जयपुर. राजधानी के कालवाड़ में एक सभा को संबोधित करते हुए सीएम अशोक गहलोत ने जहां अपने शासन के कार्यों का बखान किया, वहीं दूसरी तरफ आरएसएस और बीजेपी पर (CM Gehlot Targets BJP) जमकर निशाना साधा. इस दौरान सीएम गहलोत ने लोगों से जय सियाराम के नारे भी लगवाए.
सीएम गहलोत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वे राम के आदर्श पर चलते नहीं हैं, केवल नाम लेते हैं. उन्होंने कहा कि जय श्रीराम की जगह जय सियाराम बोलना चाहिए. उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से राहुल गांधी को यात्रा के दौरान (Rahul Gandhi Bharat Jodo Yatra) कोविड प्रोटोकॉल की पालना करने को लेकर लिखे पत्र पर भी निशाना साधा. गहलोत ने यात्रा जब 20 को समाप्त हुई तो वे 20 को ही पत्र लिख रहे हैं, क्या मजाक है. अगर प्रोटोकॉल था तो उसे पहले से लागू करना चाहिए.
गहलोत ने कहा कि यात्रा को जो रेस्पांस मिल रहा है, उससे केंद्र सरकार हिल गई है. उन्होंने अपनी सरकार का (Development Work in Gehlot Government) बखान करते हुए कहा कि मुझे तीसरी बार राजस्थान का मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला. मैंने कोई कसर नहीं छोड़ी. एक से एक बजट पेश किए.
RSS-BJP राम का नाम लेती है, उनके आदर्शों पर चलती नहीं : कांग्रेस पार्टी एक ओर राहुल गांधी की यात्रा के जरिए जनता में पैठ बनाने का प्रयास कर रही है, तो दूसरी ओर भाजपा के हिंदुत्व के नाम पर लिए जा रहे वोट बैंक में भी सेंध लगाने का प्रयास कर रही है. यही कारण है कि राहुल गांधी के बाद अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी आरएसएस और भाजपा की कथनी और करनी में फर्क बताते हुए जनसभा में जय श्री राम की जगह जय सियाराम के नारे लगवाने शुरू कर दिए हैं.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को जयपुर के कालवाड़ में हुए विकास कार्यों के शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान कहा कि राहुल गांधी ने एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर सबका ध्यान आकर्षित किया है कि हम सीता माता को क्यों भूल गए हैं. उन्होंने कहा कि आरएसएस और भाजपा की सोच (CM Gehlot Targets RSS and BJP) ऐसी ही है जो महिलाओं को आगे आने नहीं देती. यह राम का नाम जरूर लेते हैं, लेकिन राम के आदर्शों पर चलते नहीं हैं.
गहलोत ने भाजपा और RSS पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह जिस कार्यशैली, व्यवहार और भाषा में बात करते हैं, उससे सिर्फ देश में तनाव पैदा होता है और इसी तनाव को दूर करने के लिए राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे हैं. जैसा राहुल गांधी ने कहा कि सीता मैया को भी राम के साथ याद करना चाहिए. उसी बात के अनुरूप गहलोत ने कहा कि सीता माता को राम से अलग नहीं किया जाना चाहिए. गहलोत ने कहा कि यही कारण था कि मैंने भी यह नारा सभा में लगवाया है. इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुरुवार को जब कालवाड़ पहुंचे तो पहले वह गौशाला पहुंचे और गायों का पूजन किया.
राहुल की यात्रा पर केंद्र की चिट्ठी को लेकर फिर बोले गहलोतः चीन समेत कई देशों में कोरोनावायरस के विस्तार ने भारत में भी चिंताएं बढ़ा दी है. लेकिन इन चिंताओं के बीच राज्यों या पूरे देश के लिए बिना कोई एसओपी जारी किए स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने जब राहुल गांधी को यात्रा रोकने की अपील का पत्र लिखा, तो इसे लेकर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं. सीएम अशोक गहलोत ने इस पत्र को एक मजाक करार देते हुए कहा है कि अगर केंद्र सरकार पत्र लिखने की बजाए पहले एसओपी लागू करता और फिर यात्रा को लेकर अपनी बात रखते तो अलग बात होती. लेकिन यात्रा जिस दिन प्रदेश में खत्म हो रही थी उस दिन एक पत्र सामने आता है जो 20 दिसम्बर को मंत्री ने सीएम और राहुल गांधी को लिखा. इसको हम क्या कहेंगे? यह क्या मजाक है?, अगर प्रोटोकॉल कोई होता और एसओपी होती कोरोना की, जो भारत सरकार की अलग होती है राज्य के अलग होती है, तो बात अलग होती.
गहलोत ने कहा कि गाइडलाइन का एक प्रोसेस होता है, अभी देश में कोरोना को लेकर सारे नियम कायदे हट चुके हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार या तो उसको लगा देता और फिर हमें कहते कि हमने यह कानून लागू कर दिए और आप इनका ध्यान रखें. गहलोत ने कहा भारत जोड़ो यात्रा को आम जनता का जो एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी रेस्पॉन्स मिल रहा है, उससे केंद्र कि मोदी सरकार घबरा गई है. उसी घबराहट का यह नतीजा है कि वह इस तरह का बर्ताव कर रही है. गहलोत ने कहा कि मैने तो पहले भी कहा था कि मोदी सरकार इस यात्रा से हिल गई है.
केवल भाजपा को पॉलिटिकल कोरोना हुआः उधर राजस्थान के कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में जो जनसैलाब आ रहा है. उसके चलते वास्तविकता में भाजपा और केंद्र में सत्ता में बैठे लोगों को कोविड हुआ है. डोटासरा ने कहा कि इस यात्रा से जो मैसेज गया है उससे भाजपा बौखला गई है. उस यात्रा से ही भाजपा को कोविड हुआ है, जिससे यह बौखला गई है.
डोटासरा ने कहा कि अगर भारत सरकार को कोई कार्रवाई करनी थी तो चिट्ठी राहुल गांधी को नहीं लिखनी चाहिए थी, उनको एक्शन लेना चाहिए था. साथ ही कोरोना की गाइडलाइन जारी करनी थी. यह तो पॉलिटिकल कोविड है इसका कोई इलाज भी नहीं है. उन्होंने भाजपा की जन आक्रोश यात्रा को लेकर कहा कि पूनिया ने पहले कहा जनाक्रोश यात्रा नहीं निकलेगी, फिर कहा यात्रा निकलेगी. ऐसे में कहा जा सकता है कि यह तो आपस में जनाक्रोश निकाल रहे हैं.