरह उनके आकस्मिक निधन के बाद पूरे देश में शोक की लहर है. तमाम नेताओं, कार्यकर्ताओं और उनके समर्थकों के रिएक्शन्स आ रहे हैं, लोगों ने अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं.