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विंग कमांडर दीपिका मिश्रा ने बढ़ाया मरुधरा का मान, अशोक गहलोत ने भी कहा Well Done - दीपिका मिश्रा ने बढ़ाया मरुधरा का मान

विंग कमांडर दीपिका मिश्रा को वीरता पदक से नवाजा गया है. दीपिका वीरता पुरस्कार हासिल करने वाली पहली महिला वायु सेना अधिकारी बन गई हैं. उनके इस कामयाबी पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करके बधाई दी है.

Wing Commander Deepika Mishra
विंग कमांडर दीपिका मिश्रा ने बढ़ाया मरुधरा का मान
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Published : Apr 21, 2023, 4:29 PM IST

जयपुर. शुक्रवार का दिन राजस्थान के लिए गर्व का रहा, जब प्रदेश की बेटी और विंग कमांडर दीपिका मिश्रा को वीरता पदक से नवाजा गया. 15 अगस्त 2022 को इसका एलान किया गया था. दीपिका वीरता पुरस्कार हासिल करने वाली पहली महिला वायु सेना अधिकारी बन गई हैं. नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी. आर. चौधरी ने वीरता के लिए वायु सेवा पदक से सम्मानित किया था.

उन्हें मध्य प्रदेश के शिवपुरी में बाढ़ राहत अभियान के दौरान अदम्य साहस के लिए वायु सेना के वीरता पदक से नवाजा गया है. वायु सेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी. आर. चौधरी ने सुब्रतो पार्क में वायु योद्धाओं को युद्ध सेवा पदक और अन्य पुरस्कार प्रदान किए थे. इस दौरान वायुसेना के दो अधिकारियों को युद्ध सेवा पदक, 13 अधिकारियों और वायु योद्धाओं को वायु सेना पदक (शौर्य), 13 अधिकारियों को वायु सेना पदक और 30 विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया. कुल 58 व्यक्तियों को पुरस्कार दिए गए, जिनमें से 57 वायु सेना से और एक सेना में हैं.

First Woman Officer of the Air Force to Receive a Gallantry Award
वीरता पुरस्कार हासिल करने वाली देश की पहली महिला एयरफोर्स अधिकारी

यह कारनामा किया था दीपिका ने : भारतीय वायुसेना के मुताबिक विंग कमांडर दीपिका मिश्रा को अगस्त 2021 में मध्य प्रदेश में अचानक आई बाढ़ के दौरान मानवीय-सहायता और आपदा राहत अभियान चलाने के लिए तैयार किया गया था. 8 दिन तक चले इस मैराथन बचाव अभियान में 47 लोगों की जिंदगी बचाने का श्रेय दीपिका को जाता है. उन्होंने जीवन की रक्षा के साथ मौजूद लोगों में सुरक्षा की भावना को भी बढ़ाया था. साल 2021 में जब उत्तरी मध्य प्रदेश का एक हिस्सा भीषण बाढ़ की चपेट में था और गांव के गांव डूब रहे थे, तब 2 अगस्त को विंग कमांडर दीपिका मिश्रा को राहत और बचाव अभियान की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.

बेहद खराब और खतरनाक मौसम के बीच दीपिका ने अपने अभियान का आगाज किया और सूरज डूबने के बावजूद अकेले ही प्रभावित इलाके के हवाई सर्वेक्षण से जानकारियां जुटाईं. ये जानकारी पूरे बचाव अभियान की रणनीति में कारगर रही. इसके बाद काफी कम ऊंचाई पर हेलीकॉप्टर उड़ा कर उन्होंने कई जिंदगियों को बचाया. उनके मिशन में चारों तरफ पानी से घिरे एक मकान की छत पर फंसे हुए 4 लोगों को बचाना भी शामिल रहा. सेना के अधिकारियों के मुताबिक यह मिशन काफी मुश्किल था, क्योंकि अंधेरा बढ़ चुका था.

