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Dhanteras 2022 : इस मुहूर्त में करें पूजा, पूरी होगी हर मनोकामना..

दीपावाली की शुरुआत धनतेरस से होती है, जिसे छोटी दीपावली भी (Dhanteras Choti Diwali) कहते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की तेरहवीं या त्रयोदशी तिथि पर धनतेरस का पर्व मनाया जाता है. मान्यता है कि धनतेरस के दिन विधि-विधान से शुभ मुहूर्त में पूजा करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

Dhanteras 2022
इस मुहूर्त में करें पूजा
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Published : Oct 22, 2022, 7:19 AM IST

Updated : Oct 22, 2022, 6:16 PM IST

जयपुर. हिंदू धर्म में दीपावली का विशेष महत्व (Significance of Diwali in Hinduism) है. हर किसी को इस पर्व का बेसब्री से इंतजार रहता है. वहीं, इस त्योहार की शुरुआत धनतेरस से होती है, जिसे छोटी दीपावली के रूप में भी मनाया जाता है.

हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की तेरहवीं या त्रयोदशी तिथि पर धनतेरस का पर्व मनाया (Bhagwan Dhanvantari Puja) जाता है. इस दिन भगवान धन्वंतरि के साथ ही देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है. इस दिन कोई भी सामान खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन खरीदी गई चल-अचल संपत्ति में तेरह गुना वृद्धि होती है. यही वजह है कि लोग इस दिन बर्तनों की खरीदारी के अलावा सोने-चांदी की भी जमकर खरीदारी (gold silver shopping) करते हैं. पंचांग के अनुसार इस साल धनतेरस 23 अक्टूबर, 2022 को पड़ रहा है.

इस मुहूर्त में करें धनतेरस की पूजा : कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 22 अक्टूबर, 2022 को शाम 6 बजकर 02 मिनट से त्रयोदशी तिथि के समापन 23 अक्टूबर, 2022 को शाम 06 बजकर 03 मिनट तक है. वहीं, 23 अक्टूबर को रविवार के दिन शाम 05 बजकर 44 मिनट से 06 बजकर 05 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है.

इसे भी पढ़ें - Bhagwan Dhanvantari Puja : धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि के साथ ही करनी चाहिए हनुमान जी की पूजा...यह है कारण

धनतेरस की पूजा विधि

  • धनतेरस के दिन शाम को शुभ मुहूर्त में उत्तर की ओर कुबेर और धन्वंतरि की स्थापना करें.
  • मां लक्ष्मी व गणेश की भी प्रतिमा या फिर तस्वीर स्थापित करें.
  • फिर दीप प्रज्ज्वलित करें और विधिवत पूजन शुरू करें.
  • तिलक करने के बाद पुष्प, फल आदि चीजें अर्पित करें.
  • कुबेर देवता को सफेद मिष्ठान और धन्वंतरि देव को पीले मिष्ठान का भोग लगाएं.
  • पूजा के दौरान 'ऊँ ह्रीं कुबेराय नमः' इस मंत्र का जाप करें.
  • भगवान धन्वंतरि को प्रसन्न करने के लिए इस दिन धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ जरूर करें.

धनतेरस का महत्व : पौराणिक मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरि इसी दिन अपने हाथों में अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे. इसलिए इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है. धनतेरस के दिन धन की देवी लक्ष्मी और धन कुबेर के साथ ही भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से मनुष्य के जीवन में संपन्नता व वृद्धि बनी रहती है.

जयपुर. हिंदू धर्म में दीपावली का विशेष महत्व (Significance of Diwali in Hinduism) है. हर किसी को इस पर्व का बेसब्री से इंतजार रहता है. वहीं, इस त्योहार की शुरुआत धनतेरस से होती है, जिसे छोटी दीपावली के रूप में भी मनाया जाता है.

हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की तेरहवीं या त्रयोदशी तिथि पर धनतेरस का पर्व मनाया (Bhagwan Dhanvantari Puja) जाता है. इस दिन भगवान धन्वंतरि के साथ ही देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है. इस दिन कोई भी सामान खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन खरीदी गई चल-अचल संपत्ति में तेरह गुना वृद्धि होती है. यही वजह है कि लोग इस दिन बर्तनों की खरीदारी के अलावा सोने-चांदी की भी जमकर खरीदारी (gold silver shopping) करते हैं. पंचांग के अनुसार इस साल धनतेरस 23 अक्टूबर, 2022 को पड़ रहा है.

इस मुहूर्त में करें धनतेरस की पूजा : कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 22 अक्टूबर, 2022 को शाम 6 बजकर 02 मिनट से त्रयोदशी तिथि के समापन 23 अक्टूबर, 2022 को शाम 06 बजकर 03 मिनट तक है. वहीं, 23 अक्टूबर को रविवार के दिन शाम 05 बजकर 44 मिनट से 06 बजकर 05 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है.

इसे भी पढ़ें - Bhagwan Dhanvantari Puja : धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि के साथ ही करनी चाहिए हनुमान जी की पूजा...यह है कारण

धनतेरस की पूजा विधि

  • धनतेरस के दिन शाम को शुभ मुहूर्त में उत्तर की ओर कुबेर और धन्वंतरि की स्थापना करें.
  • मां लक्ष्मी व गणेश की भी प्रतिमा या फिर तस्वीर स्थापित करें.
  • फिर दीप प्रज्ज्वलित करें और विधिवत पूजन शुरू करें.
  • तिलक करने के बाद पुष्प, फल आदि चीजें अर्पित करें.
  • कुबेर देवता को सफेद मिष्ठान और धन्वंतरि देव को पीले मिष्ठान का भोग लगाएं.
  • पूजा के दौरान 'ऊँ ह्रीं कुबेराय नमः' इस मंत्र का जाप करें.
  • भगवान धन्वंतरि को प्रसन्न करने के लिए इस दिन धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ जरूर करें.

धनतेरस का महत्व : पौराणिक मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरि इसी दिन अपने हाथों में अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे. इसलिए इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है. धनतेरस के दिन धन की देवी लक्ष्मी और धन कुबेर के साथ ही भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से मनुष्य के जीवन में संपन्नता व वृद्धि बनी रहती है.

Last Updated : Oct 22, 2022, 6:16 PM IST
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