जयपुर. आज देश में होली का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. हर कोई रंगों की मस्ती में सराबोर दिखा, लेकिन राजधानी जयपुर में देश की रक्षार्थ अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों की वीरांगनाएं न्याय के लिए जद्दोजहद करते नजर आईं. बीते 28 फरवरी से शहीदों के सम्मान की लड़ाई लड़ रही उनकी वीरांगनाएं लगातार राज्य सरकार से उनके किए वादों को निभाने की गुहार लगा रही हैं. बावजूद इसके उनकी कोई सुन नहीं रहा है. वहीं, सीएम निवास के बाहर उनके साथ हुई बदसलूकी को शायद ही कोई भूला हो, लेकिन सोमवार से तीन वीरांगनाएं राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के सिविल लाइंस स्थित निवास के बाहर धरने पर बैठी हैं. मंगलवार को एक ओर जहां देश समेत पूरे प्रदेश में लोग बाग होली की मस्ती में मदमस्त थे तो दूसरी ओर धरने पर बैठी वीरांगनाएं अपनी मांगों और न्याय की आस में धरने पर डटी रहीं.
हालांकि, इस बीच केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने धरने पर बैठीं वीरांगनाओं से फोन पर बातचीत की. उन्होंने शहीदों की पत्नियों की बातों को सुना और उन्हें हर संभव मदद मुहैया कराने का आश्वासन भी दिया. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात करके जल्द ही मांगों को पूरा करने की भी बात कही. इधर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि शहीदों के बच्चों का हक मारकर किसी अन्य रिश्तेदार को नौकरी देना भला कैसे उचित ठहराया जा सकता है? ऐसे में जब शहीद के बच्चे बालिग होंगे तो उन बच्चों का क्या होगा? उनका हक मारना उचित है क्या?
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शहीदों के बच्चों का हक मारकर किसी अन्य रिश्तेदार को नौकरी देना कैसे उचित ठहराया जा सकता है?
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जब शहीद के बच्चे बालिग होंगे तो उन बच्चों का क्या होगा?
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— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 7, 2023
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