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द ग्रेट पॉलिटिकल ड्रामा : सियासत में फिर गद्दारी-वफादारी की एंट्री, CM गहलोत ने वसुंधरा का जताया आभार

राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर गद्दारी और वफादारी की एंट्री हो गई है. सीएम गहलोत ने रविवार को उन नामों का खुलकर जिक्र किया जिन्होंने उनका साथ दिया और जो उनके खिलाफ गए. इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री ने वसुंधरा राजे का भी आभार जताया.

Ashok Gehlot Big Statement
अशोक गहलोत
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Published : May 7, 2023, 9:59 PM IST

अशोक गहलोत का बड़ा बयान

जयपुर. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में सरकार दोहराने के वादे और इरादे के बीच चुनावी साल में पुरानी राग ने नया रंग अख्तियार कर लिया है. कांग्रेस की अंदरूनी सियासत में गद्दारी, वफादारी और अफसोस के साथ माफीनामे का जिक्र होने लगा है. धौलपुर की चुनावी सभा में गहलोत ने खुलकर उन नामों का जिक्र किया, जिन्होंने पार्टी के अंदर की बगावत में अगले कदम पर पायलट की जगह गहलोत को तरजीह दी थी.

अपने बयान में गहलोत ने साथ देने वाले कांग्रेस विधायकों का जिक्र करते हुए शुक्रिया अदा किया, तो भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का नाम लेकर कहा कि उनके साथ के बिना सरकार को बचा पाना मुमकिन नहीं है. सियासी पंडित गहलोत के इस बयान को उनकी नई रणनीति के रूप में देख रहे हैं. गहलोत ने एक बार फिर 102 विधायकों का जिक्र छेड़ा और कहा कि सत्ता में पहला हक इन विधायकों में से बनता था. गहलोत की बातों में अफसोस भी नजर आया कि उन्होंने साथ देने वाले विधायकों को मंत्री बनाने में कामयाबी हासिल नहीं की.

इन विधायकों ने निभाई थी गहलोत से वफादारी : धौलपुर में दिए अपने भाषण में अशोक गहलोत ने सरकार पर संकट का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें वक्त रहते राजाखेड़ा विधायक विवेक बोहरा, डीडवाना विधायक चेतन डूडी और सवाई माधोपुर विधायक दानिश अबरार ने अगर वक्त पर जानकारी नहीं दी होती, तो फिर वह आज मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज नहीं रह पाते. गहलोत ने धौलपुर के दो और विधायकों का जिक्र किया और कहा कि गिरिराज मलिंगा और खिलाड़ी लाल बैरवा भी 102 विधायकों के कैंप में उनके साथ खड़े थे.

पढ़ें : Rajasthan Politics : अशोक गहलोत ने भाजपा नहीं, सचिन पायलट को लिया निशाने पर...

गौरतलब है कि बैरवा और मलिंगा फिलहाल पायलट समर्थक नेताओं में शुमार होते हैं. गहलोत ने महाराष्ट्र का जिक्र करते हुए कहा कि देश में खरीद-फरोख्त के जरिए 3 सरकारों को गिरा दिया गया. जहां विधायकों को करोड़ों रुपए दिए जाते हैं, तो लालच में फंसना लाजिमी है. सीएम गहलोत ने कहा कि बाड़ेबंदी के दौरान उन्होंने अपने समर्थक विधायकों को वापसी का भरोसा दिलाते हुए कहा था कि तुम मांगते-मांगते थक जाओगे, पर मैं सौगात देने में पीछे नहीं हटूंगा.

अशोक गहलोत ने उन विधायकों का भी जिक्र किया, जो उनकी खिलाफत में चले गए थे. उन्होंने कहा कि मैंने भूलो और माफ करो कि रणनीति पर उन विधायकों को भी कहा कि आपके काम होंगे. हालांकि, खिलाड़ी लाल बैरवा और गिरिराज मलिंगा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इन्हें पहले साथ देने के बाद नाराजगी भी हो गई थी. गहलोत ने अपने भाषण में बहुजन समाज पार्टी छोड़कर कांग्रेस में विलय करने वाले 6 विधायकों को भी कुछ नहीं मिल पाने पर अफसोस जाहिर किया था.

भाजपा खिलाफ भी रही और साथ भी दिया : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहा कि एक ओर भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेता मेरी सरकार को अस्थिर करने में लगे थे, तो दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश के नेताओं ने ही इस संकट की घड़ी में मेरा साथ दिया था. गहलोत ने अपने शब्दों में आभार जताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि राजे और मेघवाल ने कहा था कि वह कभी ऐसी परंपरा का हिस्सा नहीं रहे, जहां पैसों के दम पर चुनी हुई सरकारों को गिराया जाता था. उन्होंने भाजपा का खेमा बदलने वाली धौलपुर विधायक शोभारानी कुशवाह का भी जिक्र किया और कहा कि उन्होंने भी मन की आवाज को सुना.

