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पायलट निवास के बाहर धरने पर बैठीं वीरांगनाओं से रक्षामंत्री ने की बात, सीएम ने कहा- मैं नहीं मार सकता शहीद के बच्चों का हक

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Published : Mar 7, 2023, 6:22 PM IST

Updated : Mar 7, 2023, 10:58 PM IST

राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बंगले के बाहर धरने पर बैठीं वीरांगनाओं से मंगलवार को केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने फोन पर बात की. इस दौरान उन्होंने उनकी सभी मांगों को सुना और उन्हें हर सभंव मदद मुहैया कराने का आश्वासन (Rajnath Singh spoke on phone to wives of martyrs) दिया है. वहीं, सीएम गहलोत ने भी ट्वीट कर अपनी बातें रखी.

Martyrs Wives Protest
Martyrs Wives Protest

जयपुर. आज देश में होली का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. हर कोई रंगों की मस्ती में सराबोर दिखा, लेकिन राजधानी जयपुर में देश की रक्षार्थ अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों की वीरांगनाएं न्याय के लिए जद्दोजहद करते नजर आईं. बीते 28 फरवरी से शहीदों के सम्मान की लड़ाई लड़ रही उनकी वीरांगनाएं लगातार राज्य सरकार से उनके किए वादों को निभाने की गुहार लगा रही हैं. बावजूद इसके उनकी कोई सुन नहीं रहा है. वहीं, सीएम निवास के बाहर उनके साथ हुई बदसलूकी को शायद ही कोई भूला हो, लेकिन सोमवार से तीन वीरांगनाएं राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के सिविल लाइंस स्थित निवास के बाहर धरने पर बैठी हैं. मंगलवार को एक ओर जहां देश समेत पूरे प्रदेश में लोग बाग होली की मस्ती में मदमस्त थे तो दूसरी ओर धरने पर बैठी वीरांगनाएं अपनी मांगों और न्याय की आस में धरने पर डटी रहीं.

हालांकि, इस बीच केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने धरने पर बैठीं वीरांगनाओं से फोन पर बातचीत की. उन्होंने शहीदों की पत्नियों की बातों को सुना और उन्हें हर संभव मदद मुहैया कराने का आश्वासन भी दिया. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात करके जल्द ही मांगों को पूरा करने की भी बात कही. इधर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि शहीदों के बच्चों का हक मारकर किसी अन्य रिश्तेदार को नौकरी देना भला कैसे उचित ठहराया जा सकता है? ऐसे में जब शहीद के बच्चे बालिग होंगे तो उन बच्चों का क्या होगा? उनका हक मारना उचित है क्या?

  • शहीदों के बच्चों का हक मारकर किसी अन्य रिश्तेदार को नौकरी देना कैसे उचित ठहराया जा सकता है?

    जब शहीद के बच्चे बालिग होंगे तो उन बच्चों का क्या होगा?

    उनका हक मारना उचित है क्या? pic.twitter.com/oUBEoklIDl

    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 7, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वीरांगनाओं का ये दुर्व्यवहार दुर्भाग्यजनक - पिछले सात दिन से राजधानी जयपुर के शहीद स्मारक पर धरना देने के बाद सोमवार को शहीदों की वीरांगनाएं राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के निवास के बाहर धरने पर बैठ गईं. वहीं, मंगलवार को धरने पर बैठी वीरांगनाओं की मांग को लेकर केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने उनसे फोन पर बात की. रक्षामंत्री ने उनकी मांग को सकारात्मक तरीके से सुना. इस दौरान मौके पर मौजूद रहे राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि दुर्भाग्यजनक है कि आज देश में होली मना रहा है, लेकिन जयपुर में शहीदों के परिजन मारे-मारे फिर रहे हैं. उन्होंने कहा कि रक्षामंत्री ने वीरांगनाओं की मांगों की जानकारी ली है. साथ ही उन्हें आश्वस्त किया है कि मुख्यमंत्री से वो बात करके समाधान का रास्ता निकालेंगे.

