जयपुर. राजधानी जयपुर के जनाना अस्पताल में प्रसव के लिए आई एक महिला की बिना अनुमति के जबरन नसबंदी का ऑपरेशन करने का मामला सामने आया है. प्रसूता के पति ने इस संबंध में सिंधी कैंप थाने में परिवाद दर्ज करवाया है. फिलहाल, पुलिस मामले की पड़ताल में जुटी है.
सिंधी कैंप थानाधिकारी जयमल सिंह के अनुसार, नागौर जिले के कुकड़ोद निवासी रामसिंह ने इस मामले को लेकर थाने में परिवाद दर्ज करवाया है. इसमें उन्होंने शिकायत दी है कि उनकी पत्नी पूनम कंवर को 21 जुलाई को प्रसव के लिए जनाना अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. जहां उनकी पत्नी ने ऑपरेशन से बच्ची को जन्म दिया. जिस वार्ड में उनकी पत्नी को भर्ती करवाया गया था. उसके इंचार्ज डॉ पवन कुमार अग्रवाल थे और जिस समय उनकी पत्नी का ऑपरेशन चल रहा था. उसी समय डॉक्टर और स्टाफ के अन्य लोग किसी के जन्मदिन का केक काटने में व्यस्त थे. इसी आपाधापी में उन्होंने बिना उनकी अनुमति के ही पूनम कंवर की नसबंदी कर दी. यहां तक कि परिजनों को इसकी जानकारी तक नहीं दी गई. इसके बाद वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया.
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धोखे में रखकर करवा लिए दस्तखतः अपने परिवाद में महिला के पति ने यह भी आरोप लगाया है कि इस घटना के दो दिन बाद डॉक्टर ने बेटी होने पर सरकार द्वारा मिलने वाली 50 हजार रुपए की सहायता के दस्तावेज की जगह नसबंदी के कागजों पर दस्तखत करवा लिए. इसके बाद अस्पताल से 24 जुलाई को कॉल कर बताया गया कि पूनम कंवर की नसबंदी कर दी गई है. थानाधिकारी के अनुसार, डॉक्टर पवन कुमार अग्रवाल और अस्पताल अधीक्षक का कहना है कि परिजनों की सहमति से ही नसबंदी का ऑपरेशन किया गया है.