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सरकारी योजनाओं की तर्ज पर मनरेगा में रैंकिंग के आधार पर होगा जिले का चयन

प्रदेश में अब सरकारी योजनाओं की तर्ज पर मनरेगा में भी रैंकिंग के आधार पर जिले का चयन होगा. मुख्य सचिव DB गुप्ता ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स को स्कोर लेटर लिखकर दिशा निर्देश दिए हैं.

सरकारी योजनाओं की तर्ज पर मनरेगा में रैंकिंग के आधार पर होगा जिले का चयन
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Published : May 16, 2019, 5:59 PM IST

जयपुर. सरकारी योजनाओं की तर्ज पर अब मनरेगा में रैंकिंग के आधार पर जिले का चयन होगा. मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर को स्कोर लेटर लिखकर दिशा निर्देश दिए कि वह मनरेगा के तहत कामकाज पर विशेष फोकस करें. साल के अंत में मनरेगा में किए गए कार्य के आधार पर रैंकिंग निकाली जाएगी. डी.बी गुप्ता ने सभी कलेक्टर को हिदायत दी है कि किसी भी जिले की रैंकिंग बी ग्रेड से नीचे नहीं होनी चाहिए. प्रदेश में करीब 2 लाख 13 हजार लोग मनरेगा में काम कर रहे हैं, इन्हें 145 रूपए औसत रेट से भुगतान किया जाता है. हालांकि उम्मीद की जा रही है कि अब यह रेट 170 तक बढ़ाई जा सकती है.

सरकारी योजनाओं की तर्ज पर मनरेगा में रैंकिंग के आधार पर होगा जिले का चयन

क्या होगा रैंकिंग पैमाना:

यह रैंकिंग वित्त वर्ष के सरकारी योजनाओं की वर्किंग के आधार पर जारी की जाएगी. इसमें देखा जाएगा कि मनरेगा के तहत किस जिले में बेहतर काम किया गया है. इसमें जिला कलेक्टर सीधे शामिल होते हैं. ट्रैक्टर की परफॉर्मेंस का पैमाना भी मनरेगा से ही आंका जाएगा. दरअसल कलेक्टर ही सब सरकारी योजनाओं की मॉनिटरिंग आम तौर पर करते हैं इसमें मनरेगा, पीएम आवास योजना, ग्रामीण विकास परियोजनाएं, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण विकास से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं.

वहीं ग्रामीण विकास एवं पंचायती विभाग ने मनरेगा, पीएम आवास योजना, ग्रामीण विकास योजना सहित कई सरकारी योजनाओं की रैंकिंग जारी कर दी, इसमें अजमेर नंबर वन पर रहा वहीं दूसरे नंबर पर अजमेर और भीलवाड़ा तीसरे नंबर पर की. वहीं बारां और हनुमानगढ़ 11वें पायदान पर हैं. झुंझुनू तीसरे पायदान पर, भीलवाड़ा चौथे पायदान पर, धौलपुर पांचवे पायदान पर, चितौड़गढ़ छठवे पायदान पर, चूरू सातवें, कोटा आठवें, गंगानगर नवें, बाड़मेर 10वें, अलवर 11वें, बारां 11वें, हनुमानगढ़ 12वें, सवाई माधोपुर 13वें, सीकर 14वें, झालावाड़ 16वें पायदान पर है.

जयपुर. सरकारी योजनाओं की तर्ज पर अब मनरेगा में रैंकिंग के आधार पर जिले का चयन होगा. मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर को स्कोर लेटर लिखकर दिशा निर्देश दिए कि वह मनरेगा के तहत कामकाज पर विशेष फोकस करें. साल के अंत में मनरेगा में किए गए कार्य के आधार पर रैंकिंग निकाली जाएगी. डी.बी गुप्ता ने सभी कलेक्टर को हिदायत दी है कि किसी भी जिले की रैंकिंग बी ग्रेड से नीचे नहीं होनी चाहिए. प्रदेश में करीब 2 लाख 13 हजार लोग मनरेगा में काम कर रहे हैं, इन्हें 145 रूपए औसत रेट से भुगतान किया जाता है. हालांकि उम्मीद की जा रही है कि अब यह रेट 170 तक बढ़ाई जा सकती है.

सरकारी योजनाओं की तर्ज पर मनरेगा में रैंकिंग के आधार पर होगा जिले का चयन

क्या होगा रैंकिंग पैमाना:

यह रैंकिंग वित्त वर्ष के सरकारी योजनाओं की वर्किंग के आधार पर जारी की जाएगी. इसमें देखा जाएगा कि मनरेगा के तहत किस जिले में बेहतर काम किया गया है. इसमें जिला कलेक्टर सीधे शामिल होते हैं. ट्रैक्टर की परफॉर्मेंस का पैमाना भी मनरेगा से ही आंका जाएगा. दरअसल कलेक्टर ही सब सरकारी योजनाओं की मॉनिटरिंग आम तौर पर करते हैं इसमें मनरेगा, पीएम आवास योजना, ग्रामीण विकास परियोजनाएं, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण विकास से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं.