इसे भी पढ़ें - धरने पर बैठीं वीरांगनाएं, राहुल-सोनिया से मिलवाने की मांग, कहा- गांधी परिवार से न्याय की आस

पायलट के बंगले के बाहर पहुंचे सांसद मीणा - वीरांगनाओं के धरने को समर्थन दे रहे राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी अब सचिन पायलट के बंगले के बाहर वीरांगनाओं के साथ धरने पर बैठ गए हैं. मीणा ने कहा कि इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि देश के बड़े त्योहारों में शुमार होली के दिन भी वीरांगनाओं को धरने पर बैठना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इन वीरांगनाओं की कोई बड़ी मांग नहीं है. ये तो सिर्फ चाहती है कि जो उनके पति के अंतिम संस्कार के दौरान सरकारी प्रतिनिधियों की ओर से घोषणाएं की गई थी, वो पूरी हो. सड़क और स्कूल का नाम शहीदों के नाम पर रखा जाए. साथ ही उनके पति की जगह उनके देवर को नौकरी दी जाए, लेकिन सरकार इन वीरांगनाओं की मांगों को नहीं सुन रही है.

बता दें कि सोमवार को दोपहर में अचानक वीरांगनाएं राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बंगले के बाहर आ गई, जहां उन्होंने प्रदर्शन शुरू कर दिया. इसके बाद पायलट उनसे मिलने के लिए बंगले से बाहर आए और उनकी मांगों को सुने. साथ ही पायलट ने वीरांगनाओं को आश्वत किया कि वह उनकी मांग को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात करेंगे. इस बाबत पायलट ने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा. जिसमें वीरांगनाओं की न्याय संगत मदद किए जाने की बात कही गई. बावजूद इसके पायलट के बंगले से बाहर निकली वीरांगनाएं एक बार फिर से धरने पर बैठ गईं. सोमवार से वीरांगना पायलट के बंगले के बाहर धरने पर बैठी हैं. वहीं इन वीरांगनाओं ने पायलट से सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी से मुलाकात कराने की भी मांग की और कहा कि उन्हें अब केवल व केवल गांधी परिवार से ही न्याय की आस शेष बची है.

एक वीरांगना की बिगड़ी तबीयत - मंगलवार देर शाम राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के निवास के बाहर धरने पर बैठी एक वीरांगना की तबीयत बिगड़ गई. जिसके बाद मौके पर पहुंची एंबुलेंस में वीरांगना को बिठाकर इलाज किया गया. वहीं, जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव और एसपी योगेश गोयल पायलट निवास स्थित धरने स्थल पहुंच वार्ता किए.

जयपुर. आज देश में होली का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. हर कोई रंगों की मस्ती में सराबोर दिखा, लेकिन राजधानी जयपुर में देश की रक्षार्थ अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों की वीरांगनाएं न्याय के लिए जद्दोजहद करते नजर आईं. बीते 28 फरवरी से शहीदों के सम्मान की लड़ाई लड़ रही उनकी वीरांगनाएं लगातार राज्य सरकार से उनके किए वादों को निभाने की गुहार लगा रही हैं. बावजूद इसके उनकी कोई सुन नहीं रहा है. वहीं, सीएम निवास के बाहर उनके साथ हुई बदसलूकी को शायद ही कोई भूला हो, लेकिन सोमवार से तीन वीरांगनाएं राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के सिविल लाइंस स्थित निवास के बाहर धरने पर बैठी हैं. मंगलवार को एक ओर जहां देश समेत पूरे प्रदेश में लोग बाग होली की मस्ती में मदमस्त थे तो दूसरी ओर धरने पर बैठी वीरांगनाएं अपनी मांगों और न्याय की आस में धरने पर डटी रहीं.

हालांकि, इस बीच केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने धरने पर बैठीं वीरांगनाओं से फोन पर बातचीत की. उन्होंने शहीदों की पत्नियों की बातों को सुना और उन्हें हर संभव मदद मुहैया कराने का आश्वासन भी दिया. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात करके जल्द ही मांगों को पूरा करने की भी बात कही. इधर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि शहीदों के बच्चों का हक मारकर किसी अन्य रिश्तेदार को नौकरी देना भला कैसे उचित ठहराया जा सकता है? ऐसे में जब शहीद के बच्चे बालिग होंगे तो उन बच्चों का क्या होगा? उनका हक मारना उचित है क्या?