अशोक गहलोत का बड़ा बयान

जयपुर. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में सरकार दोहराने के वादे और इरादे के बीच चुनावी साल में पुरानी राग ने नया रंग अख्तियार कर लिया है. कांग्रेस की अंदरूनी सियासत में गद्दारी, वफादारी और अफसोस के साथ माफीनामे का जिक्र होने लगा है. धौलपुर की चुनावी सभा में गहलोत ने खुलकर उन नामों का जिक्र किया, जिन्होंने पार्टी के अंदर की बगावत में अगले कदम पर पायलट की जगह गहलोत को तरजीह दी थी.

अपने बयान में गहलोत ने साथ देने वाले कांग्रेस विधायकों का जिक्र करते हुए शुक्रिया अदा किया, तो भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का नाम लेकर कहा कि उनके साथ के बिना सरकार को बचा पाना मुमकिन नहीं है. सियासी पंडित गहलोत के इस बयान को उनकी नई रणनीति के रूप में देख रहे हैं. गहलोत ने एक बार फिर 102 विधायकों का जिक्र छेड़ा और कहा कि सत्ता में पहला हक इन विधायकों में से बनता था. गहलोत की बातों में अफसोस भी नजर आया कि उन्होंने साथ देने वाले विधायकों को मंत्री बनाने में कामयाबी हासिल नहीं की.

इन विधायकों ने निभाई थी गहलोत से वफादारी : धौलपुर में दिए अपने भाषण में अशोक गहलोत ने सरकार पर संकट का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें वक्त रहते राजाखेड़ा विधायक विवेक बोहरा, डीडवाना विधायक चेतन डूडी और सवाई माधोपुर विधायक दानिश अबरार ने अगर वक्त पर जानकारी नहीं दी होती, तो फिर वह आज मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज नहीं रह पाते. गहलोत ने धौलपुर के दो और विधायकों का जिक्र किया और कहा कि गिरिराज मलिंगा और खिलाड़ी लाल बैरवा भी 102 विधायकों के कैंप में उनके साथ खड़े थे.

पढ़ें : Rajasthan Politics : अशोक गहलोत ने भाजपा नहीं, सचिन पायलट को लिया निशाने पर...

गौरतलब है कि बैरवा और मलिंगा फिलहाल पायलट समर्थक नेताओं में शुमार होते हैं. गहलोत ने महाराष्ट्र का जिक्र करते हुए कहा कि देश में खरीद-फरोख्त के जरिए 3 सरकारों को गिरा दिया गया. जहां विधायकों को करोड़ों रुपए दिए जाते हैं, तो लालच में फंसना लाजिमी है. सीएम गहलोत ने कहा कि बाड़ेबंदी के दौरान उन्होंने अपने समर्थक विधायकों को वापसी का भरोसा दिलाते हुए कहा था कि तुम मांगते-मांगते थक जाओगे, पर मैं सौगात देने में पीछे नहीं हटूंगा.

अशोक गहलोत ने उन विधायकों का भी जिक्र किया, जो उनकी खिलाफत में चले गए थे. उन्होंने कहा कि मैंने भूलो और माफ करो कि रणनीति पर उन विधायकों को भी कहा कि आपके काम होंगे. हालांकि, खिलाड़ी लाल बैरवा और गिरिराज मलिंगा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इन्हें पहले साथ देने के बाद नाराजगी भी हो गई थी. गहलोत ने अपने भाषण में बहुजन समाज पार्टी छोड़कर कांग्रेस में विलय करने वाले 6 विधायकों को भी कुछ नहीं मिल पाने पर अफसोस जाहिर किया था.

भाजपा खिलाफ भी रही और साथ भी दिया : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहा कि एक ओर भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेता मेरी सरकार को अस्थिर करने में लगे थे, तो दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश के नेताओं ने ही इस संकट की घड़ी में मेरा साथ दिया था. गहलोत ने अपने शब्दों में आभार जताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि राजे और मेघवाल ने कहा था कि वह कभी ऐसी परंपरा का हिस्सा नहीं रहे, जहां पैसों के दम पर चुनी हुई सरकारों को गिराया जाता था. उन्होंने भाजपा का खेमा बदलने वाली धौलपुर विधायक शोभारानी कुशवाह का भी जिक्र किया और कहा कि उन्होंने भी मन की आवाज को सुना.

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