कोटपूतली (जयपुर). देशभर में कोरोना महामारी की दूसरी लहर का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. जिसको देखते हुए गहलोत सरकार ने सख्ती करते हुए राजस्थान में 10 मई से 24 मई तक लॉकडाउन लगा दिया है. कोरोना को काबू करने के लिए लॉकडाउन कारगर हथियार के तौर पर देखा जा रहा है लेकिन लॉकडाउन ने किसान वर्ग के लिए समस्या खड़ी कर दी है.
राजस्थान में कोरोना संक्रमण के केस बढ़ते जा रहे हैं. पिछले साल भी कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में मजदूरों और किसान वर्ग को नुकसान झेलना पड़ा था. इस साल साल के शुरुआत में किसानों को उम्मीद बंधी थी कि पिछले साल के नुकसान का वो भरपाई कर पाएंगे लेकिन इस बार फिर उन्हें आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कोटपूतली के किसानों ने बड़ी उम्मीद से सब्जी उगाई थी कि कुछ वो मुनाफा कमा सके लेकिन हालात ये हैं कि उन्हें अपनी फसल का लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है.
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लागत मूल्य भी सब्जी का नहीं मिल रहा
संपूर्ण लोकडाउन से किसानों के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. किसानों का कहना है कि वे पूरे दिन खेत में पसीना बहा कर जो सब्जियां उगा रहे हैं, उनका उसे पूरा पैसा नहीं मिल पा रहा है. लॉकडाउन के चलते सब्जियां नहीं बिक रही हैं क्योंकि सरकार ने सब्जी व्यापारियों के लिए समय सीमा निर्धारित कर रखी है. जिसके चलते या तो किसान को सब्जी औने-पौने दामों में बेचनी पड़ रही है या फिर सब्जियों की बिक ही नहीं रही है.
जानवरों को खिला रहे सब्जी
किसान कोरोना काल में दोहरी मार झेल रहे हैं. पहले सब्जी बिक नहीं रही है. वहीं स्टोर करने का इंतजाम नहीं होने से उनकी सब्जियां खराब हो जा रही हैं. जिससे उन्हें मजबूरन मेहनत से उगाई गई सब्जी जानवरों को खिलानी पड़ी रही है.
बेचने का टाइम निर्धारित होने से नहीं बिक रही सब्जियां
जयपुर की कोतपूतली सब्जी मंडी में आए किसानों ने कहा कि सब्जी बेचने का सरकार ने टाइम निर्धारित कर रखा है. जिसके चलते सब्जियां बिक नहीं रही हैं और डिमांड लगातार कम हो रही है. व्यापारी भी कोरोना के कारण नहीं आ रहे हैं. इसलिए उनकी आमदनी पर असर पड़ रहा है.
किसानों का कहना-अगर हालात यही रहे तो बर्बाद हो जाएंगे
किसानों और व्यापारियों का कहना है कि अगर इस प्रकार के हालात बने रहे तो किसान पूरी तरीके से बर्बाद हो जाएगा. वह अपना जीवन यापन सही तरीके से नहीं कर पाएगा. वहीं सब्जी व्यापारियों ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना महामारी से लड़ रही है. यह अच्छी बात है लेकिन सब्जी व्यापारियों और किसानों के लिए समय सीमा निर्धारित कर रही है. उससे यह वर्ग काफी परेशानी का सामना कर रहा है.
किसानों ने लगाई मदद की गुहार
किसानों को चंद पैसों में अपनी सब्जी बेचनी पड़ रही है या मजबूरन जानवरों को खिलानी पड़ रही है. यहां तक की किसान अब लागत भी नहीं निकाल पा रहा है. किसानों का कहना है कि सरकार उनके लिए कुछ करे नहीं तो वो पूरी तरह से बर्बाद हो जायेंगे. उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.