  • शहीदों के बच्चों का हक मारकर किसी अन्य रिश्तेदार को नौकरी देना कैसे उचित ठहराया जा सकता है?

    जब शहीद के बच्चे बालिग होंगे तो उन बच्चों का क्या होगा?

    उनका हक मारना उचित है क्या? pic.twitter.com/oUBEoklIDl

    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 7, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वीरांगनाओं का ये दुर्व्यवहार दुर्भाग्यजनक - पिछले सात दिन से राजधानी जयपुर के शहीद स्मारक पर धरना देने के बाद सोमवार को शहीदों की वीरांगनाएं राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के निवास के बाहर धरने पर बैठ गईं. वहीं, मंगलवार को धरने पर बैठी वीरांगनाओं की मांग को लेकर केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने उनसे फोन पर बात की. रक्षामंत्री ने उनकी मांग को सकारात्मक तरीके से सुना. इस दौरान मौके पर मौजूद रहे राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि दुर्भाग्यजनक है कि आज देश में होली मना रहा है, लेकिन जयपुर में शहीदों के परिजन मारे-मारे फिर रहे हैं. उन्होंने कहा कि रक्षामंत्री ने वीरांगनाओं की मांगों की जानकारी ली है. साथ ही उन्हें आश्वस्त किया है कि मुख्यमंत्री से वो बात करके समाधान का रास्ता निकालेंगे.

इसे भी पढ़ें - धरने पर बैठीं वीरांगनाएं, राहुल-सोनिया से मिलवाने की मांग, कहा- गांधी परिवार से न्याय की आस

पायलट के बंगले के बाहर पहुंचे सांसद मीणा - वीरांगनाओं के धरने को समर्थन दे रहे राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी अब सचिन पायलट के बंगले के बाहर वीरांगनाओं के साथ धरने पर बैठ गए हैं. मीणा ने कहा कि इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि देश के बड़े त्योहारों में शुमार होली के दिन भी वीरांगनाओं को धरने पर बैठना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इन वीरांगनाओं की कोई बड़ी मांग नहीं है. ये तो सिर्फ चाहती है कि जो उनके पति के अंतिम संस्कार के दौरान सरकारी प्रतिनिधियों की ओर से घोषणाएं की गई थी, वो पूरी हो. सड़क और स्कूल का नाम शहीदों के नाम पर रखा जाए. साथ ही उनके पति की जगह उनके देवर को नौकरी दी जाए, लेकिन सरकार इन वीरांगनाओं की मांगों को नहीं सुन रही है.

बता दें कि सोमवार को दोपहर में अचानक वीरांगनाएं राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बंगले के बाहर आ गई, जहां उन्होंने प्रदर्शन शुरू कर दिया. इसके बाद पायलट उनसे मिलने के लिए बंगले से बाहर आए और उनकी मांगों को सुने. साथ ही पायलट ने वीरांगनाओं को आश्वत किया कि वह उनकी मांग को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात करेंगे. इस बाबत पायलट ने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा. जिसमें वीरांगनाओं की न्याय संगत मदद किए जाने की बात कही गई. बावजूद इसके पायलट के बंगले से बाहर निकली वीरांगनाएं एक बार फिर से धरने पर बैठ गईं. सोमवार से वीरांगना पायलट के बंगले के बाहर धरने पर बैठी हैं. वहीं इन वीरांगनाओं ने पायलट से सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी से मुलाकात कराने की भी मांग की और कहा कि उन्हें अब केवल व केवल गांधी परिवार से ही न्याय की आस शेष बची है.

एक वीरांगना की बिगड़ी तबीयत - मंगलवार देर शाम राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के निवास के बाहर धरने पर बैठी एक वीरांगना की तबीयत बिगड़ गई. जिसके बाद मौके पर पहुंची एंबुलेंस में वीरांगना को बिठाकर इलाज किया गया. वहीं, जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव और एसपी योगेश गोयल पायलट निवास स्थित धरने स्थल पहुंच वार्ता किए.

Last Updated : Mar 7, 2023, 10:58 PM IST
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