जयपुर. सरकारी बैंकों का निजीकरण किया गया तो कर्मचारी हड़ताल पर जाएंगे. ये कहना है ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन के महासचिव सीएच वेंकटचलम का. शनिवार को जयपुर के महावीर स्कूल सभागार में 32वें प्रांतीय अधिवेशन को संबोधित करते हुए उन्होंने सरकार को ये चेतावनी दी. इस दौरान उन्होंने बैंकों में रिक्त पड़े दो लाख पदों की जानकारी देते हुए इन पर नई भर्तियों की भी मांग की.
प्रदेश के सभी व्यवसायिक बैंक, सहकारी बैंक, ग्रामीण बैंक और निजी बैंकों के 700 प्रतिनिधि शनिवार को एक जाजम पर एकत्रित हुए. मौका था 32वें प्रांतीय अधिवेशन का. जिसका उद्घाटन ऑल इंडिया बैंक एंप्लाइज एसोसिएशन के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने किया. इस दौरान मंच से सीएच वेंकटचलम ने कहा कि बैंकों में काम बढ़ता जा रहा है और स्टाफ कम होते जा रहे हैं. बैंकों को मर्ज करने के कारण शाखाएं बंद होती जा रही है और सरकार बैंकों के निजीकरण पर आमादा है. जिसके विरोध में 13, 14, 15 मई को मुंबई में हड़ताल की जाएगी. उन्होंने राजस्थान के बैंक एंप्लॉइज से भी इस आंदोलन में शरीक होने का आह्वान किया.
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वहीं, प्रदेश बैंक एंप्लाइज यूनियन के महासचिव महेश मिश्रा ने बताया कि प्रदेश में बैंक कर्मचारियों का ये सबसे बड़ा संगठन है. वहीं, अधिवेशन में बैंकों के निजीकरण का विरोध, रिक्त पदों पर भर्ती, ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने, बैंकों के लंबित वेतन समझौते और सरकारी बैंकों में ठेका प्रथा बंद कर स्थाई नियुक्ति करने जैसे प्रस्तावों पर चर्चा की गई. इसके साथ ही बैंकों की वितरण राशि को समग्र रूप से वसूल करने के लिए ये सम्मेलन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि ऑल इंडिया जनरल सेक्रेटरी यहां हैं, उनके सामने ही ये सारे प्रस्ताव पास किए जाएंगे और अखिल भारतीय स्तर पर ये प्रस्ताव पास कर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी. बता दें कि राजस्थान बैंक एंप्लाइज का ये अधिवेशन दो दिन चलेगा. रविवार को इसी अधिवेशन में नई कार्यकारिणी का भी गठन किया जाएगा.