जयपुर. प्रदेश के युवा बेरोजगारों के साथ ही अब संविदा कर्मचारियों ने भी राज्य सरकार के खिलाफ (Campaign Against Bharat Jodo Yatra) मोर्चा खोला है. राज्य सरकार की ओर से हाल ही में संविदाकर्मियों के लिए बनाए गए रूल्स का विरोध करते हुए संविदाकर्मियों ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में सरकार की वादाखिलाफी का प्रचार करने की चेतावनी दी है. साथ ही संविदाकर्मी सरदारशहर उपचुनाव में सरकार के खिलाफ विरोधी लहर चलाएंगे.
राज्य सरकार की ओर से हाल ही में राजस्थान कांट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स 2022 बनाए गए हैं. लेकिन प्रदेश के 1.10 लाख से ज्यादा संविदा कर्मियों को नए नियम रास नहीं आ रहे. ऐसे में उन्होंने इन नियमों में संशोधन की मांग को लेकर सरकार का विरोध कर रहे हैं. संविदा कर्मियों ने शुक्रवार को सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि संविदाकर्मियों की पिछली नौकरी को शून्य मानते हुए अन्य परिलाभों में कटौती कर एक बार फिर संविदा पर ही रखने का फैसला किया है. जिससे सभी संविदाकर्मियों में भारी रोष है.
उन्होंने कहा कि कैबिनेट मंत्री डॉ बीडी कल्ला की अध्यक्षता में संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए (Gehlot Government Accused of Promise Breach) सरकार ने एक कमेटी का गठन किया गया था. लेकिन, अभी तक उस कमेटी की रिपोर्ट लंबित है. ऐसे में कमेटी की रिपोर्ट के बिना ही संविदा कर्मचारियों के सर्विस रूल्स बनाए गए. जिसमें पिछले 15 सालों से कार्यरत कर्मचारियों को किसी भी प्रकार का कोई लाभ नहीं दिया जा रहा है.
संविदाकर्मियों ने सरकार के सामने मांग रखते हुए कहा कि संविदाकर्मियों की पुरानी सर्विस को अकाउंट करते हुए उन्हें नियमित किया जाना चाहिए. लेकिन नए रूल्स में पुरानी सर्विस का जिक्र नहीं है. ऐसे में अब इन संविदा कर्मचारियों ने मांगें नहीं माने जाने पर 24 नवंबर को जयपुर में बड़ी रैली करने का एलान किया है. संविदाकर्मियों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि वे राहुल गांधी से भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सरकार की कार्यशैली से अवगत कराएंगे. साथ ही सरदारशहर उपचुनाव में भी राज्य सरकार के खिलाफ प्रचार करेंगे.
प्रदेश के अल्पसंख्यक विभाग, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग, शिक्षा विभाग और ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के संविदाकर्मियों के प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया कि सरकार ने संविदाकर्मियों के साथ वादाखिलाफी की है. जब कांग्रेस सरकार विधानसभा चुनाव लड़ रही थी तो उस दौरान पार्टी ने घोषणा पत्र में संविदाकर्मियों को नियमित करने का वादा किया था. लेकिन, चार साल का कार्यकाल गुजरने के बाद भी ये वादा पूरा नहीं किया है.