वहीं ग्रामीण विकास एवं पंचायती विभाग ने मनरेगा, पीएम आवास योजना, ग्रामीण विकास योजना सहित कई सरकारी योजनाओं की रैंकिंग जारी कर दी, इसमें अजमेर नंबर वन पर रहा वहीं दूसरे नंबर पर अजमेर और भीलवाड़ा तीसरे नंबर पर की. वहीं बारां और हनुमानगढ़ 11वें पायदान पर हैं. झुंझुनू तीसरे पायदान पर, भीलवाड़ा चौथे पायदान पर, धौलपुर पांचवे पायदान पर, चितौड़गढ़ छठवे पायदान पर, चूरू सातवें, कोटा आठवें, गंगानगर नवें, बाड़मेर 10वें, अलवर 11वें, बारां 11वें, हनुमानगढ़ 12वें, सवाई माधोपुर 13वें, सीकर 14वें, झालावाड़ 16वें पायदान पर है.

Intro:जयपुर मनरेगा जिला पिछड़ा तो एक्शन में आएगी सरकार , मुख्य सचिव ने सभी जिला कलेक्टर्स दी गाइडलाइन एंकर:- सरकारी योजनाओं की तर्ज पर अब मनरेगा में रैंकिंग के आधार पर जिला का चयन होगा , मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर स्कोर लेटर लिखकर दिशा निर्देश दिए कि वह मनरेगा के तहत उड़ने वाली कामकाज पर विशेष फोकस करें साल के अंत में मनरेगा में किए गए कार्य के आधार पर जिला कलक्टर की रैंकिंग निकाली जाएगी मुकेश जी डी बी गुप्ता ने सभी कलेक्टर को हिदायत दी है कि किसी भी जिले की रैंकिंग बी ग्रेड से नीचे नहीं आए प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही मनरेगा योजना गति प्रदान करने में सरकार लगाइए मनरेगा योजना केंद्र की यूपीए की सरकार ने लागू की थी प्रदेश में करीब 2 लाख 13 हजार लोग मनरेगा में काम कर रहे हैं , इन्हें ₹145 एवरेज रेट से भुगतान किया जाता है हालांकि उम्मीद की जा रही है कि अब यह रेट ₹170 तक बढ़ाई जा सकती है क्या होगा रैंकिंग पैमाना - यह रैंकिंग वित्त वर्ष के कि सरकारी योजनाओं की वर्किंग के आधार पर जारी की जाएगी , इसमें देखा जाएगा कि मनरेगा के तहत किस जिले में बेहतर काम किया गया है , इसमें जिला कलेक्टर सीधे शामिल होते हैं , ट्रैक्टर की परफॉर्मेंस का पैमाना भी मनरेगा से ही आंका जाएगा , दरअसल कलेक्टर ही सब सरकारी योजनाओं की मॉनिटरिंग तौर पर करते हैं इसमें मनरेगा , पीएम आवास योजना , राजीविका मिशन , ग्रामीण विकास परियोजनाएं , स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण विकास से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं , प्रदेश में मनरेगा के लिए 1लाख 40 हजार श्रम दिवस पर किए गए थे , जिसे राज्य सरकार ने 40% बढ़ाकर 2 लाख से अधिक टारगेट किया है , इस अनुपात में अब प्रदेश के तीन करोड़ से ज्यादा श्रम दिवस हो जाएंगे , वहीं ग्रामीण विकास एवं पंचायती विभाग ने मनरेगा, पीएम आवास योजना , ग्रामीण विकास योजना सहित कई सरकारी योजनाओं की रैंकिंग जारी कर दी , इसमें अजमेर नंबर वन पर रहा वहीं दूसरे नंबर पर अजमेर और भीलवाड़ा तीसरे नंबर पर की जबकि राजधानी जयपुर से स्थान पर है, वहीं बारां और हनुमानगढ़ ग्यारवे पायदान पर है पहले पायदान ओर - अजमेर सरकारी योजनाओं की रैंकिंग - दूसरे पायदान पर - झुंझुनू तीसरे पायदान पर - भीलवाड़ा चौथे पायदान पर - धौलपुर पांचवे पायदान पर - चितौड़गढ़ छठवे पायदान पर - चूरू सातवे पायदान पर - कोटा आठवे ओएदान पर - गंगानगर नवे पायदान पर - बाड़मेर दसवे पायदान पर - अलवर ग्यारवे पायदान पर - बारां ग्यारवे पायदान पर - हनुमानगढ़ बारहवे पायदान पर - सवाई माधोपुर तेरहवे पायदान पर - सीकर चौदवे पायदान पर - .... पन्द्रवे पायदान पर - झालावाड़ सोलहवे पायदान पर - टोंक और जयपुर जिला रहा


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