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रेल सेवा पर कोरोना की मार, जानिए रोज कितने करोड़ का हो रहा नुकसान

कोरोना वायरस का संक्रमण देश-दुनिया में लगातार बना है. कोरोना का सबसे बड़ा असर ट्रांसपोर्टेशन पर देखने को मिला है. हवाई मार्ग, रेल मार्ग या सड़क यातायात तीनों ही सामान्य नहीं हो रहे हैं.

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रेल सेवा पर कोरोना की मार
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Published : May 21, 2021, 11:08 PM IST

जयपुर. कोरोना की दूसरी लहर का कहर जारी है. हालांकि राजधानी जयपुर और प्रदेश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है. लेकिन कोरोना का असर लगातार जयपुर रेलवे जंक्शन पर बना हुआ है.

ये भी पढ़ें- जयपुर: बगरू CHC पर वैक्सीनेशन के दौरान हंगामा, परिचितों को बैकडोर से टीका लगवाने का आरोप

यात्री घटे, ट्रेनों का संचालन भी कम

जयपुर जंक्शन से लगातार ट्रेन संचालन में गिरावट दर्ज की जा रही है. यात्रियों को संख्या भी घटकर ना के बराबर पहुंच गई है. जिससे रेलवे को रोजाना आर्थिक तौर पर नुकसान भी हो रहा है. फिलहाल जयपुर जंक्शन से 40 ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है. कोविड कि दूसरी लहर से पहले जयपुर जंक्शन पर यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही थी और ट्रेनों का संचालन सामान्य हो गया था. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में एक बार फिर रेलवे पर बड़ा असर देखने को मिला है. लगातर ट्रेन संचालन में गिरावट आने लग गई है. यात्रियों की संख्या में भी रोजाना गिरावट दर्ज की जा रही है.

पिछले साल लॉकडाउन से पहले 112 ट्रेन हो रही थी संचालित

रेलवे से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले साल केंद्र सरकार के द्वारा लगाए गए लॉकडाउन से पहले जयपुर रेलवे जंक्शन से 112 ट्रेनें संचालित हो रही थी. लॉकडाउन के अंतर्गत सभी ट्रेनों को बंद कर दिया गया था. लेकिन लॉकडाउन खुलने के बाद धीरे-धीरे स्थिति सामान्य होने लगी थी.

दिवाली के बाद से ही लगातार यात्री भार में बढ़ोतरी होने लगी थी. एक वक्त जयपुर जंक्शन से पहले की तरह ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया था. ट्रेन बढ़कर 110 तक पहुंच गई थी. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने एक बार फिर रेलवे की कमर तोड़ दी और धीरे-धीरे ट्रेनों का संचालन कम होने लगा.

मार्च से कम हुई ट्रेनों की संख्या

मार्च में ट्रेनों का संचालन कम होने लगा. ट्रेनों का संचालन घटकर 75 ट्रेनें ही रह गया. लेकिन जब सरकार के द्वारा कोरोना की दूसरे लहर को देखते हुए लॉकडाउन लगाया गया तो ट्रेनों का संचालन घटकर 40 रह गया है.

रोजाना साढ़े चार करोड़ का नुकसान

यात्री भार की बात की जाए तो कोरोना से पहले जयपुर एयरपोर्ट पर 1 लाख 20 हजार यात्रियों का आवागमन होता था. अब यह घटकर महज 11 से 12 हजार यात्री ही रह गया है. रेलवे से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लॉकडाउन से नार्थ वेस्टर्न रेलवे (NWR) को रोजाना 4.5 करोड़ रुपये तक का नुकसान भी उठाना पड़ रहा है.

जयपुर. कोरोना की दूसरी लहर का कहर जारी है. हालांकि राजधानी जयपुर और प्रदेश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है. लेकिन कोरोना का असर लगातार जयपुर रेलवे जंक्शन पर बना हुआ है.

ये भी पढ़ें- जयपुर: बगरू CHC पर वैक्सीनेशन के दौरान हंगामा, परिचितों को बैकडोर से टीका लगवाने का आरोप

यात्री घटे, ट्रेनों का संचालन भी कम

जयपुर जंक्शन से लगातार ट्रेन संचालन में गिरावट दर्ज की जा रही है. यात्रियों को संख्या भी घटकर ना के बराबर पहुंच गई है. जिससे रेलवे को रोजाना आर्थिक तौर पर नुकसान भी हो रहा है. फिलहाल जयपुर जंक्शन से 40 ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है. कोविड कि दूसरी लहर से पहले जयपुर जंक्शन पर यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही थी और ट्रेनों का संचालन सामान्य हो गया था. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में एक बार फिर रेलवे पर बड़ा असर देखने को मिला है. लगातर ट्रेन संचालन में गिरावट आने लग गई है. यात्रियों की संख्या में भी रोजाना गिरावट दर्ज की जा रही है.

पिछले साल लॉकडाउन से पहले 112 ट्रेन हो रही थी संचालित

रेलवे से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले साल केंद्र सरकार के द्वारा लगाए गए लॉकडाउन से पहले जयपुर रेलवे जंक्शन से 112 ट्रेनें संचालित हो रही थी. लॉकडाउन के अंतर्गत सभी ट्रेनों को बंद कर दिया गया था. लेकिन लॉकडाउन खुलने के बाद धीरे-धीरे स्थिति सामान्य होने लगी थी.

दिवाली के बाद से ही लगातार यात्री भार में बढ़ोतरी होने लगी थी. एक वक्त जयपुर जंक्शन से पहले की तरह ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया था. ट्रेन बढ़कर 110 तक पहुंच गई थी. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने एक बार फिर रेलवे की कमर तोड़ दी और धीरे-धीरे ट्रेनों का संचालन कम होने लगा.

मार्च से कम हुई ट्रेनों की संख्या

मार्च में ट्रेनों का संचालन कम होने लगा. ट्रेनों का संचालन घटकर 75 ट्रेनें ही रह गया. लेकिन जब सरकार के द्वारा कोरोना की दूसरे लहर को देखते हुए लॉकडाउन लगाया गया तो ट्रेनों का संचालन घटकर 40 रह गया है.

रोजाना साढ़े चार करोड़ का नुकसान

यात्री भार की बात की जाए तो कोरोना से पहले जयपुर एयरपोर्ट पर 1 लाख 20 हजार यात्रियों का आवागमन होता था. अब यह घटकर महज 11 से 12 हजार यात्री ही रह गया है. रेलवे से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लॉकडाउन से नार्थ वेस्टर्न रेलवे (NWR) को रोजाना 4.5 करोड़ रुपये तक का नुकसान भी उठाना पड़ रहा है.

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