पढ़ें : विंग कमांडर दीपिका मिश्रा वीरता पुरस्कार पाने वाली वायुसेना की पहली महिला अफसर बनीं

दीपिका दिसंबर 2006 में वायुसेना एकेडमी से पासआउट हुई थीं. वह पहले शॉर्ट सर्विस कमिशन से भर्ती हुईं, जिसमें नियमों के मुताबिक महिला पायलट सिर्फ सिंगल इंजन हेलीकॉप्टर ही उड़ा सकती थीं. लेकिन 2010 में वायुसेना ने अपने नियम बदल दिये और उन्हें डबल इंजन के मीडियम और हैवी हेलीकॉप्टर उड़ाने की अनुमति भी दे दी गई. इससे दीपिका के सपनों को एक नया आसमान मिल गया.

उन्होंने बरेली और ऊधमपुर से चेतक और चीता हेलीकॉप्टर से 1500 घंटों की उड़ान का अभ्यास किया. इतने लंबे अनुभव की वजह से वो एक काबिल फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और एक्जामिनर भी हैं. विंग कमांडर दीपिका मिश्रा के पति सौरभ कक्कड़ हैं, जो खुद उनके साथ सारंग टीम का हिस्सा रहे हैं. सौरभ मूल रूप से एयरोनॉटिकल इंजीनियर हैं. दोनों को वायुसेना में पावर कपल के रूप में जाना जाता है. साल 2014 में जब वायुसेना ने पहली बार एयरोबैटिक प्रदर्शन के लिए महिला पायलट के नाम मांगे. दीपिका ने बिना सोचे इसके लिए अपना नाम भेज दिया और फिर उसी साल जुलाई में वो इस दल में शामिल होने वाली पहली महिला पायलट बन गईं.

Ashok Gehlot Tweet
अशोक गहलोत ने भी कहा Well Done

गहलोत ने किया ट्वीट : राजस्थान की बेटी दीपिका मिश्रा की इस कामयाबी पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी ट्वीट करके उन्हें बधाई दी है. गहलोत ने कहा कि बेटी की ऊंची उड़ान पर राजस्थान गर्व करता है. वीरता पुरस्कार हासिल करने वाली देश की पहली महिला एयरफोर्स अधिकारी ने पूरे प्रदेश का गौरव बढ़ाया है. बाढ़ राहत कार्य के लिए वायु सेना पदक प्रदेश के अलावा हर देशवासी को भी प्रेरित करता है.

जयपुर. शुक्रवार का दिन राजस्थान के लिए गर्व का रहा, जब प्रदेश की बेटी और विंग कमांडर दीपिका मिश्रा को वीरता पदक से नवाजा गया. 15 अगस्त 2022 को इसका एलान किया गया था. दीपिका वीरता पुरस्कार हासिल करने वाली पहली महिला वायु सेना अधिकारी बन गई हैं. नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी. आर. चौधरी ने वीरता के लिए वायु सेवा पदक से सम्मानित किया था.

उन्हें मध्य प्रदेश के शिवपुरी में बाढ़ राहत अभियान के दौरान अदम्य साहस के लिए वायु सेना के वीरता पदक से नवाजा गया है. वायु सेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी. आर. चौधरी ने सुब्रतो पार्क में वायु योद्धाओं को युद्ध सेवा पदक और अन्य पुरस्कार प्रदान किए थे. इस दौरान वायुसेना के दो अधिकारियों को युद्ध सेवा पदक, 13 अधिकारियों और वायु योद्धाओं को वायु सेना पदक (शौर्य), 13 अधिकारियों को वायु सेना पदक और 30 विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया. कुल 58 व्यक्तियों को पुरस्कार दिए गए, जिनमें से 57 वायु सेना से और एक सेना में हैं.

