जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को अपने वर्तमान कार्यकाल का आखरी बजट पेश किया. हालांकि इस बार का बजट (राजस्व व्यय) 2 लाख 58 हजार 883 करोड़ 68 लाख रुपये रहेगा, जो पिछले राजस्व व्यय से करीब 10 हजार करोड़ रुपए ज्यादा है. हालांकि अनुमानों के अनुसार राजस्थान का राजस्व घाटा जो पिछले साल 32 हजार 310 करोड़ 13 लाख रुपये था, वह इस बार घटकर 24 हजार 895 करोड़ 67 लाख रुपए रहने का अनुमान है. एलपीजी गैस सिलेंडर पर सब्सिडी, निशुल्क फूड पैकेट और निशुल्क घरेलू बिजली से राज्य सरकार को 19000 करोड़ से अधिक का असर पड़ेगा, लेकिन सरकार आम जनता को यह महंगाई राहत पैकेज जरूर देगी.
वर्ष 2023-24 के बजट अनुमानों के अनुसार इस बार राजस्व प्राप्तियां 2 लाख 33 हजार 988 करोड़ 1 लाख रहेगी. जिसके मुकाबले में राजस्व 2 लाख 58 हजार 883 करोड़ 68 लाख होगा. इस तरह इस बार राजस्व घाटा 24 हजार 895 करोड़ 67 लाख रुपए रहेगा. खास बात यह है कि राजस्थान की जीएसडीपी की वृद्धि दर जो साल 2019-19 में 2.37 प्रतिशत के साथ देश में एक तीसरे स्थान पर थी, वह साल 2021-22 में 11.04 प्रतिशत के साथ देश में दूसरे स्थान पर आ गई है.
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इस बार बजट में पूंजी खाते की प्राप्तियां 1 लाख 56 हजार 954 करोड़ 97 लाख रुपए है. जबकि पूंजी खाते में व्यय 1 लाख 31 हजार 972 करोड़ 80 लाख रुपए है. जहां तक राजस्थान पर कुल कर्ज की बात की जाए तो कर्ज करीब चार लाख 89 हजार 103 करोड़ है. जो नए आंकड़ों में कुछ अधिक आ सकता है. मुख्यमंत्री ने आज सदन में कहा कि कोरोना की विषम परिस्थितियों के बाद भी राजस्थान सरकार ने अपने कुशल वित्तीय प्रबंधन के चलते 80% से ज्यादा जन घोषणाओं और 4 सालों में कुल 2722 बजट घोषणाओं में से 85% बजट घोषणाओं को पूरा करने में सफलता प्राप्त की है.
गहलोत ने इस दौरान कहा कि 'कर्म में अगर सच्चाई है, तो कर्म कहां निष्फल होगा. हर एक संकट का हल होगा, आज नहीं तो कल होगा.' उन्होंने कहा कि भले ही राज्य पर पेट्रोल-डीजल पर वैट और घरेलू बिजली की दरों में कमी करने के बाद भी 13000 करोड़ रुपए का वार्षिक वित्तीय भार आया लेकिन महंगाई से त्रस्त जनता को राहत देने का काम जारी रखेंगे. यही कारण है कि गहलोत ने इस बार भी एक करोड़ एनएफएसए (राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम) परिवारों को आगामी साल भी निशुल्क राशन के साथ ही निशुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट मिलेगा. इसमें 1 किलो दाल, चीनी, नमक, 1 लीटर खाद्य तेल और मसाले उपलब्ध दिए जाएंगे. जिस पर राज्य सरकार को 3000 करोड़ रुपए का व्यय होगा.
बीपीएल और पीएम उज्जवला योजना में शामिल निम्न आय वर्ग के 76 लाख परिवारों को 500 रुपए में गैस सिलेंडर और 100 यूनिट प्रतिमाह तक बिजली का उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं को निशुल्क बिजली देने का प्रावधान किया है. गहलोत ने यह भी दावा किया कि चरणबद्ध रूप में राजस्थान में 300 यूनिट प्रतिमाह तक घरेलू उपभोक्ताओं को निशुल्क बिजली उपलब्ध करवाना उनका लक्ष्य है. बजट के बाद राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय पर कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने आतिशबाजी भी की. इस दौरान सभी कार्यकर्ता बजट की तारीफ करते और एक-दूसरे को मिठाईयां खिलाते नजर आए.