First Woman Officer of the Air Force to Receive a Gallantry Award
वीरता पुरस्कार हासिल करने वाली देश की पहली महिला एयरफोर्स अधिकारी

यह कारनामा किया था दीपिका ने : भारतीय वायुसेना के मुताबिक विंग कमांडर दीपिका मिश्रा को अगस्त 2021 में मध्य प्रदेश में अचानक आई बाढ़ के दौरान मानवीय-सहायता और आपदा राहत अभियान चलाने के लिए तैयार किया गया था. 8 दिन तक चले इस मैराथन बचाव अभियान में 47 लोगों की जिंदगी बचाने का श्रेय दीपिका को जाता है. उन्होंने जीवन की रक्षा के साथ मौजूद लोगों में सुरक्षा की भावना को भी बढ़ाया था. साल 2021 में जब उत्तरी मध्य प्रदेश का एक हिस्सा भीषण बाढ़ की चपेट में था और गांव के गांव डूब रहे थे, तब 2 अगस्त को विंग कमांडर दीपिका मिश्रा को राहत और बचाव अभियान की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.

बेहद खराब और खतरनाक मौसम के बीच दीपिका ने अपने अभियान का आगाज किया और सूरज डूबने के बावजूद अकेले ही प्रभावित इलाके के हवाई सर्वेक्षण से जानकारियां जुटाईं. ये जानकारी पूरे बचाव अभियान की रणनीति में कारगर रही. इसके बाद काफी कम ऊंचाई पर हेलीकॉप्टर उड़ा कर उन्होंने कई जिंदगियों को बचाया. उनके मिशन में चारों तरफ पानी से घिरे एक मकान की छत पर फंसे हुए 4 लोगों को बचाना भी शामिल रहा. सेना के अधिकारियों के मुताबिक यह मिशन काफी मुश्किल था, क्योंकि अंधेरा बढ़ चुका था.

पढ़ें : विंग कमांडर दीपिका मिश्रा वीरता पुरस्कार पाने वाली वायुसेना की पहली महिला अफसर बनीं

दीपिका दिसंबर 2006 में वायुसेना एकेडमी से पासआउट हुई थीं. वह पहले शॉर्ट सर्विस कमिशन से भर्ती हुईं, जिसमें नियमों के मुताबिक महिला पायलट सिर्फ सिंगल इंजन हेलीकॉप्टर ही उड़ा सकती थीं. लेकिन 2010 में वायुसेना ने अपने नियम बदल दिये और उन्हें डबल इंजन के मीडियम और हैवी हेलीकॉप्टर उड़ाने की अनुमति भी दे दी गई. इससे दीपिका के सपनों को एक नया आसमान मिल गया.

उन्होंने बरेली और ऊधमपुर से चेतक और चीता हेलीकॉप्टर से 1500 घंटों की उड़ान का अभ्यास किया. इतने लंबे अनुभव की वजह से वो एक काबिल फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और एक्जामिनर भी हैं. विंग कमांडर दीपिका मिश्रा के पति सौरभ कक्कड़ हैं, जो खुद उनके साथ सारंग टीम का हिस्सा रहे हैं. सौरभ मूल रूप से एयरोनॉटिकल इंजीनियर हैं. दोनों को वायुसेना में पावर कपल के रूप में जाना जाता है. साल 2014 में जब वायुसेना ने पहली बार एयरोबैटिक प्रदर्शन के लिए महिला पायलट के नाम मांगे. दीपिका ने बिना सोचे इसके लिए अपना नाम भेज दिया और फिर उसी साल जुलाई में वो इस दल में शामिल होने वाली पहली महिला पायलट बन गईं.

Ashok Gehlot Tweet
अशोक गहलोत ने भी कहा Well Done

गहलोत ने किया ट्वीट : राजस्थान की बेटी दीपिका मिश्रा की इस कामयाबी पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी ट्वीट करके उन्हें बधाई दी है. गहलोत ने कहा कि बेटी की ऊंची उड़ान पर राजस्थान गर्व करता है. वीरता पुरस्कार हासिल करने वाली देश की पहली महिला एयरफोर्स अधिकारी ने पूरे प्रदेश का गौरव बढ़ाया है. बाढ़ राहत कार्य के लिए वायु सेना पदक प्रदेश के अलावा हर देशवासी को भी प्रेरित करता है.

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